अयोध्या, अप्रैल 2025। भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या एक बार फिर ऐतिहासिक क्षण की साक्षी बनने जा रही है। अगले महीने भगवान राम को राजा के रूप में अभिषिक्त किया जाएगा। यह आयोजन न केवल धार्मिक उत्सव है, बल्कि अयोध्या में हो रहे भव्य राम मंदिर निर्माण के समापन की भी प्रतीकात्मक घोषणा मानी जा रही है।

राजतिलक के साथ राम दरबार की स्थापना
22 जनवरी 2024 को हुए भव्य प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद अब रामलला को औपचारिक रूप से राजा के रूप में प्रतिष्ठित किया जाएगा। इसके साथ ही मंदिर की पहली मंजिल पर राम दरबार या शाही दरबार की स्थापना की जाएगी। भव्य समारोह की तैयारियाँ जोरों पर हैं। यद्यपि यह आयोजन पिछले साल के समारोह जितना विशाल नहीं होगा — जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित 8,000 से अधिक गणमान्य अतिथि शामिल हुए थे — लेकिन यह आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण होगा।

मंदिर निर्माण लगभग पूर्ण, 15 अप्रैल तक कार्य होगा सम्पन्न
राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पूर्व प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि मंदिर का मुख्य निर्माण कार्य 15 अप्रैल तक पूरा हो जाएगा। शेष कार्यों में मंदिर परिसर की प्राचीर और सजावट शामिल है, जो वर्ष के अंत तक पूरे हो जाएंगे। अभी लगभग 20,000 घन फीट पत्थर बिछाया जाना बाकी है।

प्रतिष्ठित मूर्तिकारों की कलाकृतियाँ मंदिर में होंगी स्थापित
मंदिर परिसर में स्थापित की जाने वाली मूर्तियाँ देश के प्रमुख कलाकारों द्वारा तैयार की जा रही हैं। कर्नाटक के प्रसिद्ध मूर्तिकार अरुण योगीराज ने भगवान राम की 51 इंच ऊँची मूर्ति बनाई है, जो मंदिर का केंद्रबिंदु है। वहीं जयपुर के प्रशांत पांडे और उनकी 20 कारीगरों की टीम सफेद मकराना संगमरमर से भव्य राम दरबार की मूर्तियाँ बना रही है।
इतना ही नहीं, मंदिर परिसर में संत तुलसीदास की एक विशाल प्रतिमा भी स्थापित की जा रही है। तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस भारतीय संस्कृति और भक्ति परंपरा की धरोहर है, और उनकी उपस्थिति राम कथा को और सजीव बनाएगी।
20 एकड़ भूमि का सौंदर्यीकरण
परिसर के सौंदर्यीकरण के तहत लगभग 20 एकड़ क्षेत्र में हरियाली, उद्यान, जलस्रोत और अन्य प्राकृतिक सजावट की जा रही है, जिससे मंदिर प्राकृतिक परिवेश से सामंजस्य बैठा सके।
मंदिर की भव्य वास्तुकला
राम मंदिर पारंपरिक नागर शैली में निर्मित है। इसकी कुल लंबाई 380 फीट, चौड़ाई 250 फीट और ऊँचाई 161 फीट है। यह मंदिर 392 कलात्मक खंभों और 44 विशाल दरवाजों पर आधारित है। 2024 में जब प्राण प्रतिष्ठा हुई थी, तब मंदिर का गर्भगृह पूरी तरह तैयार था, लेकिन ऊपरी मंज़िलों और परिसर के अन्य हिस्सों का कार्य बाकी था। अब वह कार्य भी लगभग 90% पूरा हो चुका है।

रामराज्य की भावना का आध्यात्मिक प्रतीक
इस आगामी अभिषेक समारोह में भगवान राम का राजतिलक न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान होगा, बल्कि यह रामराज्य की अवधारणा को पुनर्स्थापित करने का एक प्रयास भी माना जा रहा है — जहाँ धर्म, न्याय और लोककल्याण की भावना सर्वोपरि हो।
स्वदेश ज्योति के द्वारा
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