- सुरक्षा के अभूतपूर्व बंदोबस्त, अंतिम यात्रा 4 अगस्त से, समापन 9 अगस्त को
श्रीनगर। 3 जुलाई से शुरू हुई पवित्र अमरनाथ यात्रा ने गुरुवार को अपने 21वें दिन एक नया कीर्तिमान स्थापित कर दिया। अब तक कुल 3.42 लाख श्रद्धालु बाबा बर्फानी के दर्शन कर चुके हैं, और यह संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। गुरुवार सुबह 3,500 तीर्थयात्रियों का नया जत्था जम्मू से रवाना हुआ, जिससे 3.50 लाख के आंकड़े के पार होने की संभावना जताई जा रही है, जबकि यात्रा के समापन में अब भी 17 दिन शेष हैं।
शांतिपूर्ण और व्यवस्थित यात्रा
- अधिकारियों के अनुसार, यात्रा अब तक शांतिपूर्ण और सुचारू रूप से चल रही है।
- गुरुवार को भगवती नगर यात्री निवास, जम्मू से तीर्थयात्रियों के दो जत्थे घाटी की ओर रवाना हुए:
- पहला जत्था: 45 वाहनों में 832 श्रद्धालु, सुबह 3:25 बजे बालटाल आधार शिविर के लिए।
- दूसरा जत्था: 95 वाहनों में 2,668 श्रद्धालु, सुबह 4:01 बजे पहलगाम आधार शिविर के लिए।
‘छड़ी मुबारक’ की यात्रा
‘छड़ी मुबारक’, जो भगवान शिव के पवित्र प्रतीक के रूप में जानी जाती है, का भूमि पूजन 10 जुलाई को पहलगाम में किया गया था। इसके बाद उसे श्रीनगर स्थित दशनामी अखाड़ा भवन में वापस स्थापित किया गया। अब यह 4 अगस्त को गुफा मंदिर की ओर अपनी अंतिम यात्रा आरंभ करेगी और 9 अगस्त, श्रावण पूर्णिमा एवं रक्षाबंधन के दिन पवित्र गुफा में पहुंचेगी, जिससे यात्रा का आधिकारिक समापन होगा।
सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम
- इस वर्ष 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले की पृष्ठभूमि में यात्रा को लेकर प्रशासन पूरी तरह सतर्क है।
- केंद्रीय बलों की 180 अतिरिक्त कंपनियां तैनात की गई हैं।
- 8,000 से अधिक विशेष कमांडो अमरनाथ मार्गों पर सुरक्षा में तैनात हैं।
- सेना, बीएसएफ, सीआरपीएफ, एसएसबी और स्थानीय पुलिस सहित बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है।
यात्रा मार्ग और दूरी
श्रद्धालु दो मुख्य मार्गों से पवित्र गुफा तक पहुंचते हैं
- पहलगाम मार्ग
- मार्ग: चंदनवाड़ी → शेषनाग → पंचतरणी → गुफा
- कुल दूरी: 46 किलोमीटर
- समय: चार दिन में पैदल यात्रा
- बालटाल मार्ग
- कुल दूरी: 14 किलोमीटर
- तीर्थयात्री उसी दिन लौट सकते हैं
समर्पण और आस्था का संगम
हर वर्ष की तरह इस बार भी अमरनाथ यात्रा श्रद्धा, आस्था और सामूहिक सहिष्णुता का प्रतीक बनकर सामने आई है। कठिन रास्तों और सुरक्षा के तमाम इंतजामों के बीच बाबा बर्फानी के प्रति श्रद्धा में कोई कमी नहीं दिख रही है। हर दिन सैकड़ों वाहन और हजारों श्रद्धालु घाटी की ओर बढ़ रहे हैं, जिनका एक ही उद्देश्य है—बाबा बर्फानी के दिव्य दर्शन।