June 8, 2025 3:44 AM

भारत ने फिलीपीन्स को दूसरे बैच के ब्रह्मोस मिसाइलों का किया प्रेषण

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भारत ने अपनी रणनीतिक रक्षा क्षमताओं को बढ़ावा देने के तहत फिलीपीन्स को ब्रह्मोस मिसाइलों का दूसरा बैच भेज दिया है। यह कदम भारत और फिलीपीन्स के बीच बढ़ते रक्षा सहयोग को और मजबूत करेगा और फिलीपीन्स की सैन्य क्षमता को और बेहतर बनाएगा। ब्रह्मोस मिसाइल, जो कि एक अत्याधुनिक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है, को भारत और रूस के संयुक्त प्रयास से विकसित किया गया है। यह मिसाइल कई तरह के लक्ष्यों को सटीकता से भेदने में सक्षम है, चाहे वह समुद्र से हो या जमीन से।

फिलीपीन्स के लिए ब्रह्मोस मिसाइलों का महत्व

फिलीपीन्स ने भारत से ब्रह्मोस मिसाइलों को अपनी रक्षा प्रणाली में शामिल करने का निर्णय लिया है ताकि वह दक्षिण-पूर्व एशिया में अपनी समुद्री सुरक्षा को मजबूत कर सके। फिलीपीन्स के सैन्य प्रमुखों का कहना है कि यह मिसाइल उन्हें समुद्री क्षेत्रों में दुश्मन के हमलों का मुकाबला करने में महत्वपूर्ण मदद प्रदान करेगी, खासकर चीन की बढ़ती सैन्य गतिविधियों के बीच। भारत का यह कदम फिलीपीन्स के लिए सुरक्षा को लेकर एक बड़ी उम्मीद बन कर उभरा है, जिससे दोनों देशों के बीच रक्षा और सामरिक रिश्तों को भी नई दिशा मिली है।

भारत का रक्षा निर्यात क्षेत्र: इंडोनेशिया और वियतनाम के साथ बातचीत

इसके अलावा, भारत ने इंडोनेशिया और वियतनाम के साथ भी ब्रह्मोस मिसाइलों के निर्यात के लिए बातचीत को काफी आगे बढ़ा लिया है। भारत और इन देशों के बीच मिसाइल निर्यात के लिए समझौतों पर जल्द ही हस्ताक्षर हो सकते हैं, जो भारत की रक्षा व्यापार नीति में महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होंगे। इंडोनेशिया और वियतनाम के सैन्य अधिकारियों का कहना है कि ब्रह्मोस मिसाइल उनके देशों की रक्षा क्षमताओं को और सशक्त बनाएगी, जिससे उनकी समुद्री सुरक्षा भी बढ़ेगी।

भारत का यह कदम दक्षिण-पूर्व एशिया में चीन के बढ़ते प्रभाव को चुनौती देने की दिशा में भी महत्वपूर्ण है। चीन ने दक्षिण चीन सागर में अपनी सैन्य गतिविधियों को बढ़ाया है, जिससे इस क्षेत्र में तनाव का माहौल बना हुआ है। ऐसे में भारत द्वारा ब्रह्मोस मिसाइलों की आपूर्ति से यह क्षेत्रीय सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो सकता है।

ब्रह्मोस मिसाइलों की विशेषताएँ

ब्रह्मोस मिसाइल को अपनी उच्च गति और सटीकता के लिए जाना जाता है। यह मिसाइल 2.8 मैक (3,450 किमी/घंटा) की गति से उड़ान भरने में सक्षम है और 290 किलोमीटर तक के लक्ष्य को भेद सकती है। इसकी लंबी रेंज और सुपरसोनिक गति इसे एक अत्यधिक प्रभावी हथियार बनाती है, जो किसी भी दुश्मन के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकती है। इसके अलावा, यह समुद्र और जमीन दोनों तरह के लक्ष्यों को सटीकता से भेदने की क्षमता रखती है, जिससे इसे विभिन्न सैन्य अभियानों के लिए आदर्श हथियार बनाया गया है।

भारत की बढ़ती रक्षा कूटनीति

भारत के लिए ब्रह्मोस मिसाइलों का निर्यात केवल एक रक्षा समझौता नहीं है, बल्कि यह उसकी बढ़ती रक्षा कूटनीति का हिस्सा भी है। भारत ने अपनी सैन्य प्रौद्योगिकी को दुनिया के कई देशों के साथ साझा करना शुरू किया है, जो वैश्विक सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। साथ ही, यह भारत की ‘आत्मनिर्भर भारत’ नीति के तहत भी आता है, जिसके तहत भारत अपनी रक्षा आवश्यकताओं को पूरा करने के साथ-साथ अन्य देशों को अपनी रक्षा तकनीक निर्यात भी कर रहा है।

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