June 7, 2025 10:36 PM

भोपाल से पाकिस्तान को दो टूक: पीएम मोदी बोले – सिंदूर बना भारत के शौर्य का प्रतीक, दुश्मन को घर में घुसकर मारा

  • ऑपरेशन सिंदूर अब तक का सबसे बड़ा सफल सैन्य अभियान बनकर उभरा
  • आतंकवाद को करारा जवाब दिया और भारतीय सेना की रणनीतिक क्षमता का नया अध्याय लिखा

भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर पाकिस्तान और आतंकवाद को कठोर शब्दों में चेतावनी दी है। भोपाल में आयोजित महिला सशक्तिकरण महासम्मेलन में पीएम मोदी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर अब तक का सबसे बड़ा सफल सैन्य अभियान बनकर उभरा है, जिसने आतंकवाद को करारा जवाब दिया और भारतीय सेना की रणनीतिक क्षमता का नया अध्याय लिखा।

“गोली का जवाब गोले से मिलेगा”

पीएम मोदी ने कहा, “आतंकियों ने जब नारी शक्ति को चुनौती दी, तो यही चुनौती उनके और उनके आकाओं के लिए काल बन गई। भारत ने यह सिद्ध किया है कि अगर कोई आंख उठाएगा, तो जवाब भी आंख उठाकर ही दिया जाएगा — गोली का जवाब अब गोले से मिलेगा।” उनका यह बयान साफ संकेत था कि भारत अब रक्षात्मक नहीं, बल्कि निर्णायक नीति अपना चुका है। ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से भारत ने सैकड़ों किलोमीटर दूर जाकर दुश्मन के आतंकी अड्डों को नेस्तनाबूद किया, और यही भारत के बदलते आत्मविश्वास का प्रतीक है।

देवी अहिल्याबाई होल्कर को श्रद्धांजलि: नारी सशक्तिकरण की प्रतीक

इस महासम्मेलन का आयोजन लोकमाता देवी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती पर हुआ। प्रधानमंत्री ने उन्हें भारतीय संस्कृति की संरक्षिका और समाज सुधार की अग्रदूत बताते हुए कहा, “जब मंदिरों और संस्कृति पर हमले हो रहे थे, तब अहिल्याबाई ने संरक्षक बनकर भारत की आत्मा को बचाया।” पीएम ने याद दिलाया कि अहिल्याबाई होल्कर ने न केवल मंदिरों का पुनर्निर्माण कराया बल्कि समाज में महिलाओं को अधिकार दिलाने का भी साहसिक प्रयास किया — संपत्ति में अधिकार, विधवा पुनर्विवाह जैसे निर्णय उनके समय के लिए क्रांतिकारी थे।

आधुनिक भारत को जोड़ने वाले प्रोजेक्ट्स की सौगात

इंदौर मेट्रो और सतना-दतिया एयरपोर्ट जैसे बड़े प्रोजेक्ट्स की शुरुआत भी इसी कार्यक्रम के दौरान की गई। पीएम ने कहा कि “इन परियोजनाओं से मप्र में विकास की रफ्तार और तेज़ होगी, रोज़गार के अवसर बनेंगे और सुविधाएं बढ़ेंगी।”

महिला सशक्तिकरण से लेकर कृषि सुधार तक: अहिल्याबाई की प्रेरणा

प्रधानमंत्री मोदी ने अहिल्याबाई के आर्थिक दृष्टिकोण को भी सराहा। उन्होंने बताया कि कैसे अहिल्याबाई ने कपास और मसालों की खेती को प्रोत्साहन देकर किसानों की आय बढ़ाने का रास्ता दिखाया। इसके साथ ही उन्होंने आदिवासी और घुमंतू समुदायों के लिए कृषि योजना बनाकर उन्हें मुख्यधारा से जोड़ा। “आज जब हम क्रॉप डायवर्सिफिकेशन की बात करते हैं, तो यह देवी अहिल्याबाई जैसी दूरदर्शी नेताओं की सोच को ही दोहराना है,” पीएम ने कहा।

“पश्चिम वाले हमें सिखाते हैं, लेकिन सच्चाई यह है…”

प्रधानमंत्री ने कहा कि पश्चिमी देश अक्सर भारत को महिलाओं के अधिकारों पर घेरने की कोशिश करते हैं, लेकिन यह नहीं जानते कि 250 साल पहले ही भारत में मालवा की सेना में महिलाओं की टुकड़ी बनाई गई थी। अहिल्याबाई ने महिला सुरक्षा टोलियों का गठन भी कराया था।

कार्यक्रम में महिलाओं से संवाद

कार्यक्रम स्थल पर पीएम मोदी ने महिला बुनकरों और “ड्रोन दीदी” जैसी नवाचार से जुड़ी महिलाओं से संवाद किया। यह संदेश भी स्पष्ट था कि भारत की नई उड़ान अब नारी शक्ति के नेतृत्व में ही संभव है।

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