सर्चिंग अभियान के दौरान पैर रखते ही हुआ धमाका, घायल जवान खतरे से बाहर

बीजापुर आईईडी ब्लास्ट: एक जवान शहीद, तीन घायल | छत्तीसगढ़ नक्सली हमला

बीजापुर।
छत्तीसगढ़ का बीजापुर जिला एक बार फिर नक्सली हिंसा की चपेट में आ गया। रविवार सुबह भोपालपट्नम थाना क्षेत्र के उल्लूर जंगल में नक्सलियों द्वारा लगाए गए प्रेशर आईईडी की चपेट में आने से जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) का एक बहादुर जवान शहीद हो गया, जबकि तीन जवान घायल हो गए।

जानकारी के अनुसार, डीआरजी की टीम नक्सल विरोधी अभियान के तहत जंगल में सर्चिंग पर निकली थी। इसी दौरान अचानक जवान दिनेश नाग (38 वर्ष) का पैर प्रेशर आईईडी पर पड़ गया और जोरदार धमाका हो गया। विस्फोट की तीव्रता इतनी अधिक थी कि मौके पर ही जवान ने शहादत दे दी। घटना के बाद साथी जवानों ने मोर्चा संभालते हुए घायलों को सुरक्षित निकाला और तुरंत प्राथमिक उपचार उपलब्ध कराया। बाद में घायल जवानों को बेहतर इलाज के लिए जगदलपुर रेफर किए जाने की संभावना जताई जा रही है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि तीनों जवानों की स्थिति फिलहाल खतरे से बाहर है।

इलाके में बढ़ी हलचल, सुरक्षा बल सतर्क

घटना की सूचना मिलते ही बीजापुर और आसपास के सुरक्षा कैंपों को अलर्ट कर दिया गया। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी मौके पर रवाना हो गए हैं। यह इलाका लंबे समय से नक्सलियों की सक्रियता के लिए जाना जाता है। नक्सली अक्सर सुरक्षाबलों की आवाजाही वाले रास्तों में आईईडी लगाकर हमला करते हैं। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि यह हमला जवानों की हौसला अफजाई को कमजोर करने और सर्चिंग अभियान को बाधित करने के मकसद से किया गया।

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बीते दिनों की घटनाएं

यह पहली बार नहीं है जब बीजापुर में नक्सलियों ने सुरक्षाबलों को निशाना बनाया हो।

  • 6 अगस्त की मुठभेड़: बीजापुर के गंगालूर थाना इलाके में जवानों ने मुठभेड़ के दौरान एक नक्सली को ढेर किया था। नक्सली का शव और हथियार मौके से बरामद हुए थे।
  • नक्सलियों का आत्मसमर्पण: इसी माह की शुरुआत में बीजापुर में लगातार दबाव और मुठभेड़ों के डर से एक महिला नक्सली समेत 9 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया था। इनमें से छह पर कुल 24 लाख रुपये का इनाम घोषित था। इनमें एक नक्सली पर 8 लाख, दो पर 5-5 लाख और तीन पर 2-2 लाख रुपये का इनाम था।

नक्सल समस्या की गंभीरता

छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग का बीजापुर जिला नक्सलवाद की सबसे गंभीर चुनौती झेल रहा है। घने जंगल और दुर्गम इलाके नक्सलियों को सुरक्षा बलों पर हमले करने और छिपने का मौका देते हैं। सरकार और सुरक्षा एजेंसियां लगातार नक्सली गतिविधियों पर अंकुश लगाने के प्रयास कर रही हैं, लेकिन समय-समय पर इस तरह की घटनाएं सुरक्षा व्यवस्था को चुनौती देती हैं।

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शहीद जवान को श्रद्धांजलि

शहीद दिनेश नाग की शहादत ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि नक्सल प्रभावित इलाकों में तैनात सुरक्षाबल किस कठिन परिस्थिति में काम कर रहे हैं। प्रशासन ने शहीद जवान के परिवार को हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया है।


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