बिहार बंद: पीएम मोदी को मां की गाली पर भाजपा का जोरदार प्रदर्शन, 12 जिलों में जाम और आगजनी
पटना। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को उनकी दिवंगत मां को लेकर अभद्र टिप्पणी किए जाने के विरोध में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने गुरुवार को बिहार बंद का आह्वान किया। सुबह से ही प्रदेश के कई जिलों में बंद का व्यापक असर देखने को मिला। समस्तीपुर, बेगूसराय, छपरा, हाजीपुर, दरभंगा समेत करीब 12 जिलों में नेशनल हाईवे जाम कर दिया गया, जिससे जगह-जगह गाड़ियों की लंबी कतारें लग गईं। राजधानी पटना में एनडीए कार्यकर्ताओं ने कई इलाकों में सड़कें जाम कीं और टायर जलाकर विरोध जताया।

27 अगस्त को शुरू हुआ विवाद
यह पूरा विवाद 27 अगस्त को दरभंगा में राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा के दौरान शुरू हुआ। इस कार्यक्रम के मंच से मोहम्मद रिजवी नामक व्यक्ति ने प्रधानमंत्री मोदी को मां की गाली दी थी। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ और इसके बाद भाजपा ने कांग्रेस और राजद पर सीधा हमला बोला। पुलिस ने आरोपी मोहम्मद रिजवी को 28 अगस्त की रात गिरफ्तार कर लिया। जानकारी के मुताबिक, वह पंक्चर की दुकान चलाता है।

पीएम मोदी ने जताई पीड़ा
इस घटना पर प्रधानमंत्री मोदी ने 2 सितंबर को बिहार की जीविका दीदियों को संबोधित करते हुए अपनी भावनाएं सार्वजनिक कीं। उन्होंने कहा, “मेरी मां का राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है। वे इस दुनिया में भी नहीं हैं। फिर भी उन्हें कांग्रेस-राजद के मंच से गाली दी गई। यह केवल मेरे लिए नहीं, बल्कि बिहार के लोगों के लिए भी गहरी पीड़ा का विषय है। मैं यह दुख आपसे साझा कर रहा हूं ताकि इस पीड़ा को सहन कर सकूं।”
पटना में कड़ा सुरक्षा बंदोबस्त
बंद के मद्देनज़र पटना में कांग्रेस और राजद कार्यालयों की सुरक्षा बढ़ा दी गई। राजधानी में करीब 2 हजार पुलिसकर्मी तैनात किए गए। इसके बावजूद भाजपा कार्यकर्ताओं ने सगुना मोड़ पर आगजनी की और डाकबंगला चौराहे को ब्लॉक कर दिया। कुछ जगहों पर उन्होंने सरकारी गाड़ियों को भी रोका, जिनमें जज और शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव की गाड़ियां शामिल थीं।

जिलों में सड़कों पर उतरे कार्यकर्ता
- जहानाबाद: भाजपा कार्यकर्ता बंद को सफल बनाने के लिए रोड रोलर लेकर सड़क पर उतर आए और यातायात पूरी तरह बाधित कर दिया। इस दौरान एक महिला शिक्षक को स्कूल जाने से रोका गया और उन्हें जबरन घर भेजा गया।
- भागलपुर: बंद समर्थकों और बाइक से जा रहे एक दंपती के बीच बहस हुई, जो बाद में बदसलूकी में बदल गई।
- दरभंगा: यहां महिला मोर्चा ने कमान संभाली। कार्यकर्ताओं ने चौक-चौराहों पर जाम लगाया, लेकिन पुलिस, एंबुलेंस और एयरफोर्स की गाड़ियों को जाने दिया।
- बेगूसराय: मंत्री सुरेंद्र मेहता खुद सड़कों पर उतरे और दुकानों व रास्तों को बंद करवाया।
- मुंगेर: यहां शांतिपूर्ण ढंग से बंद कराया गया, हालांकि कुछ जगहों पर दुकानें खुली रहीं।
- मुजफ्फरपुर: मुजफ्फरपुर-दरभंगा एनएच 27 पर बंद समर्थकों और RAF जवानों में तीखी बहस हुई। बाद में बातचीत के बाद मामला शांत हुआ।
बिहार की सियासत गरमाई
इस बंद ने बिहार की राजनीति में नई सरगर्मी ला दी है। भाजपा लगातार कांग्रेस और राजद को घेरने में जुटी है। पार्टी का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी के सम्मान से जुड़ा मामला बिहार के लोगों का भी अपमान है। वहीं, विपक्षी दलों की ओर से इस बंद को राजनीतिक नौटंकी बताया जा रहा है।
आम जनता पर असर
बंद के कारण सुबह से ही आम लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। नेशनल हाईवे जाम होने से यात्री बसें और निजी वाहन फंसे रहे। कई यात्रियों को बीच रास्ते में उतरकर पैदल जाना पड़ा। बाजारों और दुकानों पर भी बंद का असर दिखा।
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