ATM गबन कांड में पुलिस ने खोदाई कर निकाली रकम, आरोपी बोले- मौज मस्ती और रिश्वत में उड़ाए बाकी पैसे
मेरठ, 7 अप्रैल | स्वदेश ज्योति संवाददाता
उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में पुलिस ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। एटीएम में डालने के लिए बैंक से निकाले गए 5.26 करोड़ रुपये के गबन मामले में मुख्य आरोपियों ने पुलिस रिमांड के दौरान पांच करोड़ रुपये जमीन के नीचे दबे हुए बरामद कराए। आरोपियों ने रुपयों को खेतों और घर में गड्ढा खोदकर छिपाया हुआ था।
आरोपी गौरव ने अपने गांव आरिफपुर खड़खड़ी में घर के भूसे के नीचे और रॉकी ने हसनपुर (जिला शामली) में अपने खेत में गड्ढा खोदकर ये पैसे छिपा रखे थे। पुलिस ने जब इन गड्ढों की खुदाई की, तो उसमें से रुपये से भरे बैग निकलते ही अफसर भी हैरान रह गए।
🔍 पूरा घटनाक्रम: कैसे हुआ गबन?
घटना की शुरुआत हुई थी जब 25 मार्च को बागपत पुलिस ने गौरव और रॉकी को अवैध असलहे और कारतूस के साथ गिरफ्तार किया। पूछताछ में खुलासा हुआ कि दोनों ने ATM में डालने के नाम पर बैंक से 5.26 करोड़ रुपये निकाले और उन्हें गबन कर लिया।
आगे की जांच में पता चला कि इस पूरे मामले में चंडीगढ़ पुलिस के एक इंस्पेक्टर, दो सिपाही और अन्य लोगों की मिलीभगत थी। इस कारण मामला और गंभीर हो गया और चंडीगढ़ में FIR दर्ज की गई।
🚓 पुलिसिया जांच और रिमांड
चंडीगढ़ जेल में बंद मुख्य आरोपी गौरव, रॉकी, पुलिस इंस्पेक्टर और अन्य चार आरोपियों को बी वारंट पर बागपत लाया गया। कोर्ट से 5 दिन की रिमांड लेकर पूछताछ की गई।
रिमांड के दौरान पहले आरोपी मनीष (निवासी जौहड़ी) ने चंडीगढ़ में छुपाकर रखे 50 हजार रुपये बरामद कराए।
इसके बाद रविवार को रॉकी ने हसनपुर गांव में अपने खेत में दबे बैग की जानकारी दी। वहीं गौरव ने सोमवार को आरिफपुर खड़खड़ी स्थित अपने घर में भूसे के नीचे दबे बैग का पता बताया।
पुलिस की मौजूदगी में जब खुदाई हुई तो लाखों-करोड़ों की गड्डियां निकलनी शुरू हो गईं।
💬 पुलिस का बयान: “बाकी पैसे उड़ाए गए”
एसपी अर्पित विजयवर्गीय ने प्रेस को बताया:
“गबन के आरोपियों की निशानदेही पर पांच करोड़ रुपये बरामद किए गए हैं। फिलहाल नोटों की गिनती जारी है। बाकी की रकम आरोपियों ने मौज-मस्ती में खर्च कर दी या फिर चंडीगढ़ पुलिसकर्मियों, दोस्तों और वकीलों को दे दी गई।”
एसपी ने यह भी कहा कि मामले में गौरव और रॉकी के अन्य परिजनों को भी आरोपी बनाया जाएगा। सोमवार को सभी छह आरोपियों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है।
⚖️ चंडीगढ़ पुलिस की भूमिका भी संदेह के घेरे में
इस पूरे मामले में चौंकाने वाली बात यह रही कि चंडीगढ़ पुलिस के इंस्पेक्टर और दो सिपाही भी शामिल पाए गए। यह प्रकरण उत्तर भारत में पुलिस-प्रशासनिक तंत्र की साख पर भी सवाल खड़े करता है।
चंडीगढ़ पुलिस के खिलाफ भी जांच जारी है और संभव है कि उन पर जल्द ही और कड़ी कार्रवाई हो।
📌 मामला अब और गहराता जा रहा है
ATM में नकदी भरने जैसी जिम्मेदारी संवेदनशील मानी जाती है, और इस मामले ने दिखा दिया कि भीतर से मिलीभगत हो तो करोड़ों का गबन चुपचाप अंजाम दिया जा सकता है। लेकिन पुलिसिया सतर्कता, तकनीकी निगरानी और गहन पूछताछ से एक-एक परत अब सामने आ रही है।
स्वदेश ज्योति के द्वारा
और भी दिलचस्प खबरें आपके लिए… सिर्फ़ स्वदेश ज्योति पर!