21 तीर्थों की मिट्टी और 11 नदियों का जल बना ऐतिहासिक आधार
सीतामढ़ी में बनेगा 882 करोड़ का माता जानकी मंदिर, अमित शाह और नीतीश कुमार ने किया भूमिपूजन
पुनौराधाम, सीतामढ़ी। जनकनंदिनी माता सीता की जन्मस्थली माने जाने वाले पुनौराधाम में शुक्रवार का दिन ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से बेहद खास रहा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यहां माता जानकी के भव्य मंदिर का भूमिपूजन और शिलान्यास किया। यह मंदिर न केवल बिहार बल्कि पूरे भारत के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक नक्शे पर एक नई पहचान बनने जा रहा है।
VIDEO | Sitamarhi, Bihar: Union Home Minister Amit Shah (@AmitShah) and Bihar CM Nitish Kumar (@NitishKumar) participate in foundation stone laying ritual for the redevelopment of Janki Mandir at Punauradham, considered the birthplace of Goddess Sita.#bihar #PunauraDham
— Press Trust of India (@PTI_News) August 8, 2025
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इस विशेष आयोजन में देश की 21 तीर्थस्थलों की पवित्र मिट्टी, 11 पवित्र नदियों का जल, और अयोध्या के हनुमानगढ़ी से लाई गई ईंटों का प्रयोग किया गया, जो इस मंदिर को आध्यात्मिक रूप से और भी समृद्ध बनाएगा।

✨ भूमिपूजन का शुभ मुहूर्त और खास आयोजन
भूमिपूजन उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में विधिपूर्वक किया गया। मंदिर स्थल को नेपाल से लाए गए पुष्पों से विशेष रूप से सजाया गया था, जिससे भारत-नेपाल की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक एकता का प्रतीक भी प्रस्तुत हुआ।
शुभ अवसर पर गोशाला चौक से पुनौराधाम तक करीब डेढ़ किलोमीटर लंबी एक भव्य प्रदर्शनी भी लगाई गई, जिसमें माता सीता के जीवन से जुड़े प्रसंगों और घटनाओं को दर्शाया गया था। गृह मंत्री अमित शाह इस प्रदर्शनी पथ से होकर माता सीता के दर्शन के लिए पहुंचे।

🛕 भव्य मंदिर की परिकल्पना: लागत और विशेषताएं
माता जानकी का यह मंदिर 50 एकड़ क्षेत्रफल में बनाया जाएगा और इसकी अनुमानित लागत ₹882 करोड़ होगी। मंदिर का निर्माण विशेष प्रकार के सैंड स्टोन (बलुआ पत्थर) से किया जाएगा, जिससे यह स्थापत्य कला और स्थायित्व दोनों दृष्टि से अद्वितीय होगा।
मंदिर की ऊंचाई 156 फीट होगी, जो कि अयोध्या में बन रहे श्रीराम मंदिर से 5 फीट कम है। यह ऊंचाई इस बात का संकेत है कि यह मंदिर देश में धार्मिक स्थलों की भव्यता में प्रमुख स्थान रखेगा।

🌊 पवित्र नदियों और तीर्थों की संकल्पना
मंदिर की आधारशिला में गंगा, यमुना, सरस्वती, भागीरथी, अलकनंदा, मंदाकिनी, पिंडर, धौलीगंगा, लक्ष्मणा गंगा, कमला और सरयू जैसी 11 पवित्र नदियों का जल इस्तेमाल किया गया है। इसके साथ ही देश के 21 प्रमुख तीर्थों की मिट्टी भी लाई गई है।
यह परंपरा न केवल मंदिर को धार्मिक रूप से पवित्र बनाती है, बल्कि यह देश की धार्मिक विविधता और एकता का प्रतीक भी है।
👥 राजनीतिक और धार्मिक नेतृत्व की मौजूदगी
इस कार्यक्रम में बिहार के कई बड़े नेताओं, संतों, धार्मिक विद्वानों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति रही। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दोनों ने मंच से इस मंदिर को भारत की संस्कृति, नारी शक्ति और रामायण परंपरा का प्रतीक बताया।
गृह मंत्री ने अपने संबोधन में कहा—
“यह केवल मंदिर नहीं, बल्कि भारत की संस्कृति का गौरव है। सीता भारत की आत्मा हैं, और यह मंदिर उस आत्मा की स्थापना है।”

🚆 अमृत भारत ट्रेन को भी दिखाई हरी झंडी
इस अवसर पर गृह मंत्री अमित शाह ने समस्तीपुर से दिल्ली के लिए अमृत भारत ट्रेन को भी हरी झंडी दिखाई। यह ट्रेन देश के विभिन्न हिस्सों को जोड़ने की दिशा में एक और मजबूत कदम है, जिससे धार्मिक स्थलों तक पहुंच और भी आसान होगी।
🔚 नारी शक्ति और संस्कृति की प्रतिष्ठा का केंद्र बनेगा पुनौराधाम
पुनौराधाम में बन रहा माता जानकी मंदिर आने वाले वर्षों में नारी शक्ति, भक्ति और भारतीय संस्कृति का एक जीवंत केंद्र बनेगा। यह स्थल न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र बनेगा बल्कि आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक विकास का भी वाहक होगा।
मंदिर निर्माण के साथ ही पूरे क्षेत्र में पर्यटन, स्थानीय रोजगार और सामाजिक ढांचे को भी सशक्त बनाया जाएगा।
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