October 15, 2025 11:44 PM

बिहार माता सीता की जन्मभूमि और प्रेरणा की पवित्र धरती है: उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन

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बिहार माता सीता की जन्मभूमि और प्रेरणा की धरती है: उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन

पटना, 28 सितंबर। उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन रविवार को पटना में आयोजित उन्मेषा इंटरनेशनल लिटरेचर फेस्टिवल के समापन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि बिहार माता सीता की जन्मभूमि है, जिन्होंने साहस, धैर्य और संघर्षपूर्ण जीवन जीकर पूरे विश्व को प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि यह धरती सदियों से न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व के लिए प्रेरणा का स्रोत रही है।


बिहार दौरे पर उपराष्ट्रपति की भावनाएँ

उपराष्ट्रपति बनने के बाद यह उनका पहला बिहार दौरा था। उन्होंने कहा कि इस पवित्र भूमि पर आना उनके लिए गर्व की बात है। अपने संबोधन में उन्होंने स्पष्ट कहा कि बिहार की धरती ने हमेशा समाज और मानवता को दिशा दी है। माता सीता का जीवन इस बात का उदाहरण है कि साहस और धैर्य के साथ किसी भी परिस्थिति का सामना किया जा सकता है।


बिहार: क्रांति और संघर्ष की धरती

राधाकृष्णन ने याद किया कि बिहार सदियों से क्रांतिकारियों का केंद्र रहा है। उन्होंने अपने जीवन का एक प्रसंग साझा करते हुए कहा कि वे स्वयं मात्र 19 वर्ष की आयु में जयप्रकाश नारायण के संपूर्ण क्रांति आंदोलन का हिस्सा बने थे। इस आंदोलन ने उनके जीवन को नई दिशा दी और उन्हें समाज के लिए काम करने की प्रेरणा दी।


छठ पर्व और सांस्कृतिक विशिष्टता

अपने संबोधन में उपराष्ट्रपति ने छठ पर्व का विशेष उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि यह पर्व हमारी संस्कृति की महानता का प्रतीक है, जहाँ उगते और डूबते दोनों सूर्य की पूजा की जाती है। यह परंपरा भारतीय संस्कृति की गहराई और जीवन-दृष्टि को दर्शाती है।


सांस्कृतिक विविधता और एकता का संदेश

भारत की विविधताओं का उल्लेख करते हुए राधाकृष्णन ने कहा कि यूरोप में एक मित्र ने उनसे पूछा था कि इतने भाषाई और सांस्कृतिक भेदों के बावजूद भारत एकजुट कैसे रहता है? उन्होंने उत्तर दिया—“हमारा धर्म और संस्कृति ही हमें जोड़ते हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि भारत की सांस्कृतिक शक्ति ही उसे विश्व में अद्वितीय बनाती है।


राज्यपाल और उपमुख्यमंत्री ने किया स्वागत

पटना पहुंचने पर उपराष्ट्रपति का स्वागत राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने किया। राधाकृष्णन ने राज्यपाल को अपना पुराना मित्र बताते हुए याद किया कि दोनों साथ में संसद सदस्य भी रह चुके हैं।


जयप्रकाश नारायण को श्रद्धांजलि

कार्यक्रम स्थल पर जाते समय उपराष्ट्रपति ने जेपी गोलंबर स्थित लोकनायक जयप्रकाश नारायण की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए। उन्होंने कहा कि वे स्वयं जयप्रकाश नारायण के विचारों और आंदोलनों से गहराई से जुड़े रहे हैं। लोकनायक के प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट करते हुए उन्होंने कहा कि उनका जीवन आज भी युवाओं को संघर्ष और सेवा का मार्ग दिखाता है।



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