October 15, 2025 12:10 PM

वायुसेना प्रमुख का तीखा प्रतिवादन: पाक दावों को बताया “मनोहर कहानियाँ”, ऑपरेशन सिंदूर में गहरा नुकसान पहुँचाने का दावा

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एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने पाक दावों को खारिज किया, ऑपरेशन सिंदूर में भारी नुकसान का दावा

नई दिल्ली, 3 अक्टूबर। भारतीय वायुसेना के मुखिया एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने पाकिस्तान की उन दावों को खारिज कर दिया है जिनमें कहा गया था कि पाकिस्तान ने भारतीय जेट गिराए हैं। उन्होंने इन दावों को सार्वजनिक तौर पर “मनोहर कहानियाँ” कहा और चुनौती दी कि अगर उनके पास प्रमाण हैं तो वे उपलब्ध कराएँ। वहीं एयर चीफ ने अपने संबोधन में यह भी स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेनाओं ने पाकिस्तान में सैकड़ों किलोमीटर भीतर तक सटीक हमले कर कई हवाई प्रतिष्ठानों, रडार और हैंगरों को क्षतिग्रस्त कर भारी नुक़सान पहुंचाया है।

पाक के दावों पर सख्त रुख और सबूत की चुनौती

एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने कहा कि पाकिस्तान के उन दावों पर चर्चा करना उनका उद्देश्य नहीं है जिनमें भारत के कई जेट गिरने की बातें की जा रही हैं। उन्होंने तीखी भाषा में कहा कि यदि उनके पास कोई तस्वीरें या ठोस सबूत हैं तो उन्हें सामने लाना चाहिए, क्योंकि उन्होंने खुद कई ऐसी तस्वीरें पाकिस्तान के ठिकानों की दिखा दी हैं जो वहां हुए नुकसान की तरफ इशारा करती हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को अपनी इज्जत बचाने के लिए कभी-कभी आंकड़ों या कथाओं का सहारा लेना पड़ता है, पर इससे वास्तविक स्थिति नहीं बदलती।

ऑपरेशन सिंदूर: 300 किमी तक सटीक मार और बड़े लक्ष्यों का भंग

एयर चीफ ने ऑपरेशन सिंदूर का विवरण देते हुए कहा कि अभियान का मकसद पहलगाम हमले के बाद स्पष्ट कर दिया गया था और सेना को पूरा स्वतंत्र हाथ दिया गया था। उन्होंने जोर देकर कहा कि ऑपरेशन का लक्ष्य केवल एक सटीक जवाब देना था और उसे बिना किसी रूपरेखा के बढ़ाए समाप्त कर दिया गया, जिससे विरोधी को युद्धविराम का प्रस्ताव देना पड़ा। एपी सिंह ने कहा कि ऑपरेशन में भारतीय बलों ने 300 किलोमीटर के अन्दर स्थित दुश्मन के ठिकानों तक सटीक मार की और कम से कम चार स्थानों पर रडार, दो कमांड व कंट्रोल केंद्र, दो रनवे और तीन हैंगर क्षतिग्रस्त कर दिए गए। उन्होंने आगे कहा कि कम से कम चार से पांच लड़ाकू विमान भी नष्ट किए गए जिनमें संभवतः एफ-16 और जेएफ-17 शामिल हैं तथा एक सतह-से-हवा प्रणालि (एसएएम) भी ध्वस्त की गई।

लंबी दूरी पर लक्ष्य भेदने का रिकॉर्ड और वायु रक्षा क्षमता की पुष्टि

वायुसेना प्रमुख ने यह भी कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जिस दूरी से लक्ष्यों को भेद कर हिट किया गया वह अब तक का रिकॉर्ड रहा। उन्होंने बताया कि भारतीय वायु रक्षा प्रणाली ने अत्यधिक सटीकता और प्रणालीगत तालमेल दिखाया, जिससे पाकिस्तान की आक्रामक गतिविधियों पर प्रभावी रोक लग गई। यह बयान तकनीकी क्षमताओं के प्रदर्शन और संयुक्त सैन्य रणनीति की कामयाबी पर जोर देता है।

पाक में नए आतंकी अड्डों और भविष्य की रणनीतियाँ

एपी सिंह ने पाकिस्तान के भीतर खैबर पख्तूनख्वा क्षेत्र में छोटे-छोटे नए आतंकी अड्डों के निर्माण की सूचनाओं का हवाला देते हुए कहा कि ऐसा होना स्वाभाविक है, पर उससे हमारे विकल्प बदलते नहीं। उन्होंने स्पष्ट किया कि छोटे ढांचे बनाए जाने पर भी भारतीय बलों के पास उन्हें भेद कर नष्ट करने की क्षमता बनी हुई है और जरूरत के मुताबिक कार्रवाई जारी रखी जाएगी।

युद्ध की सीमितता और संदेश: एक लक्ष्य, एक सबक

वायुसेना प्रमुख ने ऑपरेशन के उद्देश्य और परिणाम दोनों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह एक ऐसा युद्ध था जिसे एक स्पष्ट उद्देश्य के साथ शुरू किया गया और उसे वहा तक सीमित रखा गया। उन्होंने कहा कि दुनिया में चल रहे अन्य लंबे संघर्षों को देखते हुए यह सबक महत्वपूर्ण है कि लक्षित कार्रवाई करके भी निर्णायक प्रभाव डाला जा सकता है और विरोधी को युद्धविराम के लिए मजबूर किया जा सकता है। उनके शब्दों में यह रणनीति इतिहास में दर्ज होने योग्य है और दुनिया के लिए एक मॉडल साबित हो सकती है।

सशक्त वायु रक्षा और भविष्य की आवश्यकताएँ

जब उनसे पूछा गया कि क्या वायुसेना और अधिक एस-400 जैसी एयर डिफेंस प्रणालियाँ खरीदेगी तो उन्होंने सीधे उत्तर नहीं दिया, परन्तु कहा कि जो प्रणाली आज इस्तेमाल की गई उसने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है और हमें अपने रक्षा ढांचे को लगातार मज़बूत बनाना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि अब भारतीय सेनाओं के बीच संयुक्त कार्य करने की क्षमता और वायु रक्षा के समन्वय ने स्पष्ट संदेश दिया है कि सीमाओं के भीतर और बाहर आवश्यक कार्रवाई करने की शक्ति मौजूद है।

इन बिन्दुओं से निकलने वाला स्पष्ट संदेश यह है कि भारतीय वायुसेना ने हालिया ऑपरेशनों में तकनीकी सक्षमता और सामरिक निर्णय दोनों का सफलतापूर्वक प्रयोग किया, जबकि पाकिस्तान द्वारा की गई गुणात्मक या मात्रात्मक दावों को वायुसेना प्रमुख ने बिना प्रमाण के अस्वीकार कर दिया।



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