- किसान पुत्र आज बॉलीवुड की चमचमाती दुनिया में अपनी पहचान बनाने की ओर बढ़ रहा
मध्य प्रदेश के छोटे से कस्बे सीहोर की मिट्टी में पला-बढ़ा एक किसान पुत्र आज बॉलीवुड की चमचमाती दुनिया में अपनी पहचान बनाने की ओर बढ़ रहा है। अरहान पटेल, जिनके पिता किसान हैं और जिन्होंने संघर्ष व कठिनाइयों के बीच अपना बचपन बिताया, अब बड़े पर्दे पर बतौर हीरो कदम रख रहे हैं। महेश भट्ट और निर्देशक सुहृता दास की फिल्म 'तू मेरी पूरी कहानी' से उनका यह डेब्यू न केवल उनके लिए बल्कि उन तमाम युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो छोटे कस्बों से बड़े सपने देखने का साहस करते हैं।
महेश भट्ट और सुहृता दास ने दिया ब्रेक
अरहान के करियर का यह अहम मोड़ निर्देशक सुहृता दास और दिग्गज फिल्मकार महेश भट्ट की वजह से संभव हो पाया। सुहृता दास, जिन्होंने पहले हमारी अधूरी कहानी जैसी फिल्म पर काम किया, ने अरहान में वह प्रतिभा देखी जो एक नायक को पर्दे पर जीवंत कर सकती थी। अरहान खुद बताते हैं—
"सुहृता मैम ने ही मुझमें वह चिंगारी पहचानी और मुझे रोहन के किरदार के लिए चुना। महेश भट्ट जैसे निर्माता के साथ पहली फिल्म करना मेरे लिए सपने जैसा है।"
फिल्म को मिल रही सकारात्मक प्रतिक्रिया
'तू मेरी पूरी कहानी' को दर्शकों से अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है। नई जोड़ी और संवेदनशील कहानी दर्शकों को आकर्षित कर रही है। फिल्म देखने वालों का कहना है कि कहानी सीधे दिल को छू जाती है और अरहान पटेल ने अपने पहले ही अभिनय प्रयास में मजबूत छाप छोड़ी है।
भट्ट कैंप का नया चेहरा
महेश भट्ट और उनका प्रोडक्शन कैंप हमेशा से नए चेहरों को मौका देने के लिए जाना जाता है। जॉन अब्राहम, इमरान हाशमी, आदित्य रॉय कपूर और कंगना रनौत जैसे सितारे इसी कैंप से निकले हैं। अब इस लिस्ट में अरहान पटेल का नाम भी जुड़ गया है। यह साबित करता है कि टैलेंट और जुनून हो तो बैकग्राउंड कभी रुकावट नहीं बनता।
संघर्ष से मिली सफलता
सीहोर जैसे छोटे कस्बे से आकर बॉलीवुड का हिस्सा बनना आसान नहीं था। अरहान ने इस मुकाम तक पहुँचने के लिए लगातार मेहनत, धैर्य और संघर्ष किया। उनके परिवार ने भी उनका हर कदम पर साथ दिया। खेती-किसानी के माहौल से निकलकर फिल्म इंडस्ट्री तक पहुँचना यह दिखाता है कि सच्चा जज़्बा इंसान को किसी भी ऊँचाई तक ले जा सकता है।
देशभर के युवाओं के लिए प्रेरणा
अरहान पटेल का यह सफर उन तमाम युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत है, जो छोटे शहरों और गांवों से बड़े सपने लेकर निकलते हैं। उनकी कहानी यह बताती है कि अगर मेहनत, धैर्य और सही मार्गदर्शन मिले, तो कोई भी सपना हकीकत बन सकता है।
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