July 10, 2025 8:31 PM

चिन्नास्वामी स्टेडियम भगदड़ पर बड़ा एक्शन: RCB के मार्केटिंग हेड समेत 4 गिरफ्तार, हाई कोर्ट ने मांगी रिपोर्ट

  • विजय उत्सव ने बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर भारी भगदड़ में बदलकर 11 लोगों की जान ले ली

बेंगलुरु। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की जीत के बाद आयोजित विजय उत्सव ने बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर भारी भगदड़ में बदलकर 11 लोगों की जान ले ली। अब इस त्रासदी के बाद आरसीबी (रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु), डीएनए इवेंट मैनेजमेंट कंपनी, और कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (KSCA) के खिलाफ गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है और चार लोगों की गिरफ्तारी हुई है।

प्रथम दृष्टया लापरवाही का मामला, एफआईआर में तीनों प्रमुख पक्ष आरोपी

कब्बन पार्क पुलिस थाने में दर्ज की गई एफआईआर में सबसे पहले आरसीबी मैनेजमेंट को आरोपी बनाया गया है। इसके बाद इवेंट मैनेजमेंट से जुड़ी डीएनए कंपनी और फिर केएससीए को तीसरे नंबर पर शामिल किया गया है। चार गिरफ्तार लोगों में आरसीबी के मार्केटिंग हेड निखिल सोसले और डीएनए कंपनी के सुनील मैथ्यू शामिल हैं। एफआईआर भारतीय दंड संहिता की धारा 105 (गैर इरादतन हत्या), 115 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), और 118 (खतरनाक तरीके से चोट पहुंचाना) के तहत दर्ज की गई है। एफआईआर में ‘अन्य’ का भी उल्लेख किया गया है, जिससे संकेत मिलता है कि आगे और लोगों की गिरफ्तारी हो सकती है।

विपक्ष का हमला: यूडीआर रिपोर्ट क्यों दर्ज की गई?

एफआईआर की कार्रवाई उस वक्त हुई जब विपक्ष और सामाजिक संगठनों ने कर्नाटक सरकार द्वारा पहले सिर्फ अप्राकृतिक मृत्यु रिपोर्ट (UDR) दर्ज करने की आलोचना की। उनका आरोप था कि सरकार बड़े आयोजनों में प्रशासनिक चूक को छिपाने की कोशिश कर रही है।

हाई कोर्ट की सख्ती: SOP और भीड़ प्रबंधन पर मांगी विस्तृत रिपोर्ट

कर्नाटक उच्च न्यायालय की खंडपीठ, जिसमें कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश वी. कामेश्वर राव शामिल थे, ने इस घटना को लेकर राज्य सरकार से जवाब तलब किया है। कोर्ट ने पूछा कि क्या भीड़ नियंत्रण के मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) का पालन किया गया था और क्या आयोजन के दौरान पर्याप्त दिशा-निर्देश और सुरक्षा इंतजाम किए गए थे। राज्य के महाधिवक्ता शशिकिरण शेट्टी ने अदालत को बताया कि स्टेडियम की क्षमता जहां 35,000 थी, वहां 2.5 लाख लोग जुट गए थे। हालांकि आमतौर पर क्रिकेट मैचों में 700 पुलिसकर्मी तैनात होते हैं, इस बार 1,600 पुलिसकर्मी लगाए गए थे। बावजूद इसके, हालात नियंत्रण से बाहर हो गए।

त्रासदी से सवाल खड़े, जवाबदेही जरूरी

इस घटना ने बड़े आयोजनों में सुरक्षा मानकों और जिम्मेदारी तय करने को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। आयोजकों, टीम मैनेजमेंट और राज्य प्रशासन के बीच तालमेल की कमी इस दर्दनाक हादसे की प्रमुख वजह मानी जा रही है। अब जब पुलिस कार्रवाई तेज हो गई है और न्यायिक जांच की मांग उठ रही है, देखना होगा कि दोषियों पर क्या कार्रवाई होती है और भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए क्या सबक लिए जाते हैं।

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