विश्व चैंपियनशिप ट्रायल्स में अंतिम पंघाल की दमदार वापसी, विवादों से निकलकर टीम इंडिया में बनाई जगह
नई दिल्ली।
भारतीय महिला कुश्ती की चमकता हुआ सितारा बनीं अंतिम पंघाल ने रविवार को दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में आयोजित विश्व कुश्ती चैंपियनशिप के ट्रायल्स में अपनी प्रतिभा और आत्मविश्वास का बेहतरीन प्रदर्शन किया। उन्होंने 53 किलोग्राम भार वर्ग में न केवल जीत दर्ज की, बल्कि तकनीकी श्रेष्ठता और रणनीतिक कौशल के आधार पर विरोधियों को एकतरफा अंदाज़ में मात दी।
आक्रामक रुख और स्पष्ट रणनीति से जीता मुकाबला
मध्य प्रदेश की पूजा और गुजरात की हिनाबेन जैसी मजबूत पहलवानों के खिलाफ अंतिम ने न केवल मुकाबले जीते, बल्कि उन्हें एक भी अंक नहीं लेने दिया। पूजा के खिलाफ उन्होंने पहले ही मौके पर प्रसिद्ध दांव ‘फितले’ का इस्तेमाल किया और तीन बार पटखनी देकर 6-0 की बढ़त बना ली। इस हमले के बाद पूजा के घुटने में चोट लग गई और वह मुकाबले से हट गईं। वहीं हिनाबेन के खिलाफ अंतिम की रणनीति और तकनीकी पकड़ इतनी मजबूत थी कि उन्होंने तकनीकी अंक लेकर जीत दर्ज की।
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विवादों से निकलकर वापसी की कहानी
20 वर्षीय अंतिम ने 2022 में देश की पहली अंडर-20 विश्व चैंपियन बनकर अपनी पहचान बनाई थी। इसके बाद उन्होंने एशियाई खेलों और विश्व चैंपियनशिप में भी पदक जीतकर भारत को गौरवान्वित किया। हालांकि, पेरिस ओलंपिक 2024 में उनका प्रदर्शन उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाया और वे विवादों में घिर गईं। उन्होंने अपने मान्यता कार्ड पर अपनी बहन को खेल गांव भेज दिया था, जिससे काफी आलोचना हुई। हालांकि, भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) ने उन्हें अनुशासनात्मक कार्रवाई से राहत दी।
इस विवाद के बारे में पूछने पर अंतिम ने स्वीकार किया कि उनसे गलती हुई, लेकिन वह जानकारी के अभाव में हुई। उन्होंने कहा, “मुझे नहीं पता था कि ओलंपिक खेलों के नियम बाकी टूर्नामेंटों से अलग होते हैं। मैंने माहौल को पहली बार अनुभव किया था। भ्रम और दबाव का असर मेरे प्रदर्शन पर पड़ा। महासंघ ने बाद में मेरा साथ दिया और मुझे दो अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में भेजा, जिनमें मैंने स्वर्ण पदक जीते।”
डब्ल्यूएफआई से मतभेद, लेकिन लौटकर फिर राष्ट्रीय शिविर में
हाल में अंतिम ने अपने निजी कोच के साथ विदेश में प्रशिक्षण लेने की अनुमति मांगी थी, जिसे कुश्ती महासंघ ने अस्वीकार कर दिया। उन्हें राष्ट्रीय प्रशिक्षण शिविर में शामिल होने का निर्देश दिया गया। अंतिम ने इसे स्वीकार किया और फिर से खुद को साबित किया। उनकी यह वापसी और प्रतिबद्धता युवाओं के लिए प्रेरणादायक बन गई है।
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अन्य विजेताओं का प्रदर्शन भी रहा प्रभावी
अंतिम के साथ अन्य महिला पहलवानों ने भी शानदार प्रदर्शन किया।
- 65 किग्रा वर्ग में महाराष्ट्र की वैष्णवी पाटिल ने फ्रीडम यादव को 10-6 और मुस्कान को 7-2 से हराकर अपना स्थान पक्का किया।
- 62 किग्रा वर्ग में मनीषा भानवाला ने मानसी अहलावत को 2-0 से हराया।
- 72 किग्रा में ज्योति ने हर्षिता को 11-6 से और
- 76 किग्रा में प्रिया मलिक ने किरण को 4-2 से मात दी।
- अन्य विजेताओं में अंकुश (50 किग्रा), निशू (55 किग्रा), तपस्या (57 किग्रा), नेहा (59 किग्रा), सृष्टि (68 किग्रा) शामिल हैं।
आगामी विश्व चैंपियनशिप में युवा टीम का जोश
13 से 21 सितंबर तक क्रोएशिया की राजधानी जगरेब में होने वाली विश्व चैंपियनशिप के लिए चुनी गई भारतीय महिला टीम में अधिकांश युवा खिलाड़ी हैं। केवल कुछ ही 20 वर्ष से अधिक उम्र की पहलवान हैं, लेकिन इनका जोश और हुनर किसी अनुभवी से कम नहीं दिखा।
अंतिम पंघाल और अन्य खिलाड़ियों का यह प्रदर्शन बताता है कि भारतीय महिला कुश्ती एक नए युग की ओर बढ़ रही है, जिसमें युवा खिलाड़ियों का आत्मविश्वास, कठिनाइयों से लड़ने की क्षमता और जीत का जुनून केंद्र में है।
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