वाशिंगटन में मंत्री स्तरीय संवाद से द्विपक्षीय व्यापार समझौते को नई दिशा मिलने की उम्मीद

वाशिंगटन। भारत और अमेरिका के बीच लंबे समय से लंबित द्विपक्षीय व्यापार समझौते (Bilateral Trade Agreement - BTA) को लेकर आज से वाशिंगटन डीसी में मंत्री स्तरीय वार्ताएं शुरू हो रही हैं। चार दिवसीय इस अहम दौरे पर भारत के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल अमेरिकी वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लटनिक और अमेरिका के व्यापार प्रतिनिधि जेमिसन ग्रीयर के साथ गहन बातचीत करेंगे। इस बैठक का उद्देश्य दोनों देशों के मुख्य वार्ताकारों को रणनीतिक और राजनीतिक मार्गदर्शन देना तथा बीते महीनों में हुई प्रगति की समीक्षा करना है।

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अंतरिम व्यवस्था की ओर बढ़ते कदम

इस उच्चस्तरीय बैठक के दौरान 19 से 22 मई तक प्रमुख व्यापारिक मुद्दों पर विस्तृत तकनीकी चर्चा होगी। दोनों देशों के बीच इस वर्ष सितंबर-अक्टूबर तक बीटीए के पहले चरण को अंतिम रूप देने की योजना है। इस दिशा में इंटरिम ट्रेड अरेंजमेंट (अंतरिम व्यापार व्यवस्था) पर विचार किया जा रहा है ताकि प्राथमिक स्तर पर सहमति वाले मुद्दों को जल्दी लागू किया जा सके।

किन मुद्दों पर होगी चर्चा?

वार्ता में बाजार तक पहुंच, रूल्स ऑफ ओरिजिन (उत्पत्ति के नियम) और गैर-टैरिफ बाधाएं (Non-Tariff Barriers) प्रमुख मुद्दे होंगे। भारत जहां श्रम-प्रधान उत्पादों को लेकर अमेरिका से शुल्क छूट की मांग कर रहा है, वहीं अमेरिका अपने कृषि और ऑटोमोबाइल उत्पादों के लिए भारतीय बाजार में ज्यादा जगह चाहता है।

भारत की मांगें:

  • कपड़ा, रत्न एवं आभूषण, चमड़ा उत्पाद, रसायन, झींगा मछली, केला जैसे श्रम-प्रधान उत्पादों पर टैरिफ रियायतें
  • अमेरिकी स्टील और एल्युमीनियम पर भारत द्वारा लगाए गए शुल्कों की समीक्षा
  • उत्तरदायी शुल्क (Retaliatory Tariffs) पर बातचीत

अमेरिका की प्राथमिकताएं:

  • इलेक्ट्रिक वाहन, वाइन, डेयरी उत्पाद, सेब जैसे कृषि उत्पादों पर टैरिफ में छूट
  • भारतीय बाजार में इन उत्पादों की बढ़ी हुई पहुंच

शुल्क विवाद भी होगा केंद्र में

अमेरिका ने हाल ही में भारत पर लगाए गए 26 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क को 9 जुलाई तक स्थगित किया है, हालांकि 10 प्रतिशत मूल शुल्क अभी भी प्रभावी है। भारत ने इसके जवाब में कुछ अमेरिकी उत्पादों पर जवाबी शुल्क लगाने का प्रस्ताव रखा है, जिसे वार्ता के दौरान एक अहम मुद्दे के रूप में देखा जा रहा है।

आगे की राह

विशेषज्ञों का मानना है कि इस बैठक से भारत और अमेरिका के बीच व्यापार संतुलन बनाने, नवाचार को बढ़ावा देने और अवरोधों को दूर करने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति हो सकती है। बीटीए का पहला चरण अगर समय पर निष्पादित हो जाता है, तो दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध एक नई ऊंचाई पर पहुंच सकते हैं।

भारत और अमेरिका जैसे बड़े लोकतंत्रों के बीच मजबूत आर्थिक सहयोग न केवल द्विपक्षीय हितों की पूर्ति करेगा, बल्कि वैश्विक व्यापार संतुलन में भी निर्णायक भूमिका निभा सकता है।


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