बरकतउल्ला विश्वविद्यालय को NAAC से ए ग्रेड, कुलगुरु प्रो. एसके जैन के नेतृत्व में ऐतिहासिक सफलता
भोपाल। राजधानी भोपाल स्थित बरकतउल्ला विश्वविद्यालय ने अपने इतिहास में पहली बार नैक (NAAC) मूल्यांकन में ‘ए ग्रेड’ प्राप्त कर एक महत्वपूर्ण कीर्तिमान स्थापित किया है। यह उपलब्धि विश्वविद्यालय के वर्तमान कुलगुरु प्रोफेसर सुरेश कुमार जैन के दूरदर्शी नेतृत्व, संकल्पबद्ध प्रयासों और सतत निगरानी का प्रत्यक्ष परिणाम है। विश्वविद्यालय के शिक्षकों, अधिकारियों, कर्मचारियों एवं छात्रों के सामूहिक प्रयासों ने मिलकर यह गौरवपूर्ण उपलब्धि संभव बनाई।

संगठित प्रयास और टीम भावना का उदाहरण बना विश्वविद्यालय
NAAC की ग्रेडिंग प्रक्रिया में सफलता कोई एक दिन की मेहनत नहीं, बल्कि सात मापदंडों (क्राइटेरिया) पर आधारित व्यापक मूल्यांकन होता है, जिसमें शैक्षणिक गुणवत्ता, शोध, अधोसंरचना, छात्र सेवाएं, नवाचार, प्रशासनिक दक्षता और सामुदायिक भागीदारी शामिल होते हैं। बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में इन सभी मापदंडों पर गहन तैयारी करते हुए समर्पित कोऑर्डिनेटर और समितियों का गठन किया गया, जिन्होंने महीनों तक सतत रूप से डाटा संग्रहण, मूल्यांकन और प्रस्तुतिकरण का कार्य किया।
कुलगुरु प्रो. जैन ने निरंतर अपने कर्मचारियों और शिक्षकों का मार्गदर्शन और उत्साहवर्धन किया, जिससे सभी में एक सकारात्मक ऊर्जा और उद्देश्य की स्पष्टता बनी रही। यही प्रतिबद्धता विश्वविद्यालय को ‘बी प्लस’ से ‘ए ग्रेड’ की ओर ले गई।
शैक्षणिक गुणवत्ता के साथ शोध में भी मिला नया आयाम
पिछले दो वर्षों में बरकतउल्ला विश्वविद्यालय ने कई महत्वपूर्ण पहल कीं। इनमें से सबसे उल्लेखनीय है विश्वविद्यालय को पीएम-उषा योजना के अंतर्गत 100 करोड़ रुपये की अनुदान राशि प्राप्त होना। इस राशि का उपयोग विश्वविद्यालय की अधोसंरचना सुधार, डिजिटल संसाधनों की उपलब्धता, स्मार्ट कक्षाओं के निर्माण, शोध सुविधाओं की उन्नति और शिक्षण गुणवत्ता के विस्तार में किया जा रहा है।
यही नहीं, विश्वविद्यालय की ग्लोबल रैंकिंग में भी सुधार दर्ज किया गया है, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसकी पहचान बनी है। इसके अलावा, विभिन्न विभागों में उच्च गुणवत्ता वाले अनुसंधान और नवाचार पर केंद्रित गतिविधियों को प्रोत्साहित किया गया है।
छात्रों के लिए बदलेगा भविष्य: डिस्टेंस एजुकेशन फिर होगा शुरू
बरकतउल्ला विश्वविद्यालय को NAAC की ‘ए ग्रेड’ मान्यता से सबसे बड़ा लाभ यह मिलेगा कि अब विश्वविद्यालय अपने डिस्टेंस मोड (दूरस्थ शिक्षा प्रणाली) को पुनः आरंभ कर सकेगा। पूर्व में कम ग्रेड के चलते यह संस्थान बंद कर दिया गया था, जिससे हजारों छात्रों की उच्च शिक्षा की पहुंच प्रभावित हुई थी। अब इस ग्रेड के आधार पर विश्वविद्यालय को पुनः मान्यता मिलने की संभावना है, जिससे दूर-दराज़ के छात्रों को पुनः गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुलभ हो सकेगी।
अंतरराष्ट्रीय सहयोग और अनुसंधान अवसरों में होगी वृद्धि
‘ए ग्रेड’ मिलने से विश्वविद्यालय के लिए देशी और विदेशी शिक्षण-संस्थानों के साथ साझेदारी एवं शोध-कोलैबोरेशन के नए द्वार खुलेंगे। उच्च रैंकिंग और ग्रेडिंग के आधार पर अब विश्वविद्यालय को अंतरराष्ट्रीय शोध परियोजनाओं में भागीदारी, छात्र और फैकल्टी एक्सचेंज कार्यक्रम तथा विशेष अनुदान प्राप्त करने में प्राथमिकता दी जाएगी। इससे न केवल शोध की गुणवत्ता बढ़ेगी, बल्कि छात्रों और शिक्षकों को भी वैश्विक मंच पर पहचान मिलने का अवसर मिलेगा।
कुलगुरु प्रो. एस.के. जैन का नेतृत्व रहा निर्णायक
प्रोफेसर सुरेश कुमार जैन, जो वर्तमान में कुलगुरु के रूप में कार्यरत हैं, उनकी नेतृत्व शैली में पारदर्शिता, सहभागिता और परिणामोन्मुख कार्यसंस्कृति को प्रमुखता दी गई। उनके कार्यकाल में विश्वविद्यालय ने शैक्षणिक, प्रशासनिक और वित्तीय क्षेत्र में कई सुधारात्मक कदम उठाए, जिससे संस्थान की कार्यक्षमता में अभूतपूर्व सुधार हुआ।

विश्वविद्यालय ने साधा उच्च शिक्षा की नई ऊंचाई की ओर कदम
बरकतउल्ला विश्वविद्यालय की यह उपलब्धि केवल एक ग्रेडिंग का परिवर्तन नहीं, बल्कि एक संकल्प, नेतृत्व और सामूहिक प्रयासों का जीवंत उदाहरण है। ‘ए ग्रेड’ की यह मान्यता न केवल विश्वविद्यालय की साख को बढ़ाएगी, बल्कि छात्रों के लिए रोजगार, शोध और शिक्षा के नए अवसर भी लेकर आएगी।
अब विश्वविद्यालय के सामने जिम्मेदारी और भी बढ़ गई है कि वह इस स्तर को बनाए रखते हुए शिक्षा, नवाचार और सामाजिक सेवा के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाए।
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