राजवाड़ा इंदौर में मंगलवार को होने वाली बैठक में प्रस्ताव पर लग सकती है मुहर
भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार राजधानी भोपाल और व्यापारिक नगरी इंदौर को मेट्रोपॉलिटन रीजन के रूप में विकसित करने की दिशा में बड़ा कदम उठाने जा रही है। इस संबंध में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हाल ही में हुई एक उच्चस्तरीय बैठक में “मध्यप्रदेश मेट्रोपॉलिटन नियोजन एवं विकास अधिनियम 2025” का प्रारूप तैयार किया गया है। अब यह प्रस्ताव कल यानी मंगलवार को इंदौर के ऐतिहासिक राजवाड़ा में आयोजित कैबिनेट बैठक में प्रस्तुत किए जाने की संभावना है। अगर यह अधिनियम मंजूरी पा लेता है, तो मध्यप्रदेश देश का 13वां राज्य बन जाएगा, जहां मेट्रोपॉलिटन रीजन एक्ट लागू होगा।

भोपाल मेट्रोपॉलिटन रीजन: 9600 वर्ग किलोमीटर में फैला विकास मॉडल
इस अधिनियम के अंतर्गत भोपाल मेट्रोपॉलिटन रीजन का विस्तार 9600 वर्ग किलोमीटर तक होगा, जिसमें रायसेन, विदिशा, राजगढ़ और सीहोर जिलों के कई हिस्से शामिल होंगे। दक्षिण में ओबेदुल्लागंज से लेकर उत्तर में श्यामपुर तक यह क्षेत्र फैलेगा। योजना के मुताबिक, वर्तमान में लगभग 35 लाख की आबादी को ध्यान में रखकर यह रीजन विकसित किया जाएगा, जो भविष्य में 60 लाख तक पहुंचने का अनुमान है। आगामी 14 माह में क्षेत्रीय विकास और निवेश योजना (Regional Development and Investment Plan) तैयार की जाएगी।
इंदौर मेट्रोपॉलिटन रीजन: उज्जैन, धार और देवास होंगे मुख्य भाग
इंदौर मेट्रोपॉलिटन रीजन की योजना 9336 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैली होगी, जिसमें उज्जैन, धार और देवास जिलों के शहरी और अर्ध-शहरी क्षेत्र शामिल किए जाएंगे। इस क्षेत्र की संभावित जनसंख्या 75 लाख मानी गई है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि इस योजना में प्राकृतिक सौंदर्य, वन क्षेत्र, और पर्यटन की संभावनाओं को विशेष प्राथमिकता दी जाए।
देश के ये राज्य पहले ही लागू कर चुके हैं मेट्रोपॉलिटन एक्ट
अब तक देश के 12 राज्यों में मेट्रोपॉलिटन रीजन अधिनियम पहले से लागू है। इसमें मुंबई, पुणे, नागपुर, हैदराबाद, विशाखापत्तनम, चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरु, दिल्ली-एनसीआर, श्रीनगर-जम्मू, गुवाहाटी और हरियाणा के क्षेत्र शामिल हैं। यदि कैबिनेट इस प्रस्ताव को स्वीकृति देती है, तो मध्यप्रदेश 13वां राज्य होगा जो इस आधुनिक शहरी नियोजन प्रणाली को अपनाएगा।
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