भारत-अमेरिकी व्यापार 2030 तक 500 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य: पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप की ऐतिहासिक मुलाकात
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्हाइट हाउस में हुई उच्चस्तरीय बैठक में भारत-अमेरिका संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इस बैठक के दौरान व्यापार, रक्षा, आतंकवाद विरोधी रणनीति, ऊर्जा साझेदारी, और रणनीतिक सहयोग जैसे प्रमुख विषयों पर चर्चा हुई।

व्यापार सहयोग: ‘मिशन 500’ पहल
दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार को 2030 तक 500 अरब डॉलर तक बढ़ाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके तहत, ‘मिशन 500’ नाम से एक नई पहल शुरू की गई, जो दोनों अर्थव्यवस्थाओं के बीच व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने का कार्य करेगी।
- 2025 के अंत तक व्यापार समझौते के पहले चरण को अंतिम रूप देने की योजना बनाई गई है।
- टैरिफ को लेकर राष्ट्रपति ट्रंप ने पीएम मोदी को एक “टफ नेगोशिएटर” (कठिन वार्ताकार) करार दिया और भारत की व्यापार नीतियों की सराहना की।
- अमेरिका और भारत ने व्यापार असंतुलन को कम करने के लिए नए समझौतों पर सहमति जताई।
- सेमीकंडक्टर निर्माण और क्वांटम कंप्यूटिंग के क्षेत्र में संयुक्त अनुसंधान और विकास को बढ़ावा दिया जाएगा।

रक्षा सहयोग: 10 साल का फ्रेमवर्क
भारत और अमेरिका के बीच रक्षा साझेदारी को मजबूत करने के लिए 10 वर्षीय फ्रेमवर्क तैयार किया गया है।
- जेवलिन एंटी टैंक मिसाइलें, स्ट्राइकर आर्मर्ड लड़ाकू वाहन और पी-81 नौसैनिक सर्विलांस विमान भारत को उपलब्ध कराए जाएंगे।
- इंटरनेशनल ट्रैफिक इन आर्म्स रेगुलेशंस (ITAR) की समीक्षा की जाएगी, जिससे भारत को उन्नत रक्षा तकनीक हासिल हो सके।
- संयुक्त रक्षा उत्पादन और तकनीकी साझेदारी को बढ़ावा देने पर सहमति बनी।
- भारत इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में एक प्रमुख रणनीतिक साझेदार के रूप में कार्य करेगा।


आतंकवाद विरोधी सहयोग
- अमेरिका और भारत ने आतंकवादी संगठनों के वित्तपोषण को रोकने, खुफिया जानकारी साझा करने और वैश्विक आतंकवाद विरोधी अभियानों में सहयोग बढ़ाने का संकल्प लिया।
- राष्ट्रपति ट्रंप ने माना कि कट्टरपंथी आतंकवाद पूरी दुनिया के लिए खतरा है और इसे रोकने के लिए भारत और अमेरिका का गठबंधन महत्वपूर्ण है।
- क्वाड (Quad) साझेदारी को मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताई गई, जिसमें भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं।
मुंबई हमले के आरोपी तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण
राष्ट्रपति ट्रंप ने घोषणा की कि 2008 के मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा को भारत प्रत्यर्पित किया जाएगा। अमेरिकी सर्वोच्च न्यायालय ने इस प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है, जिससे भारत को न्याय प्रक्रिया आगे बढ़ाने का अवसर मिलेगा।
ऊर्जा साझेदारी
- भारत और अमेरिका ने कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस की आपूर्ति बढ़ाने पर सहमति जताई।
- अक्षय ऊर्जा और स्वच्छ ऊर्जा परियोजनाओं पर मिलकर काम करने की योजना बनाई गई।
- छोटे न्यूक्लियर मॉड्यूलर रिएक्टर (Small Modular Reactors – SMR) विकसित करने के लिए सहयोग किया जाएगा।
प्रवासी भारतीयों के लिए नई सुविधाएं
प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिका में भारतीय समुदाय को अधिक सुविधाएं देने के लिए लॉस एंजिलिस और बॉस्टन में नए भारतीय वाणिज्य दूतावास (कॉन्सुलेट) खोलने की घोषणा की। इससे भारतीय प्रवासियों को कांसुलर सेवाओं का लाभ मिलेगा और दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक एवं व्यावसायिक संबंध और मजबूत होंगे।

भारत-अमेरिका सहयोग के प्रमुख बिंदु
✅ व्यापार: 2030 तक 500 अरब डॉलर का लक्ष्य, ‘मिशन 500’ पहल।
✅ रक्षा: 10 साल का फ्रेमवर्क, जेवलिन मिसाइलें, स्ट्राइकर वाहन, पी-81 विमान सौदा।
✅ आतंकवाद: कट्टरपंथी संगठनों के खिलाफ संयुक्त कार्रवाई, खुफिया जानकारी साझा करने पर सहमति।
✅ ऊर्जा: तेल, प्राकृतिक गैस और स्वच्छ ऊर्जा में सहयोग।
✅ तकनीक: सेमीकंडक्टर निर्माण, क्वांटम कंप्यूटिंग, एआई में संयुक्त अनुसंधान।
✅ प्रत्यर्पण: मुंबई हमले के आरोपी तहव्वुर राणा को भारत लाने का निर्णय।
✅ प्रवासी भारतीय: लॉस एंजिलिस और बॉस्टन में नए भारतीय दूतावास।

मुलाकात का गर्मजोशी भरा क्षण
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप की मुलाकात गुरुवार देर रात (भारतीय समयानुसार शुक्रवार सुबह 3:00 बजे) व्हाइट हाउस में हुई। इस दौरान दोनों नेताओं ने गर्मजोशी से एक-दूसरे को गले लगाया और ट्रंप ने कहा कि उन्होंने पीएम मोदी को “मिस किया”।
भारत और अमेरिका के बीच यह ऐतिहासिक बैठक दोनों देशों के संबंधों को और गहरा करने में मील का पत्थर साबित होगी।