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June 1, 2025 1:04 AM

भारत में बने iPhone अब अमेरिका में बिकेंगे सबसे ज़्यादा: टिम कुक का बड़ा ऐलान

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टैरिफ संकट से बचने की रणनीति में भारत-वियतनाम को प्राथमिकता, चीन की भूमिका सीमित

एपल के CEO टिम कुक ने एक अहम घोषणा करते हुए कहा है कि इस साल जून तिमाही में अमेरिका में बिकने वाले ज़्यादातर iPhone भारत में बनाए जाएंगे। यह निर्णय अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते टैरिफ और व्यापारिक तनाव को देखते हुए लिया गया है। एपल अब अपने मैन्युफैक्चरिंग और सप्लाई चेन को बहुराष्ट्रीय दिशा में लेकर जा रहा है, जिसमें भारत और वियतनाम मुख्य स्तंभ बन रहे हैं।


❖ भारत बना एपल का नया मैन्युफैक्चरिंग हब

टिम कुक ने शुक्रवार को कंपनी की दूसरी तिमाही की रिपोर्ट साझा करते हुए कहा कि

“हम जून तिमाही में उम्मीद करते हैं कि अमेरिका में बिकने वाले अधिकांश iPhone अब भारत से आयात किए जाएंगे।”

इसका मतलब है कि भारत से बने iPhones अब अमेरिकी बाज़ार में बड़ी हिस्सेदारी रखने जा रहे हैं। वहीं, चीन अब अमेरिका के बाहर के बाजारों के लिए एपल डिवाइस तैयार करता रहेगा।


❖ वियतनाम को भी मिली बड़ी भूमिका

टिम कुक ने आगे बताया कि iPad, Mac, Apple Watch और AirPods जैसे प्रमुख प्रोडक्ट्स की सप्लाई अब वियतनाम से की जाएगी। एपल ने वियतनाम को अमेरिका के लिए दूसरे सबसे बड़े प्रोडक्ट सप्लायर के रूप में स्थापित कर दिया है।


❖ चीन से आयात पर भारी टैक्स का दबाव

अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध के चलते अप्रैल में अमेरिका ने चीन से आयात होने वाले कुछ प्रोडक्ट्स पर 125% तक का अतिरिक्त टैरिफ लगाने की घोषणा की थी। इससे चीन से आने वाले AppleCare और एक्सेसरीज़ पर कुल टैक्स 145% तक पहुंच गया है।

हालांकि, कुक ने स्पष्ट किया कि

“iPhone, Mac, iPad, Apple Watch और Vision Pro जैसे मुख्य उत्पादों पर अभी नए वैश्विक टैरिफ लागू नहीं हुए हैं।

कारण यह है कि अमेरिका का वाणिज्य विभाग अभी सेमीकंडक्टर उपकरणों और संबंधित उत्पादों के आयात की जांच कर रहा है।


❖ बढ़ते टैरिफ का असर एपल की लागत पर

अगर जून तिमाही तक टैरिफ और व्यापार नीति में कोई बदलाव नहीं हुआ, तो टिम कुक के अनुसार एपल की कुल उत्पादन लागत पर लगभग 900 मिलियन डॉलर का अतिरिक्त बोझ पड़ सकता है।


❖ क्यों अहम है यह बदलाव?

  • भारत और वियतनाम को उत्पादन केंद्र बनाने से एपल जोखिमों का विकेंद्रीकरण कर पा रहा है।
  • चीन पर निर्भरता कम कर एपल अमेरिकी टैरिफ नीति से खुद को बचा रहा है।
  • भारत के लिए यह बड़ा आर्थिक और औद्योगिक अवसर है, जिससे देश की मेक इन इंडिया नीति को भी बल मिलेगा।

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