July 5, 2025 12:32 AM

बांग्लादेशी उपद्रवियों ने BSF जवान को सीमा पार किया अगवा, भारत के कड़े विरोध के बाद जल्द रिहाई

  • पश्चिम बंगाल में BSF जवान का बांग्लादेशी नागरिकों ने किया अपहरण
  • वायरल वीडिया में चार घंटे तक बंधक बनाकर रखने का किया दावा
  • बांग्लादेशी उपद्रवियों ने अगवा कर लिया और अंतरराष्ट्रीय सीमा पार ले गए

नई दिल्ली। भारत-बांग्लादेश सीमा पर एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसने सीमाई सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में बुधवार को गश्त कर रहे सीमा सुरक्षा बल (BSF) के एक जवान को बांग्लादेशी उपद्रवियों ने अगवा कर लिया और अंतरराष्ट्रीय सीमा पार ले गए। यह घटना सुटियार के नूरपुर चांदनी चौक क्षेत्र में कथालिया गांव के पास की है।

सीमा पार कर लिया अपहरण

घटना के दौरान बीएसएफ जवान सीमा पर संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रख रहा था, तभी बांग्लादेश की ओर से आए कुछ लोगों ने उसे पकड़ लिया। बताया गया है कि ये उपद्रवी चपाई नवाबगंज जिले से संबंध रखते हैं। जवान को खींचकर बांग्लादेश की सीमा में ले जाया गया। यह घटना कुछ ही मिनटों में घट गई और भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर गई।

कूटनीतिक दबाव में आई रिहाई

घटना के बाद बीएसएफ ने तुरंत बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (BGB) से संपर्क किया और फ्लैग मीटिंग की मांग की। सूत्रों के मुताबिक भारत की कड़ी आपत्ति और त्वरित प्रतिक्रिया के चलते BGB ने बातचीत शुरू की और कुछ ही घंटों के भीतर जवान को रिहा कर दिया गया। एक वरिष्ठ अधिकारी ने पुष्टि की कि जवान सुरक्षित है और फिलहाल बीएसएफ की निगरानी में है।

वायरल वीडियो से बढ़ा विवाद

इस बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हुआ जिसमें एक व्यक्ति — दावा किया गया कि वह वही जवान है — केले के पेड़ से बंधा नजर आ रहा था। वीडियो में यह दावा किया गया कि जवान को करीब चार घंटे तक बंधक बनाकर रखा गया। हालाँकि, वीडियो की प्रमाणिकता की पुष्टि अब तक नहीं हो सकी है। फिर भी, इसने सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया है और सीमाई क्षेत्रों में बीएसएफ की रणनीति और तैनाती पर बहस छेड़ दी है।

सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा

घटना के बाद बीएसएफ ने उच्च स्तरीय जांच शुरू कर दी है और गश्त व्यवस्था व सीमा प्रोटोकॉल की समग्र समीक्षा की जा रही है। साथ ही, स्थानीय खुफिया जानकारी को भी नए सिरे से व्यवस्थित करने के संकेत दिए गए हैं।

सवाल खड़े करती घटना

यह घटना ऐसे समय सामने आई है जब भारत-बांग्लादेश सीमा पर सीमा पार अपराध, पशु तस्करी और घुसपैठ जैसे मामलों को लेकर पहले से ही संवेदनशीलता बनी हुई है। ऐसे में एक भारतीय जवान का अपहरण होना न केवल सुरक्षा में चूक दर्शाता है बल्कि यह भी दिखाता है कि सीमाई क्षेत्रों में स्थानीय अपराधियों की गतिविधियाँ कितनी संगठित हो सकती हैं।

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