ओटावा/नई दिल्ली।
कनाडा में हाल ही में हुए आम चुनावों के बाद बने नए मंत्रिमंडल में भारतीय मूल की अनीता आनंद को विदेश मंत्री का अहम पद सौंपा गया है। उन्होंने मंगलवार को विधिवत शपथ लेकर यह जिम्मेदारी संभाली। अनीता के साथ-साथ प्रधानमंत्री मार्क कार्नी की कैबिनेट में तीन अन्य भारतवंशी नेता भी शामिल किए गए हैं, जो कनाडा की राजनीति में भारतीय समुदाय की बढ़ती भागीदारी का प्रतीक बन चुके हैं।
🔹 लिबरल पार्टी की जीत, भारतवंशियों का दबदबा
28 अप्रैल को हुए आम चुनाव में लिबरल पार्टी ने बहुमत हासिल करते हुए सरकार बनाई, जिसमें प्रधानमंत्री पद की बागडोर अनुभवी नेता मार्क कार्नी को सौंपी गई। इस चुनाव में कुल 22 भारतीय मूल के उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की, जो कनाडा के संसदीय इतिहास में अब तक का एक महत्वपूर्ण आंकड़ा है।
🔹 विदेश मंत्री बनीं अनीता आनंद का सफर
57 वर्षीय अनीता आनंद पेशे से एक अनुभवी वकील हैं और 2019 से कनाडा की राजनीति में सक्रिय हैं। उन्होंने ओंटारियो की ओकविल सीट से अपना पहला संसदीय चुनाव जीतकर राजनीति में कदम रखा था। इससे पहले वे कनाडा की रक्षा मंत्री रह चुकी हैं और कोविड काल के दौरान वैक्सीनेशन रणनीति में उनकी भूमिका काफी सराही गई थी। अब उन्हें देश की विदेश नीति की कमान सौंपी गई है।

🔹 गहरी भारतीय जड़ें, अंतरराष्ट्रीय शिक्षा
अनीता का पारिवारिक बैकग्राउंड बेहद दिलचस्प है—उनके पिता तमिलनाडु और मां पंजाब की रहने वाली थीं। हालांकि, अनीता का जन्म और परवरिश कनाडा के ग्रामीण नोवा स्कोटिया में हुई।
शिक्षा के क्षेत्र में उन्होंने बेहतरीन मुकाम हासिल किया:
- क्वीन्स यूनिवर्सिटी से पॉलिटिकल साइंस में स्नातक
- ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से न्यायशास्त्र में डिग्री
- डलहौजी यूनिवर्सिटी से लॉ ग्रेजुएशन
- टोरंटो यूनिवर्सिटी से लॉ में मास्टर्स
उनका बहुआयामी शैक्षणिक अनुभव और मजबूत कानूनी पृष्ठभूमि उन्हें विदेश मंत्रालय की जिम्मेदारी के लिए एक उपयुक्त विकल्प बनाती है।
🔹 अन्य भारतवंशी चेहरे भी शामिल
प्रधानमंत्री कार्नी ने मनिंदर सिंधू को अंतरराष्ट्रीय व्यापार मंत्री नियुक्त किया है। मनिंदर इससे पहले विदेश मंत्रालय संभाल चुके हैं और वे 2019 से लगातार चुनाव जीतते आ रहे हैं। उनके कार्यकाल को व्यापार नीतियों और वैश्विक साझेदारियों के लिहाज से बेहद प्रभावशाली माना जाता है।
इसके अलावा, रूबी सहोता और रणदीप सिंह सराय को कैबिनेट में राज्य सचिव के रूप में शामिल किया गया है। ये दोनों नेता अपने क्षेत्र में लंबे समय से सक्रिय हैं और भारतीय समुदाय के बीच मजबूत पकड़ रखते हैं।
🌍 भारत-कनाडा संबंधों पर असर
अनीता आनंद के विदेश मंत्री बनने से यह उम्मीद की जा रही है कि भारत और कनाडा के बीच के द्विपक्षीय संबंधों में एक नई ऊर्जा आएगी। हाल के वर्षों में दोनों देशों के रिश्तों में तनाव के बादल देखे गए थे, लेकिन अब एक भारतीय मूल की महिला के विदेश मंत्री बनने से संवाद और सहयोग के नए रास्ते खुल सकते हैं।
भारतीय मूल के नेताओं की यह बढ़ती भागीदारी न सिर्फ कनाडा में भारतीय समुदाय की राजनीतिक स्थिति को मज़बूत करती है, बल्कि विश्व स्तर पर भारत की प्रभावशीलता को भी रेखांकित करती है।
स्वदेश ज्योति के द्वारा
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