October 21, 2025 7:16 AM

अयोध्या राम मंदिर में सेंसरयुक्त बाउंड्री वॉल का निर्माण शुरू: 14 फीट चौड़ी और 30 फीट ऊंची सुरक्षा दीवार, लगेगी अत्याधुनिक तकनीक

ayodhya-ram-mandir-sensor-wall-security-features
  • निर्माण योजना के अनुसार, 500 से अधिक मजबूत पिलर डाले जाएंगे, जिनके ऊपर 14 फीट चौड़ी दीवार खड़ी की जाएगी।

अयोध्या। राम मंदिर परिसर को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए साढ़े तीन किलोमीटर लंबी सेंसरयुक्त बाउंड्री वॉल के निर्माण का कार्य सोमवार से शुरू हो गया है। इस परियोजना के तहत पहले चरण में स्वायल टेस्ट (जमीन का परीक्षण) पूरा किया गया और इसके बाद पाइलिंग का काम शुरू हुआ। यह सुरक्षा दीवार न केवल संरचना होगी, बल्कि मंदिर की सुरक्षा का मजबूत कवच साबित होगी।

निर्माण योजना के अनुसार, 500 से अधिक मजबूत पिलर डाले जाएंगे, जिनके ऊपर 14 फीट चौड़ी दीवार खड़ी की जाएगी। यह दीवार 30 फीट ऊंची होगी, जिसमें 10 फीट हिस्सा जमीन के नीचे और 20 फीट हिस्सा ऊपर होगा। बाउंड्री वॉल में अत्याधुनिक सेंसर, सीसीटीवी कैमरे और 24 से अधिक वॉच टावर लगाए जाएंगे। ये सेंसर किसी भी संदिग्ध गतिविधि को तुरंत पकड़ेंगे और अलार्म सीधे कंट्रोल रूम तक पहुंचाएंगे, जिससे सुरक्षा कर्मियों को तुरंत कार्रवाई करने का मौका मिलेगा।

दीवार के साथ-साथ 20 फीट चौड़ी गश्ती सड़क भी बनाई जा रही है, जिससे सुरक्षा बल किसी भी आपात स्थिति में तुरंत हर हिस्से तक पहुंच सकें। अधिकारियों का अनुमान है कि इस सुरक्षा दीवार को पूरा करने में करीब एक वर्ष का समय लगेगा।


राम मंदिर निर्माण से पहले नींव की मजबूती का परीक्षण

राम मंदिर के भव्य निर्माण से पहले नींव की मजबूती को लेकर विशेष परीक्षण किया गया था। इसके तहत मंदिर परिसर में 100 मीटर लंबाई में बराबर दूरी पर तीन पिलर बनाए गए थे। ये पिलर सतह से 50 फीट गहराई तक डाले गए थे।

इन पिलरों पर 700-700 टन भार डालकर उनकी ताकत का परीक्षण किया गया। परीक्षण के दौरान बीच का पिलर बलुई मिट्टी की वजह से धंसकर तिरछा हो गया। इसके बाद सीएसआईआर की जियोफिजिकल टीम ने दोबारा सर्वे किया और सुझाव दिया कि 50 फीट गहराई तक मिट्टी हटाकर चट्टाननुमा आधार तैयार किया जाए। इसके बाद दो लाख घन फुट मिट्टी हटाई गई और मजबूत नींव तैयार कर 2020 में भूमि पूजन के बाद मंदिर का निर्माण कार्य शुरू किया गया।


2026 तक आधुनिक संग्रहालय होगा तैयार

राम मंदिर परिसर में एक आधुनिक संग्रहालय भी तैयार किया जा रहा है, जो राम मंदिर आंदोलन के इतिहास और सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाएगा। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि इस संग्रहालय में 7-डी तकनीक का इस्तेमाल होगा, जो भारत में पहली बार किया जाएगा।

इस तकनीक की मदद से श्रद्धालु हनुमान जी के जीवन चरित्र और अयोध्या के वैभवशाली इतिहास को जीवंत अनुभव कर सकेंगे।

संग्रहालय को मार्च 2026 तक श्रद्धालुओं के लिए खोलने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा 70 एकड़ के पूरे तीर्थ क्षेत्र का विकास किया जा रहा है, जबकि उत्तर प्रदेश सरकार अयोध्या को अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन केंद्र बनाने की दिशा में तेजी से कार्य कर रही है।


श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए लगाई जा रहीं लिफ्टें

श्रद्धालुओं, विशेषकर बुजुर्गों और दिव्यांगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए राम मंदिर में तीन लिफ्टें लगाई जा रही हैं।

  • उत्तर दिशा में वीवीआईपी लिफ्ट: यह लिफ्ट पूरी तरह तैयार हो चुकी है और अगले एक-दो दिनों में इसका ट्रायल होगा।
  • पश्चिम दिशा में दो लिफ्टें: ये बुजुर्ग और दिव्यांग श्रद्धालुओं के लिए होंगी और लगभग एक सप्ताह में तैयार हो जाएंगी।

ये लिफ्टें सीधे प्रथम तल के कॉरिडोर में खुलेंगी, जिससे श्रद्धालु आसानी से राम दरबार तक पहुंचकर दर्शन कर सकेंगे। प्रत्येक लिफ्ट में 24 श्रद्धालुओं की क्षमता होगी और ये बेसमेंट से ग्राउंड फ्लोर तक संचालित होंगी।

भविष्य में वीवीआईपी प्रवेश ‘आदिगुरु माधवाचार्य द्वार’ से कराया जाएगा, जिससे सुरक्षा व्यवस्था और भी सुदृढ़ होगी।


1400 करोड़ रुपए का खर्च, 1100 करोड़ का भुगतान

नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि अब तक राम मंदिर निर्माण में लगभग 1400 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं, जिनमें से 1100 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है।

संग्रहालय की 20 गैलरियों का निर्माण भी तेजी से चल रहा है, जिनकी अनुमानित लागत 200 करोड़ रुपए होगी। इन गैलरियों में रामायण काल से लेकर मंदिर आंदोलन तक की झलकियों को प्रदर्शित किया जाएगा।


सुरक्षा व्यवस्था होगी अत्याधुनिक

राम मंदिर परिसर की सुरक्षा को लेकर ट्रस्ट ने अत्याधुनिक उपकरण खरीद लिए हैं। इनमें हाई-टेक सीसीटीवी कैमरे, फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम, इंटेलिजेंट सेंसर और आधुनिक अलार्म सिस्टम शामिल हैं।

सुरक्षा व्यवस्था इतनी मजबूत होगी कि देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालु पूरी तरह सुरक्षित वातावरण में रामलला के दर्शन कर सकेंगे।


अयोध्या में बढ़ रही श्रद्धालुओं की संख्या

राम मंदिर के पहले चरण के उद्घाटन के बाद से अयोध्या में श्रद्धालुओं की संख्या तेजी से बढ़ी है। अनुमान है कि प्रतिदिन 50 हजार से अधिक श्रद्धालु रामलला के दर्शन के लिए अयोध्या पहुंच रहे हैं। त्योहारों और विशेष अवसरों पर यह संख्या एक लाख से भी अधिक हो जाती है।

इस बढ़ती भीड़ को देखते हुए प्रशासन और ट्रस्ट लगातार इंफ्रास्ट्रक्चर और सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने में जुटे हुए हैं।

Share on facebook
Share on twitter
Share on linkedin
Share on whatsapp
Share on telegram