- मोरारजी देसाई रेजिडेंशियल स्कूल के छात्रों ने खाने के बाद जताई तबीयत बिगड़ने की शिकायत
नई दिल्ली । कर्नाटक के बेलगावी जिले में रविवार रात एक चिंताजनक घटना सामने आई, जब चिक्कोडी तालुका के हिरेकोडी गांव स्थित मोरारजी देसाई रेजिडेंशियल स्कूल के 12 छात्र अचानक बीमार पड़ गए। जानकारी के अनुसार, रात का खाना खाने के बाद छात्रों ने उल्टी, सिरदर्द और पेट दर्द की शिकायत की। सभी बच्चों को तुरंत पास के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया।
सभी छात्रों की हालत अब स्थिर, डॉक्टरों ने किया निरीक्षण
अस्पताल प्रशासन के अनुसार, बच्चों को समय रहते इलाज मिलने के कारण किसी की हालत गंभीर नहीं हुई। डॉक्टरों ने बताया कि संभवतः बच्चों को फूड प्वाइजनिंग हुई थी, जो भोजन में मौजूद बैक्टीरिया या दूषित सामग्री के कारण हुई हो सकती है। फिलहाल सभी बच्चों की हालत स्थिर है और वे धीरे-धीरे स्वस्थ हो रहे हैं।
घटना के बाद स्कूल में मचा हड़कंप, परिजनों में चिंता
जैसे ही घटना की जानकारी परिजनों को मिली, वे तुरंत स्कूल और अस्पताल पहुंच गए। परिजनों ने स्कूल प्रबंधन पर गंभीर लापरवाही के आरोप लगाए। उनका कहना है कि हॉस्टल में भोजन की गुणवत्ता और स्वच्छता को लेकर पहले भी कई शिकायतें की गई थीं, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
हाल ही में स्कूल का किया गया था निरीक्षण
सूत्रों के अनुसार, कुछ दिनों पहले एक स्थानीय न्यायाधीश ने स्कूल का दौरा किया था। उस दौरान उन्होंने साफ-सफाई और प्रबंधन में कमियों को लेकर स्कूल के वार्डन और स्टाफ को फटकार लगाई थी। इसके बावजूद स्थिति में सुधार नहीं हुआ और कुछ ही दिनों बाद यह घटना घटित हो गई।
प्रशासन ने लिया संज्ञान, जांच के आदेश
बेलगावी जिला प्रशासन ने इस घटना का संज्ञान लेते हुए फूड सैंपल जांच के लिए भेजे हैं। पुलिस ने स्कूल प्रबंधन और रसोई स्टाफ के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। प्रारंभिक जांच में भोजन तैयार करने और भंडारण में लापरवाही की आशंका जताई जा रही है।
जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट होगा कि छात्रों को फूड प्वाइजनिंग का कारण क्या था। प्रशासन ने निर्देश दिया है कि फिलहाल स्कूल की रसोई बंद रखी जाए और छात्रों के लिए बाहर से भोजन की व्यवस्था की जाए।
प्रदेश में लगातार बढ़ रहे हैं फूड प्वाइजनिंग के मामले
यह कोई पहला मामला नहीं है। पिछले कुछ महीनों में कर्नाटक के कई जिलों में स्कूली छात्रों के बीमार पड़ने की घटनाएं सामने आई हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि सरकारी और निजी स्कूलों में भोजन की गुणवत्ता और भंडारण की निगरानी को सख्ती से लागू करने की आवश्यकता है, ताकि इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
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