मेडिकल आधार पर मिली राहत, कोर्ट ने अगली सुनवाई में निर्णय के दिए संकेत
गुजरात उच्च न्यायालय ने आसाराम की अंतरिम जमानत
जोधपुर। दुष्कर्म के मामले में दोषी और उम्रकैद की सजा काट रहे आसाराम बापू को गुजरात उच्च न्यायालय ने 7 जुलाई 2025 तक अंतरिम जमानत दे दी है। शुक्रवार को सुनवाई के दौरान अदालत ने उनकी अस्थायी जमानत की अवधि बढ़ाने का आदेश जारी किया।
आसाराम की अंतरिम जमानत 30 जून को समाप्त होनी थी, लेकिन उनके वकीलों द्वारा मेडिकल दस्तावेजों और प्रक्रिया संबंधी दलीलों के आधार पर अदालत ने उन्हें कुछ और दिन की राहत प्रदान की।
क्या बोले आसाराम के वकील?
- नेशनल लीगल सर्विसेज अथॉरिटी (NALSA) से प्रमाणपत्र अब तक प्राप्त नहीं हुआ।
- पिछली बार भी जमानत आदेश के बाद प्रक्रियात्मक देरी के कारण उन्हें कम समय मिला।
- 90 दिन की पंचकर्म चिकित्सा प्रक्रिया के लिए और समय आवश्यक है।
विरोधी पक्ष की आपत्तियाँ
- आसाराम इलाज के नाम पर बार-बार अस्पताल बदल रहे हैं, जिससे संदेह होता है कि वे जेल से बाहर ही रहना चाहते हैं।
- जोधपुर में भी एम्स और आयुर्वेदिक अस्पताल मौजूद हैं, इलाज वहीं संभव है।
कोर्ट की टिप्पणियाँ
कोर्ट ने मौखिक टिप्पणी में कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में यह स्पष्ट किया है कि अस्थायी जमानत को बार-बार बढ़ाना उचित नहीं है, और यह एक अनावश्यक परंपरा बनती जा रही है। कोर्ट ने संकेत दिए कि अगली सुनवाई में अंतिम निर्णय सुनाया जा सकता है।
सुप्रीम कोर्ट की शर्तें
जनवरी 2025 में सर्वोच्च न्यायालय ने मेडिकल आधार पर आसाराम को अंतरिम जमानत दी थी, लेकिन कुछ सख्त शर्तों के साथ:
- अनुयायियों से सार्वजनिक रूप से मुलाकात नहीं कर सकते
- पुलिस निगरानी में रहना अनिवार्य
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