अमित शाह बोले- जंगलराज के दौर में बिहार रक्तरंजित हुआ था, एनडीए सरकार ने भयमुक्त राज्य बनाया

गोपालगंज / पटना।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को बिहार के गोपालगंज में वर्चुअली आयोजित चुनावी जनसभा को संबोधित किया। खराब मौसम के कारण उनका हेलिकॉप्टर पटना से उड़ान नहीं भर सका, जिसके चलते उन्होंने ऑनलाइन माध्यम से जनसभा को संबोधित किया। अपने भाषण में शाह ने बिहार के लोगों से कहा कि वे ‘जंगलराज’ की यादों को न भूलें, जब राज्य में भय, भ्रष्टाचार और अपराध चरम पर थे। उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार ने बिहार को अपराधमुक्त, विकासोन्मुख और सुरक्षित राज्य बनाने के लिए जो काम किया है, वह जनता के सामने है।

अमित शाह ने अपने संबोधन में कहा, “बिहार के लोगों ने जंगलराज का दर्द झेला है। बथानी टोला, सोनारी, शंकरबीघा जैसे 34 नरसंहारों से राज्य की धरती रक्तरंजित हुई थी। गरीबों का खून बहाया गया, दलितों पर अत्याचार हुए, महिलाओं की अस्मिता लूटी गई। आज वही लोग फिर सत्ता में लौटने का सपना देख रहे हैं। लेकिन जनता अब समझ चुकी है कि बिहार को अंधकार में धकेलने वालों को दोबारा मौका नहीं देना है।”

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उन्होंने गोपालगंज का उल्लेख करते हुए कहा, “साधु यादव के कारनामे गोपालगंज वालों से ज्यादा कौन जानता है। उस दौर में अपहरण एक उद्योग बन गया था, अपराधी सत्ता का हिस्सा थे, और मुख्यमंत्री आवास पर फिरौती के सौदे होते थे। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार ने कानून का राज स्थापित किया, गरीबों को हक मिला और प्रदेश ने विकास की राह पकड़ी।”

शाह ने कहा कि भाजपा की सरकार आने के बाद बिहार में निवेश, उद्योग और विकास की गति तेज हुई है। उन्होंने जनता को आश्वस्त किया कि अगर एनडीए को फिर से जनादेश मिला तो राज्य में बंद पड़ी चीनी मिलों को पुनः चालू किया जाएगा। उन्होंने कहा, “गोपालगंज, सिवान और चंपारण जैसे क्षेत्रों की चीनी मिलें कभी किसानों की जीवनरेखा थीं। इन मिलों को चालू करके हम गन्ना किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत करेंगे। भाजपा सिर्फ वादा नहीं करती, उसे निभाने का साहस भी रखती है।”

अपने भाषण में शाह ने विपक्षी दलों पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि कांग्रेस और राजद ने बिहार को पिछड़ा रखा। “इन दलों ने परिवारवाद और भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया, विकास की योजनाओं को रोक दिया। बिहार का नौजवान आज भी इनके कुशासन की कहानियों से भयभीत है। लेकिन आज का बिहार बदल चुका है — अब यहां अपराध नहीं, उद्योग की बात होती है; डर नहीं, विकास की चर्चा होती है।”

शाह ने यह भी कहा कि एनडीए की सरकार ने बिहार में महिलाओं की सुरक्षा और शिक्षा के लिए कई योजनाएं शुरू कीं, जिनके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। “हमने गरीबों को आवास, शौचालय, गैस कनेक्शन, और मुफ्त इलाज की सुविधा दी है। हर गांव तक सड़क पहुंचाई है। ये सब किसी नारेबाजी से नहीं, बल्कि निष्ठा और संकल्प से संभव हुआ है।”

गृह मंत्री ने जनता से अपील की कि वे चुनाव में एनडीए के उम्मीदवारों को जिताकर बिहार के विकास का पहिया आगे बढ़ाएं। उन्होंने कहा, “जिन्होंने बिहार को जंगलराज दिया, उन्हें इस बार करारा जवाब देना होगा। बिहार अब भय से नहीं, विश्वास से चलेगा; लूट से नहीं, विकास से बढ़ेगा।”

अमित शाह ने अपने संबोधन का समापन यह कहते हुए किया कि बिहार के भविष्य का फैसला जनता के हाथ में है — “अगर आप बिहार को आगे बढ़ाना चाहते हैं, तो नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए को मजबूत कीजिए। हम वादा करते हैं कि आने वाले पांच सालों में बिहार को आत्मनिर्भर और समृद्ध राज्य बनाएंगे।”