भोपाल बनेगा स्पोर्ट्स साइंस और हाई-परफॉर्मेंस ट्रेनिंग का राष्ट्रीय हब, 25 करोड़ से बनेगा आधुनिक केंद्र

भोपाल, शुक्रवार 22 अगस्त 2025 (15:19 IST)।
भोपाल अब खेलों की दुनिया में एक नए युग का गवाह बनने जा रहा है। नाथु बरखेड़ा स्थित स्पोर्ट्स सिटी में खेल विभाग लगभग 25 करोड़ रुपये की लागत से अत्याधुनिक स्पोर्ट्स साइंस एवं हाई-परफॉर्मेंस सेंटर स्थापित कर रहा है। यह केंद्र खिलाड़ियों को आधुनिक वैज्ञानिक पद्धतियों और नवीनतम तकनीक के जरिए प्रशिक्षण देकर उनकी शारीरिक क्षमता, मानसिक दृढ़ता, चोट से बचाव और प्रदर्शन सुधार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

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मुख्यमंत्री की पहल

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव स्वयं खेलों में गहरी रुचि रखते हैं। उनका मानना है कि आज के समय में खिलाड़ियों को केवल पारंपरिक प्रशिक्षण से सफलता नहीं मिल सकती। उन्हें वैज्ञानिक शोध और आधुनिक तकनीकों का सहारा भी चाहिए। इसी सोच के साथ यह सेंटर स्थापित किया जा रहा है, जो मध्यप्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए एक आदर्श मॉडल होगा।

क्यों जरूरी है स्पोर्ट्स साइंस सेंटर?

विशेषज्ञ बताते हैं कि खेलों में सफलता केवल कौशल या अच्छी कोचिंग से नहीं मिलती। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खिलाड़ियों को मनोवैज्ञानिक दबाव, चोटों, पोषण और तकनीकी कमियों जैसी चुनौतियों से जूझना पड़ता है।
ऐसे में खिलाड़ियों के प्रदर्शन को सुधारने के लिए मनोविज्ञान, पोषण विज्ञान, बॉयोमेकेनिक्स और फिजियोलॉजी जैसे क्षेत्रों पर गहराई से काम करना आवश्यक है। यही कारण है कि भोपाल में इस तरह के व्यापक स्तर के सेंटर की आवश्यकता लंबे समय से महसूस की जा रही थी।

सेंटर की मुख्य विशेषताएँ

यह केंद्र देश का पहला ऐसा समेकित स्पोर्ट्स साइंस मॉडल होगा, जहां खिलाड़ियों को एक ही परिसर में कई क्षेत्रों का सहयोग मिलेगा:

  • फिजियोलॉजी लैब: VO2 मैक्स टेस्टिंग, बॉडी कंपोजिशन एनालिसिस जैसी सुविधाएँ।
  • बॉयोमेकेनिक्स लैब: मोशन कैप्चर, गेट एनालिसिस, फोर्स-प्लेट टेस्टिंग।
  • मनोविज्ञान इकाई: तनाव और चिंता प्रबंधन, मानसिक दृढ़ता पर कार्य।
  • पोषण एवं बॉयोकेमिस्ट्री सपोर्ट: ब्लड मार्कर टेस्टिंग, वैज्ञानिक डाइट चार्ट और निगरानी।
  • रिकवरी सूट: हाइड्रोथेरेपी, क्रायोथेरेपी और फिजियोथेरेपी।

इसके अलावा विशेषज्ञ वैज्ञानिक, मनोवैज्ञानिक, पोषण विशेषज्ञ, फिजियोथेरेपिस्ट और डेटा एनालिस्ट खिलाड़ियों की व्यक्तिगत प्रोफाइल तैयार करेंगे और उनकी जरूरतों के अनुसार प्रशिक्षण कार्यक्रम बनाएंगे।

खिलाड़ियों और प्रदेश को होगा लाभ

यह स्पोर्ट्स साइंस सेंटर न केवल ओलंपिक, एशियाई खेलों और कॉमनवेल्थ गेम्स जैसे अंतरराष्ट्रीय आयोजनों में मध्यप्रदेश के खिलाड़ियों के प्रदर्शन को नई ऊँचाई देगा, बल्कि प्रदेश के उभरते खिलाड़ियों को भी वैज्ञानिक प्रशिक्षण का अवसर मिलेगा।
इस पहल से भोपाल को स्पोर्ट्स साइंस का राष्ट्रीय हब बनाने की दिशा में कदम बढ़ेगा और भारत को एक वैश्विक खेल शक्ति के रूप में स्थापित करने की दीर्घकालिक रणनीति को भी गति मिलेगी।