रोहतक में साइबर सेल के एएसआई ने आत्महत्या से पहले बताया कि आईपीएस वाई. पूरन कुमार भ्रष्टाचार में लिप्त थे
रोहतक में साइबर सेल के एएसआई ने आत्महत्या की, मरने से पहले वीडियो में लगाए आईपीएस वाई. पूरन कुमार पर गंभीर आरोप
रोहतक। हरियाणा में एक और हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है जिसमें साइबर सेल में तैनात एएसआई संदीप लाठर ने मंगलवार को अपने कमरे में खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। घटना के बाद मिली जानकारी के अनुसार मृतक ने मरने से पहले एक वीडियो भी बनाया, जिसमें उन्होंने दिवंगत आईपीएस वाई. पूरन कुमार पर गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए और कहा कि वे अपनी जान की आहूति दे रहे हैं। पुलिस ने मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच पड़ताल कर रही है।
पुलिस के अनुसार मंगलवार दोपहर बाद लाढौत रोड स्थित कमरे में एक व्यक्ति का शव पड़ा होने की सूचना मिली। सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पहचान कराई गई कि वह साइबर सेल में तैनात एएसआई संदीप लाठर हैं। मौके से एक सुसाइड नोट भी बरामद होने की बात कही जा रही है, लेकिन पुलिस इस सुसाइड नोट मिलने की आधिकारिक पुष्टि अभी सार्वजनिक रूप से नहीं कर रही है।
वीडियो संदेश में एएसआई ने कहा कि उन्होंने अपने वीडियो में स्पष्ट रूप से आरोप लगाए हैं कि आईपीएस पूरन भ्रष्टाचार में लिप्त थे और सरकार अब अच्छे अधिकारियों को निशाने पर ले रही है। एएसआई ने कहा कि पूरन कुमार ने एक मामले में पचास करोड़ की डील की थी। वीडियो में उन्होंने रोहतक पुलिस अधीक्षक नरेंद्र बिजराणिया के दखलअंदाजी का भी उल्लेख करते हुए उन्हें एक ईमानदार अधिकारी बताया। उसी वीडियो में एएसआई ने कहा कि जिस दिन से आईपीएस पूरन सिंह रोहतक में तैनात थे, उसी दिन से जातिवाद की स्थिति शुरू हो गई। इन शब्दों के साथ उन्होंने कहा कि वे इस सिस्टम से दुखी होकर अपनी जान की आहूति दे रहे हैं।
पुलिस ने मृतक के परिजन को सूचित किया और परिजन भी मौके पर पहुंच गए। स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि घटना की गहनता से छानबीन की जा रही है और सभी उपलब्ध साक्ष्यों का त्वरित और पारदर्शी ढंग से परीक्षण किया जाएगा। पोस्टमार्टम रिपोर्ट, कैमरा फुटेज, मोबाइल और अन्य तकनीकी प्रमाणों की पड़ताल की जाएगी ताकि घटना के पीछे की सच्चाई सामने आ सके तथा यह स्पष्ट हो कि आत्महत्या की परिस्थितियाँ किन-किन कारणों से प्रेरित थीं।

यह घटना उस वक़्त और भी संवेदनशील हो गई है जब राज्य में पहले ही आईपीएस वाई. पूरन कुमार का मामला चर्चा में है। एएसआई के वीडियो में लगाये गये आरोपों ने मामले की गूँज को और बढ़ा दिया है तथा ऐसे में पुलिस और संबंधित विभागों पर यह जिम्मेदारी बढ़ जाती है कि वे निष्पक्ष, त्वरित और व्यापक जांच कर लोगों के मन में उठ रहे सवालों का संतोषजनक उत्तर दें।
घटना ने रोहतक वासियों और संबंधित अधिकारियों में चिंता और तनाव की स्थिति पैदा कर दी है। सामाजिक और प्रशासनिक स्तर पर उठने वाले सवालों के बीच यह जरूरी हो जाता है कि जांच में पारदर्शिता बरती जाए और किसी भी प्रकार की छुप-छुपकर की करतूत से बचा जाए, ताकि जांच पर सभी का विश्वास बना रह सके। साथ ही यह भी विचारणीय है कि ऐसे मामलों में मानसिक स्वास्थ्य, कार्यस्थल तनाव और शिकायत निवारण तंत्र का क्या रोल रहा और भविष्य में किस तरह से इन संवेदनशील पहलुओं पर ध्यान दिया जाए।
पुलिस ने कहा है कि मामले की पड़ताल जारी है और जो भी साक्ष्य सामने आएंगे, उनके आधार पर आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी। राज्य सरकार तथा संबंधित विभागों से भी इस मामले में अधिकारीगणों के पद और जिम्मेदारियों की दृष्टि से आवश्यक कदम उठाये जाने की उम्मीद है ताकि जांच निष्पक्ष रूप से पूरी हो सके और दोषियों के खिलाफ कानून के अनुसार कठोर कार्रवाई की जा सके।
यह घटना उन कई चुनौतियों की याद दिलाती है जो शासन एवं प्रशासन से जुड़े मामलों में सामने आती हैं — पारदर्शिता की अपरिहार्यता, शिकायतों की समय पर जांच और कर्मचारियों के साथ न्यायसंगत व्यवहार। जब कोई अधिकारी अत्यंत गंभीर आरोपों को लेकर स्वयं को समाप्त करने की कसौटी पर पहुंच जाता है तो यह संकेत है कि संस्थागत स्तर पर कई पहलुओं पर गम्भीर समीक्षा आवश्यक है।
जानकारी के मुताबिक पुलिस मामले की सभी कोणों से जांच कर रही है और जल्द ही स्थिति स्पष्ट होने पर आधिकारिक बयान जारी किया जाएगा। तब तक पुलिस ने स्थानीय जनता से शांति बनाए रखने और अफवाहों से बचने का आग्रह किया है ताकि जांच प्रभावित न हो।
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