गुजरात, पंजाब, केरल और बंगाल में राजनीतिक दलों की साख दांव पर, 23 जून को आएंगे नतीजे
नई दिल्ली। देश के चार राज्यों की पांच विधानसभा सीटों पर गुरुवार को उपचुनाव के लिए मतदान जारी है। सुबह 7 बजे से वोटिंग शुरू हो चुकी है, जो शाम 6 बजे तक चलेगी। ये सीटें हैं—गुजरात की दो, और पंजाब, केरल व पश्चिम बंगाल की एक-एक। इन उपचुनावों को विपक्षी गठबंधनों, भाजपा की रणनीति और क्षेत्रीय समीकरणों की दृष्टि से अहम माना जा रहा है।
चुनाव आयोग के मुताबिक, मतदान शांतिपूर्ण ढंग से चल रहा है। सुरक्षा के व्यापक इंतज़ाम किए गए हैं और सभी संवेदनशील मतदान केंद्रों पर केंद्रीय बलों की तैनाती की गई है। उपचुनावों के नतीजे 23 जून को घोषित किए जाएंगे।
कहां-कहां हो रहा मतदान?
- गुजरात – यहां दो सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं। दोनों सीटों पर भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) के बीच सीधा मुकाबला है। गुजरात में AAP के बढ़ते प्रभाव और कांग्रेस की वापसी की कोशिशें भाजपा के लिए चुनौती बन सकती हैं।
- पंजाब (लुधियाना वेस्ट सीट) – इस सीट पर कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और भाजपा के बीच तीर के आकार का त्रिकोणीय मुकाबला है। AAP के शासन में यह उपचुनाव उसकी लोकप्रियता का टेस्ट माना जा रहा है। वहीं, कांग्रेस यहां फिर से जमीनी पकड़ मजबूत करने में लगी है।
- केरल (नीलांबुर सीट) – इस सीट पर मुकाबला सत्तारूढ़ सीपीएम नीत एलडीएफ और विपक्षी कांग्रेस नीत यूडीएफ के बीच है। केरल में दोनों गठबंधनों के बीच परंपरागत संघर्ष है, जहां भाजपा की मौजूदगी सीमित है।
- पश्चिम बंगाल (रायगंज सीट) – यहां पर लेफ्ट और कांग्रेस ने मिलकर एक संयुक्त उम्मीदवार उतारा है जबकि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और भाजपा अलग-अलग लड़ रहे हैं। बंगाल में यह उपचुनाव विपक्षी एकता के प्रयोग के रूप में देखा जा रहा है।

अब तक कितनी हुई वोटिंग?
सुबह 9 बजे तक के आंकड़ों के अनुसार:
- केरल की नीलांबुर सीट पर सबसे अधिक 13% मतदान दर्ज किया गया है।
- पंजाब की लुधियाना वेस्ट सीट पर अब तक 8.5% वोटिंग हुई है, जो सबसे कम है।
- अन्य सीटों पर औसतन 9 से 11 प्रतिशत के बीच मतदान की खबरें हैं।
चुनाव आयोग ने मतदाताओं से अधिक संख्या में घरों से निकलकर वोट डालने की अपील की है।
उपचुनाव क्यों अहम हैं?
इन उपचुनावों के नतीजे आगामी 2024 लोकसभा चुनाव की रणनीतियों पर असर डाल सकते हैं। गुजरात और पंजाब जैसे राज्यों में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी की परफॉर्मेंस विपक्षी राजनीति की दिशा तय कर सकती है। वहीं, केरल और बंगाल में क्षेत्रीय गठबंधन और ध्रुवीकरण की संभावनाएं परखी जा रही हैं।
चुनाव विश्लेषकों का मानना है कि इन उपचुनावों में मतदाताओं की प्रतिक्रिया राजनीतिक दलों को आगामी चुनावों के लिए अहम संदेश दे सकती है।
स्वदेश ज्योति के द्वारा
और भी दिलचस्प खबरें आपके लिए… सिर्फ़ स्वदेश ज्योति पर!