लॉस एंजिलिस। अमेरिका की अवैध अप्रवासी नीति के विरोध में भड़के प्रदर्शन अब हिंसक रूप ले चुके हैं। बीते पांच दिनों से लॉस एंजिलिस समेत देश के 12 राज्यों के 25 शहरों में विरोध-प्रदर्शन तेज हो गए हैं। हालात बिगड़ने पर लॉस एंजिलिस की मेयर कैरन बैस ने आपातकाल की घोषणा करते हुए शाम 6 बजे से कर्फ्यू लागू कर दिया है।
ट्रम्प सरकार के फैसले के खिलाफ देशभर में उबाल
प्रदर्शन की शुरुआत राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के उस बयान के बाद हुई जिसमें उन्होंने अवैध अप्रवासियों को अमेरिका से बाहर निकालने का ऐलान किया था। इसके बाद सैन फ्रांसिस्को, न्यूयॉर्क, डलास, ऑस्टिन और टेक्सास समेत कई शहरों में सड़कों पर लोग उतर आए।
न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, इन विरोधों में खासकर प्रवासी समुदाय के लोग शामिल हैं। उनका कहना है कि यह नीति मानवाधिकारों का उल्लंघन करती है और लाखों परिवारों को अनिश्चितता में डालती है।
LA में हालात बेकाबू, ट्रम्प ने भेजे 4700 सुरक्षा बल
स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए राष्ट्रपति ट्रम्प ने लॉस एंजिलिस में 4000 नेशनल गार्ड और 700 मरीन कमांडो तैनात कर दिए हैं। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि स्थिति नहीं सुधरी तो ‘विद्रोह कानून’ (Insurrection Act) लागू कर दिया जाएगा, जो सैन्य बल को सीधे हस्तक्षेप की अनुमति देता है।

1100 से ज्यादा गिरफ्तार, दो लोगों की मौत
पुलिस ने सोमवार और मंगलवार को 1100 से ज्यादा प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया है। हिंसक झड़पों में दो लोगों की मौत भी हो चुकी है। फिलहाल लॉस एंजिलिस में हालात थोड़े शांत जरूर हैं, लेकिन तनाव बना हुआ है।
14 जून को आर्मी परेड और ट्रम्प का जन्मदिन
ट्रम्प ने चेतावनी दी है कि 14 जून को वॉशिंगटन डीसी में होने वाली अमेरिकी सेना की 250वीं वर्षगांठ और उनके 79वें जन्मदिन के दौरान यदि प्रदर्शन हुआ, तो सेना से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा—”जो कोई भी प्रदर्शन करेगा, उसे सेना का सामना करना होगा।”
यह सिर्फ कानून का विरोध नहीं, असुरक्षा का विस्फोट है
विशेषज्ञों का कहना है कि यह विरोध केवल एक नीति के खिलाफ नहीं, बल्कि एक पूरी आबादी की असुरक्षा, भय और भविष्य को लेकर चिंताओं का विस्फोट है। अवैध अप्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई की बात वर्षों से होती रही है, लेकिन हालिया सख्ती और अचानक निर्णयों ने आम जनता में नाराजगी भड़का दी है।
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