July 31, 2025 1:30 PM

भारत की GDP ग्रोथ 2024-25 की चौथी तिमाही में 7.4% रही, सालाना विकास दर 6.5% पर स्थिर

भारत की GDP ग्रोथ चौथी तिमाही में 7.4% रही, सालाना दर 6.5% पर स्थिर

भारत की अर्थव्यवस्था ने वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में 7.4% की मजबूत वृद्धि दर्ज की है। हालांकि यह ग्रोथ दर पिछले वर्ष की समान तिमाही के 8.4% से थोड़ी कम रही, फिर भी यह 7% के पार रहकर आर्थिक स्थिति की स्थिरता का संकेत देती है।

कृषि और निर्माण क्षेत्र ने दिया संबल
सरकार द्वारा आज 30 मई को जारी प्रोविजनल GDP आंकड़ों के अनुसार, इस ग्रोथ को मुख्य रूप से कृषि और कंस्ट्रक्शन जैसे कोर सेक्टर्स से समर्थन मिला है। ये सेक्टर ग्रामीण अर्थव्यवस्था और इंफ्रास्ट्रक्चर को नई ऊर्जा दे रहे हैं, जिससे समग्र विकास दर को सहारा मिला।

सालाना ग्रोथ 6.5% पर रही स्थिर
पूरा वित्त वर्ष 2024-25 देखें तो भारत की इकोनॉमी 6.5% की दर से बढ़ी है। यह आंकड़ा ऐसे समय सामने आया है जब भारत ने जापान को पीछे छोड़ते हुए विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की उपलब्धि हासिल की है।

बीते पांच साल की GDP ग्रोथ का ट्रेंड
पिछले पांच वर्षों में भारत की GDP ग्रोथ दर में उतार-चढ़ाव रहा है—

  • 2020: -5.8% (कोविड-19 महामारी से भारी गिरावट)
  • 2021: 9.7% (तेज़ रिकवरी और बाउंस बैक)
  • 2022: 7.0% (स्थिर विकास)
  • 2023: 8.2% (आर्थिक पुनर्जीवन जारी)
  • 2024: 6.5% (मॉडरेट ग्रोथ, परन्तु स्थिरता बनी रही)

नागेश्वरन की भविष्यवाणी और प्रयागराज कुंभ का योगदान
भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंथा नागेश्वरन ने पहले ही संकेत दिया था कि यदि चौथी तिमाही में ग्रोथ 7.6% पर पहुंचती है, तो साल भर का 6.5% टारगेट सहज रूप से पूरा हो सकता है। उन्होंने यह भी कहा था कि प्रयागराज महाकुंभ जैसे बड़े आयोजन अर्थव्यवस्था को अस्थायी लेकिन प्रभावशाली बूस्ट दे सकते हैं।

GDP को समझना क्यों ज़रूरी है?
GDP (सकल घरेलू उत्पाद) एक ऐसा संकेतक है जो देश की आर्थिक स्थिति को समझने का आधार प्रदान करता है। किसी तय अवधि में देश की सीमाओं के भीतर जितने भी वस्तुएं और सेवाएं उत्पन्न होती हैं, उनकी कुल वैल्यू GDP कहलाती है।

GDP के प्रकार: रियल और नॉमिनल

  • रियल GDP: स्थिर कीमतों (बेस ईयर 2011-12) पर आधारित होती है, जिससे महंगाई का असर हटाया जा सके।
  • नॉमिनल GDP: वर्तमान कीमतों पर आधारित होती है और इसमें महंगाई भी जुड़ी होती है।

GDP का गणना फॉर्मूला
GDP = C + G + I + NX
जहाँ,

  • C = प्राइवेट कंजम्प्शन
  • G = सरकारी खर्च
  • I = निवेश
  • NX = नेट एक्सपोर्ट (एक्सपोर्ट – इम्पोर्ट)

GDP को चलाने वाले चार प्रमुख इंजन

  1. घरेलू खपत (आप और हम): उपभोक्ता खर्च GDP का सबसे बड़ा हिस्सा होता है।
  2. निजी क्षेत्र का निवेश: यह करीब 32% योगदान देता है।
  3. सरकारी खर्च: इसका योगदान करीब 11% होता है।
  4. नेट एक्सपोर्ट: चूंकि भारत में आयात अधिक है, इसका असर नकारात्मक होता है।

आगे की राह
हालांकि चौथी तिमाही का प्रदर्शन अपेक्षा से बेहतर रहा, लेकिन आगे भी भारत को अपनी विकास दर को बनाए रखने के लिए निजी निवेश, उपभोक्ता मांग और सरकारी खर्च पर फोकस बनाए रखना होगा। साथ ही, वैश्विक आर्थिक अस्थिरता और जलवायु संकट जैसी चुनौतियां भी सामने होंगी, जिनसे निपटना आवश्यक होगा।


Share on facebook
Share on twitter
Share on linkedin
Share on whatsapp
Share on telegram