पटना में अमित शाह की अहम बैठक: बिहार चुनाव में संगठन और उम्मीदवार चयन पर फोकस
पटना, 26 सितंबर।
बिहार विधानसभा चुनाव की आहट के बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपनी तैयारियों को तेज कर दिया है। इसी क्रम में शुक्रवार को केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह पटना पहुंचे, जहाँ उन्होंने भाजपा कार्यालय में पार्टी पदाधिकारियों और वरिष्ठ नेताओं के साथ अहम बैठक की। इस बैठक को आगामी चुनाव की दिशा तय करने वाली रणनीतिक पहल के रूप में देखा जा रहा है।
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बैठक में मौजूद रहे बड़े चेहरे
बैठक में भाजपा के बिहार चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा सहित कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। सभी नेताओं ने बिहार की मौजूदा राजनीतिक परिस्थिति और आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों पर विस्तृत चर्चा की।
चुनावी प्रबंधन और उम्मीदवारों पर मंथन
भाजपा प्रवक्ता दानिश इकबाल के अनुसार, बैठक में मुख्य रूप से दो बिंदुओं पर फोकस किया गया। पहला – चुनावी प्रबंधन, दूसरा – संभावित उम्मीदवारों का चयन। अमित शाह ने नेताओं को स्पष्ट संदेश दिया कि इस बार टिकट उन उम्मीदवारों को ही दिए जाएंगे जिनकी जमीन पर पकड़ मजबूत हो और जिनके पीछे कार्यकर्ताओं का स्पष्ट समर्थन दिखाई देता हो।
जातीय और सामाजिक समीकरणों पर भी चर्चा
बैठक में इस बात पर भी सहमति जताई गई कि किसी भी सीट पर उम्मीदवार चयन करते समय जातीय और सामाजिक समीकरणों को नजरअंदाज नहीं किया जाएगा। बिहार की राजनीति में जातीय समीकरणों की अहमियत को देखते हुए भाजपा इस बार विशेष रणनीति अपना रही है। पार्टी चाहती है कि ऐसे चेहरे मैदान में उतरें, जो स्थानीय स्तर पर प्रभावी हों और संगठन के कार्यकर्ताओं के बीच स्वीकार्य हों।
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शाह का फोकस संगठन की मजबूती पर
अमित शाह ने बैठक के दौरान संगठन की मजबूती पर विशेष जोर दिया। उन्होंने नेताओं को स्पष्ट किया कि सिर्फ बड़े नाम या बाहरी प्रभावशाली व्यक्तियों को प्राथमिकता नहीं दी जाएगी, बल्कि उन कार्यकर्ताओं को मौका दिया जाएगा जिन्होंने लंबे समय से पार्टी के लिए काम किया है। शाह ने कहा कि भाजपा का असली बल उसका संगठन और कार्यकर्ता हैं, और चुनावी जीत इन्हीं की सक्रियता पर निर्भर करेगी।
विपक्ष पर रणनीति
बैठक में विपक्षी दलों की रणनीतियों पर भी चर्चा की गई। नेताओं ने माना कि आगामी चुनाव में महागठबंधन भाजपा के सामने बड़ी चुनौती पेश कर सकता है, इसलिए भाजपा को बूथ स्तर तक अपनी पकड़ मजबूत करनी होगी। अमित शाह ने विशेष रूप से कहा कि हर बूथ पर भाजपा की मौजूदगी सुनिश्चित की जाए और “पन्ना प्रमुख” जैसे अभियानों को सक्रिय किया जाए।
चुनावी संदेश और जनता से संवाद
बैठक में यह भी तय हुआ कि भाजपा इस बार चुनावी प्रचार में विकास और सुशासन के मुद्दों को प्रमुखता से रखेगी। केंद्र सरकार की योजनाओं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हुए कार्यों को जनता तक पहुँचाने की रणनीति पर भी विस्तार से चर्चा हुई। साथ ही राज्य सरकार द्वारा लागू योजनाओं को भी लोगों तक पहुँचाने की जिम्मेदारी दी गई।
टिकट बंटवारे पर कड़ी निगरानी
सूत्रों के अनुसार, अमित शाह ने साफ कहा कि टिकट बंटवारे में किसी भी प्रकार का समझौता नहीं होगा। उम्मीदवारों का चयन सर्वे रिपोर्ट, संगठन की सिफारिश और क्षेत्रीय समीकरणों को ध्यान में रखकर किया जाएगा। इससे साफ है कि इस बार भाजपा टिकट वितरण की प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और संगठित तरीके से आगे बढ़ाएगी।
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माहौल और महत्व
अमित शाह की इस बैठक ने भाजपा कार्यकर्ताओं में उत्साह भर दिया है। पटना कार्यालय के बाहर सुबह से ही बड़ी संख्या में कार्यकर्ता जुटे और शाह के स्वागत में नारे लगाए। बैठक को लेकर पूरे राज्य में यह संदेश गया है कि भाजपा आगामी चुनाव में पूरी ताकत के साथ मैदान में उतरने की तैयारी कर चुकी है।
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