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April 18, 2025 3:36 PM

आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय दोगुना करने की सिफारिश

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संसदीय स्थायी समिति ने अनुदान मांग रिपोर्ट जारी की

नई दिल्ली। सांसद दिग्विजय सिंह की अध्यक्षता वाली शिक्षा, महिला, बाल, युवा और खेल संबंधी संसदीय स्थायी समिति ने महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के लिए अपनी अनुदान मांग रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय दोगुना करने और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता कल्याण बोर्ड के गठन की सिफारिश की गई है।

आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को मिलेगा ज्यादा मानदेय

रिपोर्ट के अनुसार, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायकों को मिलने वाले वर्तमान मानदेय को दोगुना किया जाना चाहिए। साथ ही, आंगनवाड़ी सेवाओं को उन्नत कर ‘सक्षम आंगनवाड़ी एवं शिशुगृह केंद्रों’ में बदला जाए, जहां 6 माह से 6 वर्ष तक के सभी बच्चों के लिए बाल देखभाल सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं।

आंगनवाड़ियों में खाली पद जल्द भरे जाएंगे

समिति ने वर्ष 2025 के अंत तक देशभर में आंगनवाड़ियों में रिक्त पड़े लगभग 2.13 लाख पदों को भरने की सिफारिश की है। इससे पोषण, शिक्षा और बाल देखभाल सेवाओं में सुधार होगा।


कुपोषण और एनीमिया से निपटने के लिए बड़े कदम

समिति ने विभिन्न जाति समुदायों में एनीमिया (रक्ताल्पता) और कुपोषण का सटीक पता लगाने के लिए एक भू-सामाजिक जाति जनगणना कराने की जरूरत बताई है। साथ ही, 2032 तक कुपोषण और एनीमिया उन्मूलन के लिए एक राष्ट्रीय मिशन स्थापित करने की सिफारिश की गई है।


प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में संशोधन की मांग

रिपोर्ट में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY) में संशोधन करने की सिफारिश की गई है। समिति ने कहा है कि:
सभी गर्भवती महिलाओं को इस योजना का लाभ मिलना चाहिए।
✅ योजना के तहत दी जाने वाली 5,000 रुपये की सहायता राशि बढ़ाकर 6,000 रुपये की जाए।
✅ इसे राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अनुरूप किया जाए।


पोषण ट्रैकर ऐप का मूल्यांकन करने की जरूरत

आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायकों को पोषण ट्रैकर ऐप का उपयोग करने में कठिनाई हो रही है। इसलिए समिति ने इस ऐप का मूल्यांकन कर बेहतर तकनीकी समाधान उपलब्ध कराने की सिफारिश की है।


मणिपुर के महिलाओं और बच्चों के लिए विशेष समिति की सिफारिश

समिति ने मणिपुर की स्थिति पर भी चिंता जताई है और वहां के आंतरिक रूप से विस्थापित महिलाओं और बच्चों के लिए एक विशेष समिति के गठन की सिफारिश की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि:

  • पिछले 21 महीनों से मणिपुर के लोग संकट का सामना कर रहे हैं।
  • राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) को मणिपुर में कानून-व्यवस्था से जुड़े मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए।
  • महिला और बाल अधिकारों की रक्षा के लिए एक समग्र राष्ट्रीय ढांचा तैयार किया जाना चाहिए।

सरकार पर दबाव बढ़ा, जल्द हो सकता है बड़ा फैसला

इस रिपोर्ट के बाद सरकार पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की सैलरी बढ़ाने और नई योजनाओं को लागू करने का दबाव बढ़ सकता है। अब देखना होगा कि सरकार संसदीय समिति की इन सिफारिशों को कब और कैसे लागू करती है।

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