July 4, 2025 5:15 AM

व्हाट ए राइड! भारतीय गगनयात्री शुभांशु शुक्ला एक्सियम मिशन-4 के तहत अंतरिक्ष रवाना, 6 बार टली लॉन्चिंग के बाद ऐतिहासिक उड़ान

bhartiya-gaganyatri-shubhanshu-shukla-ax-4-mission

फ्लोरिडा/नई दिल्ली। भारत के लिए गौरवपूर्ण क्षण आया जब भारतीय वायुसेना के पायलट और अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने एक्सियम मिशन-4 (Ax-4) के अंतर्गत आज, 25 जून को अंतरिक्ष की ओर उड़ान भरी। यह मिशन छह बार तकनीकी और मौसम संबंधी कारणों से टल चुका था, लेकिन आखिरकार मंगलवार दोपहर 12 बजे भारतीय समयानुसार अमेरिकी राज्य फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से स्पेसएक्स के फाल्कन-9 रॉकेट के ज़रिए सफलता पूर्वक लॉन्च किया गया।

शुभांशु ने अंतरिक्ष से भेजा संदेश

मिशन के सफल प्रक्षेपण के बाद जब कैप्सूल ने पृथ्वी की कक्षा में प्रवेश किया, तो शुभांशु ने वहां से भावुक संदेश भेजा— “व्हाट ए राइड! मेरे कंधे पर लगा तिरंगा बताता है कि मैं सिर्फ एक व्यक्ति नहीं, बल्कि पूरे भारत का प्रतिनिधित्व कर रहा हूं।” इस भावुक पल को उनके माता-पिता ने टीवी स्क्रीन पर देखा और गर्व से भरकर ताली बजाई। लखनऊ निवासी उनके माता-पिता शंभु दयाल शुक्ला और आशा शुक्ला की आंखें नम थीं, पर चेहरा संतोष से दमक रहा था।

कौन हैं शुभांशु शुक्ला?

शुभांशु शुक्ला का जन्म 1986 में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हुआ। उन्होंने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) से प्रशिक्षण प्राप्त किया और 2006 में भारतीय वायुसेना में बतौर फाइटर पायलट शामिल हुए। उनके पास सुखोई जैसे आधुनिक फाइटर जेट उड़ाने का लंबा अनुभव है। उन्हें भारत के महत्वाकांक्षी गगनयान मिशन के लिए भी ISRO द्वारा चयनित किया गया है और उन्होंने रूस और अमेरिका में विशेष प्रशिक्षण प्राप्त किया है।

इस ट्रेनिंग में माइक्रोग्रैविटी में जीवन, अंतरिक्ष यान की आपात स्थिति से निपटना, और वैज्ञानिक अनुसंधान जैसे विषयों पर व्यापक अनुभव प्राप्त किया।


एक्सियम-4 मिशन: आखिरकार 6 ठहरावों के बाद हुई लॉन्चिंग

Ax-4 मिशन को पहले 6 बार टालना पड़ा, जिनके प्रमुख कारण निम्न रहे:

  1. 29 मई: ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट तैयार नहीं था।
  2. 8 जून: फाल्कन-9 रॉकेट तकनीकी रूप से तैयार नहीं हुआ।
  3. 10 जून: मौसम खराब होने से उड़ान टाली गई।
  4. 11 जून: स्पेसकैप्सूल में ऑक्सीजन लीक मिला।
  5. 19 जून: क्रू की सेहत और मौसम का असर।
  6. 22 जून: ISS के मॉड्यूल की सुरक्षा समीक्षा के चलते फिर टला।

इन सब रुकावटों को पार कर आखिरकार 25 जून को शुभांशु और उनकी टीम— जिसमें अमेरिका, इटली और तुर्किये के अंतरिक्ष यात्री भी शामिल हैं—ने उड़ान भरी। उनका स्पेसक्राफ्ट 26 जून को शाम 4:30 बजे अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से जुड़ेगा।


इस मिशन के उद्देश्य क्या हैं?

Ax-4 मिशन केवल एक अंतरिक्ष यात्रा नहीं, बल्कि भविष्य की निजी अंतरिक्ष परियोजनाओं की नींव है। इसके मुख्य उद्देश्य हैं:

  • वैज्ञानिक अनुसंधान: माइक्रोग्रेविटी में मेडिकल, फिजिक्स और मटेरियल साइंस से जुड़े प्रयोग।
  • नई तकनीक का परीक्षण: स्पेस एनवायरनमेंट में नवाचार की क्षमता को परखना।
  • अंतरराष्ट्रीय सहयोग: विविध देशों के अंतरिक्ष यात्रियों को साझा मंच देना।
  • शैक्षणिक जुड़ाव: पृथ्वी पर लोगों, खासकर युवाओं को अंतरिक्ष विज्ञान के लिए प्रेरित करना।

यह मिशन एक्सियम स्पेस द्वारा शुरू की गई एक दीर्घकालिक योजना का हिस्सा है जिसमें भविष्य में एक स्वतंत्र वाणिज्यिक अंतरिक्ष स्टेशन — एक्सियम स्टेशन — की स्थापना की योजना है।


भारत की नई छलांग

शुभांशु की यह उड़ान केवल व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि भारत की बदलती अंतरिक्ष रणनीति की नई उड़ान है। भारत अब न केवल ISRO के ज़रिए वैज्ञानिक मिशन भेज रहा है, बल्कि निजी एवं अंतरराष्ट्रीय सहयोग के ज़रिए वैश्विक अंतरिक्ष क्षेत्र में अपनी निर्णायक उपस्थिति दर्ज करा रहा है।



Share on facebook
Share on twitter
Share on linkedin
Share on whatsapp
Share on telegram