जम्मू बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगे अमित शाह, 130 से अधिक की मौत और राहत कार्यों की समीक्षा
जम्मू। जम्मू-कश्मीर के बाढ़ प्रभावित इलाकों की स्थिति का जायजा लेने सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जम्मू पहुंचे। शाह ने प्रभावित क्षेत्रों का जमीनी स्तर पर निरीक्षण किया और अधिकारियों से राहत एवं बचाव कार्यों की विस्तृत जानकारी ली। इस दौरान उनके साथ उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी मौजूद रहे।
सबसे प्रभावित गांव मंगुचक्क का दौरा करेंगे शाह
अधिकारियों के अनुसार, गृह मंत्री शाह जिले के सबसे ज्यादा प्रभावित गांव मंगुचक्क भी जाएंगे, जहां बाढ़ और भूस्खलन से भारी तबाही हुई है। इससे पहले उन्होंने बिक्रम चौक के पास तवी पुल पर रुककर नदी किनारे हुए नुकसान का जायजा लिया। रविवार रात को ही शाह जम्मू पहुंच गए थे ताकि हालात की गंभीरता को समझकर सोमवार सुबह से ही समीक्षा बैठकों की शुरुआत कर सकें।

हवाई सर्वेक्षण की भी संभावना
शाह का कार्यक्रम बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करने का भी है, जिससे नुकसान का सटीक आकलन हो सके। वे उन इलाकों का भी निरीक्षण करेंगे, जहां राहत शिविर चलाए जा रहे हैं और स्थानीय लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।

दो अहम बैठकें : राहत और सुरक्षा पर मंथन
राजभवन में गृह मंत्री दो अलग-अलग बैठकों की अध्यक्षता करेंगे।
- पहली बैठक – बाढ़ राहत कार्यों की समीक्षा और बचाव अभियान की गति तेज करने पर केंद्रित होगी।
- दूसरी बैठक – सीमा सुरक्षा से जुड़ी चुनौतियों पर होगी, क्योंकि बाढ़ ने कई जगहों पर सीमा चौकियों और सुरक्षात्मक ढांचे को भी नुकसान पहुंचाया है।
130 से ज्यादा मौतें, 33 लोग लापता
14 अगस्त से लगातार हो रही भारी बारिश और बादल फटने की घटनाओं ने जम्मू-कश्मीर को झकझोर कर रख दिया है। किश्तवाड़, कठुआ, रियासी और रामबन जिलों में बाढ़, भूस्खलन और अचानक आई आपदा में अब तक 130 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 33 लोग अभी भी लापता हैं।
श्रद्धालुओं की मौत से गमगीन हुआ इलाका
26 अगस्त को हुई रिकॉर्ड बारिश के बाद जम्मू और मैदानी इलाकों में भारी बाढ़ आई। इसी दौरान माता वैष्णो देवी यात्रा पर आए श्रद्धालुओं का दल भूस्खलन की चपेट में आ गया, जिससे 34 श्रद्धालुओं की मौत हो गई। यह हादसा श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों के लिए गहरे सदमे का कारण बना है।
बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान
बाढ़ और भूस्खलन ने सड़कों, पुलों और बिजली ढांचे को भी बुरी तरह प्रभावित किया है। कई गांवों का संपर्क कट गया है और राहत दलों को पहुंचने में कठिनाई हो रही है। सेना, एनडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन लगातार बचाव कार्यों में जुटे हैं, लेकिन हालात अभी भी चुनौतीपूर्ण हैं।
तीन महीने में शाह का दूसरा जम्मू दौरा
गृह मंत्री शाह का यह पिछले तीन महीनों में जम्मू का दूसरा दौरा है। इससे पहले वे 29 मई को जम्मू आए थे, जब भारतीय सेना ने 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले (जिसमें 26 लोगों की मौत हुई थी) के जवाब में सीमा पार आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए थे। इस बार उनका दौरा पूरी तरह से आपदा प्रबंधन और राहत कार्यों पर केंद्रित है।
प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती
बाढ़ ने न केवल जानमाल का नुकसान किया है, बल्कि प्रशासन के सामने राहत, पुनर्वास और सुरक्षा से जुड़ी त्रिस्तरीय चुनौती खड़ी कर दी है। अमित शाह के दौरे से उम्मीद की जा रही है कि केंद्र सरकार की ओर से अधिक संसाधन और वित्तीय मदद जल्द जारी की जाएगी।
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