बरकतउल्ला विश्वविद्यालय दीक्षांत समारोह 2025: मुख्यमंत्री, राज्यपाल और शिक्षामंत्री ने दिए प्रेरक संदेश

भोपाल। राजधानी भोपाल में सोमवार को बरकतउल्ला विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह 2025 गरिमामय वातावरण में आयोजित किया गया। कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में हुए इस भव्य आयोजन में मध्यप्रदेश के राज्यपाल एवं विश्वविद्यालय के कुलाधिपति मंगुभाई पटेल ने अध्यक्षता की, जबकि मुख्य अतिथि के रूप में प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव शामिल हुए। इस अवसर पर उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा एवं आयुष मंत्री इंदर सिंह परमार विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. सुरेश कुमार जैन ने दीक्षांत उपदेश दिया। समारोह में 78 हजार विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान की गईं।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का संबोधन

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मुख्यमंत्री ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि यह गर्व का क्षण है जब इतने बड़े स्तर पर विद्यार्थी अपनी शिक्षा पूरी कर समाज की सेवा के लिए तैयार हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज का युवा वर्ग अपनी क्षमता और योग्यता के दम पर न केवल देश बल्कि विदेशों में भी भारत का नाम रोशन कर रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत अमृतकाल की ओर बढ़ रहा है और इसमें युवाओं की अहम भूमिका है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में शिक्षा नीति के जरिए सभी भाषाओं को समान महत्व दिया जा रहा है। डॉक्टर की पढ़ाई भी राष्ट्रभाषा में कराई जा रही है, ताकि शिक्षा समाज से सीधे जुड़ सके। उन्होंने कहा कि शिक्षा केवल रोजगार से जोड़ने की प्रक्रिया नहीं, बल्कि गुरु से मिली विद्या को समाज को लौटाने की परंपरा है।

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मुख्यमंत्री ने उदाहरण देते हुए कहा कि भगवान राम के अद्भुत स्वरूप को गढ़ने में गुरु विश्वामित्र की अहम भूमिका रही, उसी प्रकार विद्यार्थियों को आगे बढ़ाने में गुरुजनों का योगदान अमूल्य है। उन्होंने कहा कि शासन तभी सुशासन में बदल सकता है जब गरीब से गरीब व्यक्ति को उसकी आवश्यकता के अनुसार सुविधाएं उपलब्ध हों।

डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में उच्च शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़े बदलाव हो रहे हैं। फैशन डिजाइन से लेकर मेडिकल शिक्षा तक, हर क्षेत्र में नए अवसर सृजित किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि सरकार ने विश्वविद्यालयों की सीमाएं बढ़ाई हैं और अब किसी एक संकाय तक शिक्षा सीमित नहीं रहेगी। उन्होंने देवी अहिल्या विश्वविद्यालय द्वारा झाबुआ जैसे छोटे शहर में मेडिकल कॉलेज खोले जाने का उदाहरण देते हुए कहा कि यह भविष्य की संभावनाओं के द्वार खोलने वाला कदम है।

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राज्यपाल मंगुभाई पटेल का संदेश

समारोह की अध्यक्षता कर रहे राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने विद्यार्थियों को शुभकामनाएं दीं और कहा कि दीक्षांत केवल शिक्षा की यात्रा का समापन नहीं, बल्कि समाज और राष्ट्र सेवा की नई यात्रा का प्रारंभ है। उन्होंने कहा कि यह विद्यार्थियों की मेहनत के साथ-साथ गुरुजनों की साधना का भी फल है।

राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय को शिक्षा, अनुसंधान और नवाचार के क्षेत्र में मिली उपलब्धियां गर्व का विषय हैं। उन्होंने युवाओं से आत्मनिरीक्षण करने और अपने ज्ञान का उपयोग समाज व राष्ट्र के हित में करने का आह्वान किया।

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उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में हजारों विद्यार्थियों से संवाद कर उनके विचार सुने और उन्हें विकसित भारत की दिशा में भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया। राज्यपाल ने विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे सच बोलें, धर्म का आचरण करें और जिम्मेदारी से समाज की सेवा करें।

शिक्षामंत्री इंदर सिंह परमार के विचार

शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने समारोह में कहा कि विद्यार्थियों के जीवन में यह क्षण अत्यंत महत्वपूर्ण है। दीक्षांत केवल उपाधि प्राप्त करने का अवसर नहीं, बल्कि समाज के प्रति कर्तव्यबोध की याद दिलाने वाला पड़ाव है। उन्होंने कहा कि शिक्षित नागरिक समाज की समस्याओं के समाधान में अपनी भूमिका निभाते हैं।

उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश शिक्षा के क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर रहा है। परीक्षा पद्धति में सुधार लाते हुए अब डिजिटल मूल्यांकन की दिशा में कदम बढ़ाए जा रहे हैं। पारदर्शिता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है।

परमार ने कहा कि प्रदेश में मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिंदी सहित भारतीय भाषाओं में कराए जाने की दिशा में काम हो रहा है। उन्होंने कहा कि हिंदी भाषा सभी को जोड़ने वाली भाषा है और यही देश की एकता की ताकत है।

समारोह का महत्व और विद्यार्थियों का उत्साह

इस दीक्षांत समारोह में हजारों विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों ने भाग लिया। मंच पर दिए गए संदेशों ने विद्यार्थियों को न केवल करियर बल्कि समाज और राष्ट्र निर्माण की दिशा में भी सोचने के लिए प्रेरित किया।

राज्यपाल, मुख्यमंत्री और शिक्षामंत्री के मार्गदर्शन ने समारोह को और अधिक सार्थक बना दिया। दीक्षांत उपदेश में विद्यार्थियों को समाज और मानवता की सेवा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की प्रेरणा दी गई।

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बरकतउल्ला विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह केवल उपाधि वितरण का कार्यक्रम नहीं रहा, बल्कि यह विद्यार्थियों को राष्ट्र निर्माण में भागीदारी के लिए प्रेरित करने वाला आयोजन साबित हुआ। मुख्यमंत्री, राज्यपाल और शिक्षामंत्री ने युवाओं को आत्मविश्वास, कर्तव्य और समाज सेवा का संदेश देकर समारोह को ऐतिहासिक बना दिया।

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