Trending News

June 1, 2025 3:37 PM

पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी के खिलाफ आपराधिक मानहानि मामला: अदालत में कानूनी दांवपेंच, अगली सुनवाई 29 अक्टूबर को

atishi-defamation-case-next-hearing-delhi-highcourt-october-29

नई दिल्ली। दिल्ली की राजनीति में एक बार फिर कानूनी संग्राम गर्माया हुआ है। भाजपा नेता प्रवीण शंकर कपूर द्वारा दायर आपराधिक मानहानि मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय ने पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी मार्लेना के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी है। अदालत में समयाभाव के कारण यह सुनवाई अब 29 अक्टूबर 2025 को होगी।

क्या है मामला?

पूरा विवाद वर्ष 2023 में आम आदमी पार्टी द्वारा की गई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस से शुरू हुआ। इस प्रेस वार्ता में आतिशी मार्लेना और अरविंद केजरीवाल ने दावा किया था कि भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली विधानसभा के 27 विधायकों को पार्टी में शामिल होने का आदेश दिया है। इस आरोप को लेकर भाजपा नेता प्रवीण शंकर कपूर ने इसे झूठा, आधारहीन और उनकी पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाने वाला बताते हुए आतिशी के खिलाफ आपराधिक मानहानि की शिकायत दायर की थी।

मामला मजिस्ट्रेट कोर्ट पहुंचा जहां कोर्ट ने आतिशी के खिलाफ समन जारी कर उन्हें पेश होने को कहा। लेकिन आतिशी की ओर से समन को चुनौती दी गई और मामला सेशंस कोर्ट में गया। सेशंस कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए मजिस्ट्रेट कोर्ट के समन को निरस्त कर दिया।

सेशंस कोर्ट के फैसले पर आपत्ति

प्रवीण शंकर कपूर ने सेशंस कोर्ट के इसी आदेश को अब दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है। उनकी ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अजय बर्मन ने उच्च न्यायालय में दलील दी कि सेशंस कोर्ट ने अपनी सीमाओं का उल्लंघन करते हुए राजनीतिक टिप्पणी कर डाली। उन्होंने कहा कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में लगाए गए गंभीर आरोपों के समर्थन में कोई प्रमाण आज तक सामने नहीं आया है, फिर भी कोर्ट ने समन को निरस्त करने के साथ-साथ राजनैतिक विश्लेषण भी कर दिया, जो एक न्यायिक निर्णय में नहीं होना चाहिए।

याचिका में कहा गया है कि सेशंस कोर्ट ने उस स्तर तक जाकर टिप्पणी की है, जो आपराधिक मानहानि जैसे गंभीर मामले में स्वीकार्य नहीं है। कोर्ट ने केवल आरोपों की सत्यता पर ध्यान नहीं दिया, बल्कि राजनीतिक पक्षों की मंशा पर टिप्पणी कर दी। याचिकाकर्ता का कहना है कि इस प्रकार का फैसला न्याय प्रक्रिया को प्रभावित करता है और इससे गलत उदाहरण स्थापित हो सकता है।

अदालत ने 4 फरवरी को भेजा था नोटिस

इस मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय ने 4 फरवरी को आतिशी मार्लेना को नोटिस जारी कर उनकी प्रतिक्रिया मांगी थी। अब जबकि कोर्ट में सुनवाई की तारीख 29 अक्टूबर निर्धारित की गई है, तो यह देखना अहम होगा कि क्या मजिस्ट्रेट कोर्ट का समन दोबारा बहाल किया जाएगा या सेशंस कोर्ट के आदेश को सही ठहराया जाएगा।


Share on facebook
Share on twitter
Share on linkedin
Share on whatsapp
Share on telegram