October 23, 2025 2:41 PM

भाई दूज: प्रेम, स्नेह और सुरक्षा का प्रतीक पर्व — यम द्वितीया के दिन बहनें करती हैं भाई के दीर्घायु जीवन की कामना

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भाई दूज 2025: यम द्वितीया पर बहनें करती हैं भाई की दीर्घायु की कामना, जानिए पूजा विधि और तिलक का महत्व


दीपावली के दो दिन बाद मनाया जाता है भाई दूज, भाई-बहन के अटूट प्रेम का उत्सव

भोपाल, 23 अक्टूबर। दीपावली के दो दिन बाद आने वाला भाई दूज का पर्व भारतीय संस्कृति में भाई-बहन के पवित्र प्रेम, स्नेह और विश्वास का प्रतीक माना जाता है। यह पर्व कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। इसे यम द्वितीया या भातृ द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है।

इस दिन बहनें अपने भाइयों के माथे पर तिलक लगाकर उनके दीर्घायु, सुख-समृद्धि और निरोगी जीवन की कामना करती हैं। वहीं भाई अपनी बहनों को उपहार देकर उनकी रक्षा का संकल्प लेते हैं। यह पर्व भारतीय पारिवारिक परंपरा का जीवंत उदाहरण है, जो रिश्तों में भावनाओं की गहराई को दर्शाता है।


भाई दूज का पौराणिक संदर्भ: यमराज और यमुना की कथा से जुड़ा है यह पर्व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस पर्व की उत्पत्ति सूर्यदेव की पुत्री यमुना और यमराज से जुड़ी है। शास्त्रों में उल्लेख मिलता है कि यमुना अपने भाई यमराज से अत्यंत स्नेह करती थीं। एक बार उन्होंने अपने भाई को भोजन के लिए घर आमंत्रित किया।

यमराज, जो मृत्यु के देवता हैं, उस दिन अपनी बहन के घर पहुंचे। यमुना ने विधिपूर्वक उनका स्वागत किया, स्नान कराया, तिलक लगाया और उन्हें भोजन कराया। इससे प्रसन्न होकर यमराज ने कहा —
“जो बहन इस दिन अपने भाई का आदरपूर्वक तिलक करेगी, उसके भाई को मृत्यु का भय नहीं रहेगा और वह दीर्घायु होगा।”

तभी से यह दिन ‘यम द्वितीया’ या भाई दूज के रूप में मनाया जाने लगा। पौराणिक मान्यता है कि इस दिन बहन के घर जाकर तिलक करवाने वाले भाइयों को यमलोक का भय नहीं होता और उनके जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है।


भाई दूज की पूजा-विधि और तिलक लगाने का शुभ मुहूर्त

भाई दूज के दिन सुबह-सुबह बहनें स्नान कर पवित्र वस्त्र धारण करती हैं। पूजा स्थल पर वे दीपक, चावल, रोली, नारियल, मिठाई और कलावा से सजी थाली तैयार करती हैं। जब भाई घर आता है, तो उसका स्वागत किया जाता है और फिर विधि-विधान से तिलक किया जाता है।

तिलक लगाने की प्रक्रिया:

  • तिलक के लिए चंदन, रोली या कुमकुम का प्रयोग किया जाता है।
  • इसे और पवित्र बनाने के लिए इसमें हल्दी और गंगाजल की कुछ बूंदें मिलाई जाती हैं।
  • बहन को अपने दाहिने हाथ की अनामिका (रिंग फिंगर) से तिलक लगाना चाहिए।
  • तिलक करते समय बहन को “यम द्वितीयाय नमः” या “आयुष्मान भव” मंत्र बोलकर भाई के दीर्घ जीवन की प्रार्थना करनी चाहिए।
  • इसके बाद बहन आरती उतारती है, मिठाई खिलाती है और भाई की सुख-समृद्धि की कामना करती है।
  • बदले में भाई अपनी बहन को उपहार देकर उसकी रक्षा का वचन देता है।

तिलक का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व

हिंदू धर्म में तिलक लगाना मात्र एक परंपरा नहीं, बल्कि यह ऊर्जा और आशीर्वाद का प्रतीक है। मस्तक का भाग जिसे ललाट कहा जाता है, वह ‘आज्ञा चक्र’ का केंद्र माना जाता है।
जब बहन भाई के माथे पर तिलक लगाती है, तो यह केवल एक शुभ संकेत नहीं होता, बल्कि यह आत्मिक ऊर्जा, एकाग्रता और सकारात्मक स्पंदन का संचार करता है।

धार्मिक दृष्टि से यह माना गया है कि तिलक लगाने से भाई के जीवन में आत्मविश्वास, बल और सौभाग्य की वृद्धि होती है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी ललाट पर लगाया गया तिलक मानसिक शांति और स्थिरता प्रदान करता है, क्योंकि यह स्थान मस्तिष्क की सक्रियता और भावनाओं का केंद्र होता है।


सांस्कृतिक महत्व: स्नेह और सुरक्षा का प्रतीक पर्व

भाई दूज केवल धार्मिक नहीं, बल्कि सामाजिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व है। यह दिन भाई-बहन के रिश्ते में न केवल प्रेम और विश्वास को मजबूत करता है, बल्कि समाज में पारिवारिक एकता और संस्कारों की विरासत को भी जीवित रखता है।

इस दिन बहनों का तिलक लगाना केवल एक आशीर्वाद नहीं, बल्कि यह विश्वास है कि भाई हर परिस्थिति में अपनी बहन की रक्षा करेगा और जीवनभर उसका साथ निभाएगा। यह पर्व भारतीय परिवारों की उस भावना को जीवंत करता है जिसमें भाई और बहन एक-दूसरे के सुख-दुख के साथी होते हैं।


भाई दूज और यम द्वितीया: मृत्यु से मुक्ति और जीवन की दीर्घता का प्रतीक

पौराणिक ग्रंथों में कहा गया है कि यम द्वितीया का तिलक मृत्यु भय को समाप्त करता है। मान्यता है कि जो भाई इस दिन अपनी बहन से तिलक करवाता है, उसकी आयु लंबी होती है और उसके जीवन में समृद्धि बनी रहती है।

इस दिन यमराज और यमुना की पूजा करने से पापों का नाश होता है और पारिवारिक कल्याण की प्राप्ति होती है। इसलिए यह पर्व केवल एक पारिवारिक उत्सव नहीं, बल्कि आध्यात्मिक शुद्धि और कृतज्ञता का पर्व भी है।


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