भारतीय वायु सेना 7 मई से पाकिस्तान सीमा से सटे रेगिस्तानी इलाकों में एक महत्वपूर्ण युद्धाभ्यास शुरू करने जा रही है। यह अभ्यास राजस्थान के रेगिस्तानी क्षेत्र और आसपास के इलाकों में होगा, जिसमें भारतीय वायुसेना के अत्याधुनिक लड़ाकू विमान – राफेल, मिराज-2000 और सुखोई-30 जैसे अग्रणी एयरक्राफ्ट हिस्सा लेंगे। इसे लेकर भारत की ओर से NOTAM (नोटिस टू एयरमेन) जारी कर दिया गया है, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हवाई गतिविधियों को लेकर एक महत्वपूर्ण सूचना होती है।
इस युद्धाभ्यास का उद्देश्य भारत की वायु सुरक्षा क्षमताओं को परखना और किसी भी आपात स्थिति से निपटने की तैयारी करना है। विशेष बात यह है कि यह कवायद ऐसे समय पर की जा रही है जब कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव और अधिक बढ़ गया है। इस पृष्ठभूमि में यह अभ्यास सामरिक दृष्टि से और भी अहम माना जा रहा है।
गृह मंत्रालय ने राज्यों को दिए निर्देश
इस सैन्य तैयारी के साथ-साथ केंद्र सरकार भी चौकन्ना है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सोमवार को देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक अहम पत्र जारी किया, जिसमें 7 मई को मॉक ड्रिल आयोजित करने के निर्देश दिए गए हैं। इन मॉक ड्रिल्स का उद्देश्य है – यह सुनिश्चित करना कि दुश्मन देश के किसी भी संभावित हमले की स्थिति में नागरिक प्रशासन, पुलिस, आपदा प्रबंधन और स्वास्थ्य सेवाएं कितनी तत्पर हैं।
मंत्रालय ने राज्यों से कहा है कि वे इस अभ्यास को गंभीरता से लें और स्थानीय स्तर पर सभी एजेंसियों का समन्वय सुनिश्चित करें, ताकि किसी भी अप्रत्याशित आपदा या सुरक्षा संकट की स्थिति से निपटा जा सके।
पहलगाम आतंकी हमले के बाद बढ़ा सतर्कता स्तर
पिछले दिनों जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले, जिसमें सुरक्षाबलों और नागरिकों को नुकसान पहुंचा, ने देशभर में सुरक्षा चिंताओं को गहरा कर दिया है। इस हमले के बाद से भारत ने पाकिस्तान पर गंभीर आरोप लगाए हैं और सीमा पर अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है। इसी के मद्देनज़र भारतीय वायुसेना का यह अभ्यास और गृह मंत्रालय का आदेश, दोनों ही रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण कदम माने जा रहे हैं।

क्या है NOTAM?
NOTAM एक आधिकारिक सूचना होती है, जिसे सरकार या संबंधित एजेंसी द्वारा जारी किया जाता है ताकि पायलटों और एयरलाइन कंपनियों को किसी विशेष हवाई क्षेत्र में होने वाली सैन्य गतिविधियों या अन्य प्रतिबंधों की जानकारी मिल सके। इसका मकसद हवाई यातायात की सुरक्षा और समन्वय बनाए रखना होता है।
निष्कर्ष नहीं, तैयारी का संदेश
भारत की सैन्य और प्रशासनिक तैयारियां इस बात की गवाही दे रही हैं कि देश किसी भी खतरे का सामना करने के लिए पूरी तरह सजग और तत्पर है। चाहे वह सीमा पार से आने वाला सैन्य खतरा हो या आतंकी हमला – सरकार और सुरक्षाबल दोनों स्तर पर तैयारियों को अंतिम रूप दे रहे हैं।
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