नई दिल्ली ‘साड़ीज़ ऑफ इंडिया’ प्रदर्शनी में मध्य प्रदेश का बाग प्रिंट बना आकर्षण का केंद्र
नई दिल्ली में आयोजित प्रतिष्ठित ‘साड़ीज़ ऑफ इंडिया’ प्रदर्शनी में मध्य प्रदेश की विरासत और परंपरा का अद्भुत नमूना बाग प्रिंट सबका ध्यान आकर्षित कर रहा है। दिल्ली क्राफ्ट्स काउंसिल द्वारा आयोजित यह प्रदर्शनी कला, संस्कृति और शिल्प कौशल का अनूठा संगम पेश कर रही है, जिसमें देशभर से चुनिंदा शिल्पकारों को आमंत्रित किया गया है। तीन दिवसीय यह आयोजन 27 सितंबर तक चलेगा, जहाँ भारतीय परंपरा की विविधता एक ही मंच पर देखने को मिल रही है।
बाग प्रिंट की कलाकृतियाँ बनीं आकर्षण का केंद्र
प्रदर्शनी में मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध शिल्पकार मोहम्मद आरिफ खत्री द्वारा तैयार किए गए बाग प्रिंट की साड़ियाँ और कपड़े विशेष आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। इस कला की सबसे बड़ी विशेषता है – प्राकृतिक रंगों का प्रयोग और हस्तनिर्मित नक्काशी, जो इसे अलग पहचान दिलाता है।
कंगना रनौत ने की बाग प्रिंट की सराहना
प्रदर्शनी के दूसरे दिन बॉलीवुड अभिनेत्री और सांसद कंगना रनौत ने बाग प्रिंट स्टॉल का दौरा किया। उन्होंने मोहम्मद आरिफ खत्री की कलाकृतियों की सराहना करते हुए इस पारंपरिक कला की तकनीक और इसके संरक्षण की आवश्यकता पर चर्चा की। खत्री ने कंगना रनौत को बाग गांव आने का आमंत्रण भी दिया और बताया कि कैसे उनकी पीढ़ियाँ इस धरोहर को संरक्षित करती आई हैं। उन्होंने कहा – “बाग गांव आज भी कला की जीवंत पाठशाला है, जहाँ परंपरा और नवाचार का अनूठा संगम है।”

विशेषज्ञों और क्राफ्ट रिवाइवलिस्ट की प्रतिक्रिया
प्रदर्शनी में उपस्थित जानी-मानी क्राफ्ट रिवाइवलिस्ट मंजीरी नेरोला, कामियानी जलन और दिल्ली क्राफ्ट्स काउंसिल की अध्यक्ष पूर्णिमा राय ने भी बाग प्रिंट की सराहना की। उन्होंने कहा कि बाग प्रिंट सिर्फ एक साड़ी नहीं, बल्कि भारतीय हस्तकला और संस्कृति का जीवंत प्रतीक है। इसमें परंपरा और आधुनिकता का सुंदर संतुलन दिखता है।
मोहम्मद आरिफ खत्री की उपलब्धियाँ
बाग प्रिंट को अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाने में मोहम्मद आरिफ खत्री का बड़ा योगदान है। उनके नवाचार और समर्पण के कारण उन्हें कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त हो चुके हैं। खत्री का मानना है कि यह कला सिर्फ कपड़े पर प्रिंट नहीं है, बल्कि भारत की संस्कृति, धरोहर और प्रकृति से जुड़ी जीवनशैली का प्रतीक है।

प्रदर्शनी में संस्कृति का उत्सव
‘साड़ीज़ ऑफ इंडिया’ प्रदर्शनी केवल साड़ियों की प्रदर्शनी नहीं, बल्कि यह भारतीय संस्कृति का उत्सव है। यहाँ देशभर के विभिन्न हिस्सों से आए हस्तशिल्प, प्राकृतिक रंगों और पारंपरिक बुनाई की झलक देखने को मिल रही है। दर्शक और कला-प्रेमी यहाँ न केवल खरीदारी कर रहे हैं बल्कि भारत की विविधता और परंपराओं से जुड़ाव भी महसूस कर रहे हैं।

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