एशिया कप हॉकी 2025: भारत-जापान भिड़ंत से पहले टीम इंडिया के सामने बड़ी चुनौतियाँ
भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने एशिया कप 2025 में विजयी आगाज जरूर किया, लेकिन उसके खेल में कई कमियां भी सामने आईं। चीन के खिलाफ खेले गए पहले मैच में भारत ने 4-3 से जीत हासिल की थी। हालांकि यह जीत उतनी सहज नहीं रही, जितनी उससे अपेक्षा की जा रही थी। अब रविवार को जब हरमनप्रीत सिंह की कप्तानी में भारतीय टीम जापान से भिड़ेगी तो उसका लक्ष्य प्रदर्शन में सुधार करना और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ना होगा।
चीन के खिलाफ जीत, लेकिन सवाल भी उठे
भारत ने चीन को हराकर अपने अभियान की शुरुआत तो शानदार की, लेकिन खेल के दौरान उसकी लय लगातार डगमगाती रही। खासकर रक्षापंक्ति कई मौकों पर कमजोर साबित हुई, जिसका फायदा चीन ने उठाया और तीन गोल दागने में सफल रहा। भारत के सभी गोल पेनल्टी कॉर्नर से आए। कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने हैट्रिक लगाकर टीम को जीत दिलाई, लेकिन वह एक पेनल्टी स्ट्रोक को गोल में तब्दील करने से चूक गए।
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जापान से होगी कड़ी परीक्षा
अब भारतीय टीम का सामना जापान से है, जिसने अपने पहले मुकाबले में कजाकिस्तान को 7-0 से मात देकर दमखम दिखाया। जापानी टीम अपनी गति और चुस्ती के लिए जानी जाती है। ऐसे में भारतीय रक्षापंक्ति को बेहद सतर्क रहना होगा। चीन के खिलाफ जहां डिफेंस में ढिलाई देखने को मिली, वहीं जापान जैसी तेज टीम के खिलाफ यह चूक भारी पड़ सकती है।
कोच क्रेग फुल्टन की चिंता
भारतीय टीम के मुख्य कोच क्रेग फुल्टन सबसे ज्यादा चिंतित अपने फॉरवर्ड लाइन को लेकर होंगे। मनदीप सिंह, दिलप्रीत सिंह, संजय और सुखजीत सिंह जैसे खिलाड़ियों ने मौके जरूर बनाए, लेकिन गोल करने में नाकाम रहे। भारतीय मिडफील्ड ने अच्छा प्रदर्शन कर मौके तैयार किए, मगर उन्हें गोल में बदलने की दर कमजोर रही। यही वजह है कि टीम को आगामी मैच में मौके गंवाने की आदत सुधारनी होगी।
पेनल्टी कॉर्नर पर निर्भरता बढ़ी चुनौती
भारत के पास हरमनप्रीत सिंह, जुगराज सिंह, संजय और अमित रोहिदास जैसे चार बेहतरीन ड्रैग-फ्लिकर मौजूद हैं। बावजूद इसके टीम की गोल करने की सफलता दर संतोषजनक नहीं रही। चीन के खिलाफ सभी गोल पेनल्टी कॉर्नर से आए, लेकिन फील्ड गोल का आभाव चिंता का विषय है। जापान जैसी टीम के खिलाफ केवल पेनल्टी कॉर्नर पर निर्भर रहना जोखिम भरा हो सकता है।
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सीधे विश्व कप में मिलेगी एंट्री
यह एशिया कप भारत के लिए बेहद अहम है, क्योंकि विजेता टीम को अगले साल बेल्जियम और नीदरलैंड में होने वाले हॉकी विश्व कप के लिए सीधा क्वालिफिकेशन मिलेगा। भारतीय टीम इस टूर्नामेंट में सबसे ऊंची रैंकिंग वाली टीम है और दावेदार मानी जा रही है। हालांकि शुरुआती मैच के प्रदर्शन से साफ है कि टीम को खिताबी दावेदारी बरकरार रखने के लिए हर विभाग में सुधार करना होगा।
संभावित टीमें
भारत – कृष्ण बी पाठक (गोलकीपर), सूरज करकेरा (गोलकीपर), सुमित, जरमनप्रीत सिंह, संजय, हरमनप्रीत सिंह (कप्तान), अमित रोहिदास, जुगराज सिंह, राजिंदर सिंह, राज कुमार पाल, हार्दिक सिंह, मनप्रीत सिंह, विवेक सागर प्रसाद, मनदीप सिंह, शिलानंद लाकड़ा, अभिषेक, सुखजीत सिंह, दिलप्रीत सिंह।
जापान – शोटा यामादा, युतो हिगुची, यामातो कावाहारा, सेरेन तनाका, नारू किमुरा, काजुमासा मात्सुमोतो, मनाबू यामाशिता, रायकी फुजीशिमा (कप्तान), केन नागायोशी, युसुके कावामुरा, कोसी कावाबे, ताकाशी योशिकावा (गोलकीपर), किशो कुरोदा (गोलकीपर), कीता वतनबे, रयोसुके शिनोहारा, ह्योटा यामादा।
भारतीय टीम का असली इम्तिहान अब जापान के खिलाफ होने वाला है। अगर टीम इस मुकाबले में अपनी गलतियों से सबक लेकर मजबूत प्रदर्शन करती है, तो न केवल वह जीत की राह पर आगे बढ़ेगी, बल्कि खिताब की प्रबल दावेदार के रूप में भी अपनी स्थिति मजबूत कर लेगी।
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