अयोध्या में 26 लाख दीयों से जगमगाएगा दीपोत्सव 2025 | नया गिनीज रिकॉर्ड बनाएगी रामनगरी
अयोध्या। इस बार दीपावली पर अयोध्या एक बार फिर इतिहास रचने को तैयार है। भगवान श्रीराम की नगरी इस बार 26 लाख से अधिक दीयों की रोशनी में जगमगाएगी, जिससे नया गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने की तैयारी है। उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने गुरुवार को अयोध्या पहुंचकर दीपोत्सव-2025 की तैयारियों का जायजा लिया और आयोजन को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाने के निर्देश दिए।

दीपोत्सव-2025 की तैयारियों का मंत्री ने लिया जायजा
दीपोत्सव से ठीक 10 दिन पहले आयोजित मॉक ड्रिल से पूर्व पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने विभागीय अधिकारियों, अयोध्या प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक की। उन्होंने कार्यक्रम स्थलों की व्यवस्था, सजावट, प्रकाश, सुरक्षा और सांस्कृतिक आयोजनों की रूपरेखा की समीक्षा की।
मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में इस वर्ष का दीपोत्सव न केवल भव्य होगा, बल्कि सांस्कृतिक विरासत और पर्यावरणीय संतुलन का सुंदर संगम भी बनेगा।
जयवीर सिंह ने बताया कि राम की पैड़ी और सरयू तट के 56 घाटों पर एक साथ 26 लाख से अधिक दीप प्रज्ज्वलित किए जाएंगे। यह न केवल एक धार्मिक आयोजन होगा, बल्कि अयोध्या की ऐतिहासिक पहचान को पुनर्स्थापित करने का उत्सव भी होगा।

रामायण थीम पर सजेगी पूरी अयोध्या
दीपोत्सव-2025 के लिए अयोध्या की सड़कों, मंदिरों, घाटों और धरोहर स्थलों को रामायण की थीम पर सजाया जाएगा। रामचरितमानस की कथा को जीवंत करने के लिए प्रकाश, पुष्प सज्जा, झांकियों और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का संयोजन किया जाएगा।
मंत्री ने कहा कि लक्ष्य यह है कि जो भी श्रद्धालु या पर्यटक अयोध्या पहुंचे, उसे ऐसा लगे मानो वह श्रीराम की कथा के जीवंत दृश्य का हिस्सा हो। राम पथ से लेकर राम की पैड़ी तक हर स्थल पर रोशनी और रंगों का अनुपम संगम देखने को मिलेगा।
100 बच्चों की वानर सेना बनेगी विशेष आकर्षण
इस बार दीपोत्सव का मुख्य आकर्षण होगा 100 बच्चों की “वानर सेना”, जो प्रभु श्रीराम की रथयात्रा में हिस्सा लेगी। ये बच्चे पारंपरिक वेशभूषा में नगाड़ों की गूंज के बीच भगवान श्रीराम के स्वागत में शामिल होंगे।
यह पहली बार है जब बच्चों की इतनी बड़ी सहभागिता दीपोत्सव में की जा रही है। इससे न केवल आयोजन में नया आकर्षण जुड़ेगा, बल्कि बच्चों में सांस्कृतिक जुड़ाव और रामायण परंपरा के प्रति उत्साह भी बढ़ेगा।

धार्मिक स्थलों और मंदिरों की होगी विशेष सजावट
दीपोत्सव को भव्य बनाने के लिए अयोध्या के प्रमुख मंदिरों, मठों और धार्मिक स्थलों को विशेष रूप से सजाया जाएगा। इसके लिए प्रशासन ने सभी मंदिर प्रबंधन समितियों से समन्वय स्थापित किया है।
राम की पैड़ी से लेकर हनुमानगढ़ी, कनक भवन और नागेश्वरनाथ मंदिर तक हर स्थल पर दीप प्रज्ज्वलन, पुष्प सज्जा और रंगीन प्रकाश व्यवस्था की जाएगी।
दीपोत्सव का सजीव प्रसारण, देश-विदेश में दिखेगी झलक
दीपोत्सव-2025 का सजीव प्रसारण देश-विदेश के दर्शकों तक पहुंचाने के लिए 35 एलईडी स्क्रीन लगाई जाएंगी। साथ ही, केबल नेटवर्क और डिजिटल माध्यमों पर भी लाइव प्रसारण की व्यवस्था की जाएगी।
मंत्री ने निर्देश दिए कि प्रसारण में किसी भी तकनीकी समस्या को रोकने के लिए पूर्व परीक्षण किया जाए। उन्होंने कहा कि यह आयोजन अयोध्या की अंतरराष्ट्रीय पहचान को और मजबूत करेगा।

सुविधा और सुरक्षा पर विशेष ध्यान
पर्यटन मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि दीपोत्सव केवल भव्य न हो, बल्कि सुरक्षा, स्वच्छता और आगंतुक सुविधा के लिहाज से भी मिसाल बने।
उन्होंने कहा कि लाखों श्रद्धालुओं के आगमन को देखते हुए महिला सुरक्षा, स्वच्छता, पेयजल, साइनेज, पार्किंग, शौचालय और सूचना केंद्रों की व्यवस्था मजबूत की जाए।
मंत्री ने कहा —
“यह आयोजन ऐसा होना चाहिए कि हर आगंतुक के मन में अयोध्या की छवि सांस्कृतिक भव्यता और अनुशासन की मिसाल के रूप में अंकित हो।”
एआई कैमरों से होगी निगरानी
दीपोत्सव के दौरान भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा के लिए एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) आधारित कैमरे लगाए जाएंगे। ये कैमरे न केवल आगंतुकों की संख्या का आकलन करेंगे, बल्कि किसी भी असामान्य गतिविधि पर तुरंत निगरानी अधिकारियों को अलर्ट भेजेंगे।
शोभा यात्रा के दौरान आगंतुकों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सड़क के दोनों ओर सुरक्षित बैरिकेडिंग, पुष्प वर्षा, ढोल-नगाड़े और राम दरबार झांकियों की विशेष व्यवस्था की जाएगी।
इसके अलावा हेलीपोर्ट से लेकर राम रथ तक के मार्ग को पुष्पों और पारंपरिक साज-सज्जा से सजाया जाएगा।
अंतरराष्ट्रीय स्तर का आयोजन
दीपोत्सव-2025 को अंतरराष्ट्रीय मानकों पर आयोजित करने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें पर्यावरण के अनुकूल दीयों का उपयोग किया जाएगा ताकि प्रदूषण रहित दीपावली का संदेश दिया जा सके।
मंत्री ने कहा कि यह आयोजन न केवल धार्मिक श्रद्धा का प्रतीक है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक एकता, सौहार्द और वैश्विक पहचान का उत्सव भी है।
अयोध्या तैयार है नए इतिहास के लिए
अयोध्या के घाटों पर जलते हुए 26 लाख दीये न केवल एक विश्व रिकॉर्ड बनाएंगे, बल्कि यह भारत की सनातन संस्कृति की चमक को भी पूरी दुनिया में फैलाएंगे।
सरयू के तट पर प्रतिबिंबित होती दीपों की यह रौशनी इस बात का प्रतीक होगी कि “जहां राम हैं, वहां उजाला है।”
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