नीमच, मध्यप्रदेश। देश के गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को नीमच में सीआरपीएफ के 86वें स्थापना दिवस समारोह में भाग लेते हुए एक ऐतिहासिक घोषणा की — "31 मार्च 2026 तक भारत को नक्सलवाद से मुक्त कर दिया जाएगा।" शाह ने यह भी कहा कि इस मिशन में केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (CRPF) की भूमिका निर्णायक होगी।

गृह मंत्री ने कहा, "जहां अशांति होती है, और मुझे पता चलता है कि वहां सीआरपीएफ तैनात है, तो मुझे पूर्ण विश्वास होता है कि विजय हमारी ही होगी।" उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा और एकता के लिए सीआरपीएफ का योगदान अतुलनीय है।

वीरता और बलिदान को दी श्रद्धांजलि

समारोह की शुरुआत शहीद स्थल पर पुष्पांजलि अर्पित कर हुई, जहां अमित शाह ने वीर जवानों को नमन किया। इसके बाद उन्होंने खुली जीप में परेड का निरीक्षण किया और सीआरपीएफ की 8 टुकड़ियों की परेड की सलामी ली। गृहमंत्री ने वीरता पदक पाने वाले जवानों को सम्मानित भी किया।

शाह ने भावुक होते हुए कहा, "सीआरपीएफ की स्थापना से लेकर अब तक 2264 जवानों ने अपने प्राणों की आहुति दी है। 2047 में जब भारत सर्वोच्चता की ओर अग्रसर होगा, उस यात्रा में इन शहीदों का बलिदान नींव का पत्थर होगा।"

नीमच का ऐतिहासिक महत्व

इस समारोह के लिए नीमच का चयन भी प्रतीकात्मक था। वर्ष 1939 में ब्रिटिश शासन में यहीं 'क्राउन रिप्रेजेंटेटिव पुलिस' की स्थापना हुई थी, जिसे 1949 में भारत के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल ने नया नाम दिया — सेंट्रल रिज़र्व पुलिस फोर्स (CRPF)।

CRPF दिवस 19 मार्च को मनाया जाता है, जब सरदार पटेल ने बल को ध्वज प्रदान किया था, लेकिन इस बार समारोह को विस्तारित कर 17 अप्रैल को परेड आयोजित की गई।

जम्मू-कश्मीर में कोबरा बटालियन का गठन

कार्यक्रम में सीआरपीएफ के महानिदेशक ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने भी महत्वपूर्ण घोषणा की — जम्मू-कश्मीर में जल्द ही कोबरा बटालियन का गठन किया जाएगा। यह बटालियन नक्सल विरोधी अभियानों में माहिर है और इसका विस्तार अब जम्मू-कश्मीर में भी किया जाएगा, जो आंतरिक सुरक्षा को और सशक्त बनाएगा।

इस आयोजन में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी मौजूद रहे। समारोह ने देश को यह संदेश दिया कि भारत आंतरिक सुरक्षा के मोर्चे पर एकजुट और अडिग है।

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