अमरनाथ यात्रा 2025 शुरू: पहले जत्थे का घाटी में गर्मजोशी से स्वागत

श्रीनगर। बहुप्रतीक्षित श्री अमरनाथ यात्रा का शुभारंभ बुधवार को पहले जत्थे के जम्मू से रवाना होने और घाटी पहुंचने के साथ हो गया। इस पहले जत्थे में 5,892 श्रद्धालु शामिल हैं, जिन्हें जम्मू के भगवती नगर स्थित आधार शिविर से उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

घाटी में हुआ श्रद्धालुओं का भव्य स्वागत

जैसे ही तीर्थयात्री कश्मीर घाटी में दाखिल हुए, कुलगाम, अनंतनाग और श्रीनगर जिलों में प्रशासन और स्थानीय निवासियों ने उनका जोरदार स्वागत किया। श्रद्धालु कुलगाम के काजीगुंड इलाके में स्थित नवयुग सुरंग से घाटी में पहुंचे, जहां दक्षिण कश्मीर रेंज के पुलिस उप महानिरीक्षक और कुलगाम के उपायुक्त सहित प्रशासनिक अधिकारियों ने उन्हें मालाओं, फूलों और मिठाइयों से स्वागत किया।

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भाजपा के वरिष्ठ नेता रवींद्र रैना भी श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए पहुंचे और उन्होंने तीर्थयात्रियों का स्वागत फूलों की पंखुड़ियों, मिठाइयों, मालाओं और गुलदस्तों के साथ किया। यात्रियों के इस पहले काफिले को देखकर स्थानीय नागरिकों में भी उत्साह नजर आया और उन्होंने पारंपरिक अंदाज में अतिथियों का अभिनंदन किया।

बालटाल और पहलगाम बेस कैंप के लिए हुए रवाना

पहले जत्थे के श्रद्धालु बालटाल और पहलगाम स्थित दो प्रमुख बेस कैंपों के लिए रवाना हो गए हैं। इन बेस कैंपों से तीर्थयात्री गुरुवार सुबह श्री अमरनाथ की पवित्र गुफा की ओर यात्रा प्रारंभ करेंगे।

  • नुनवान-पहलगाम मार्ग: 48 किलोमीटर लंबा पारंपरिक मार्ग, अनंतनाग जिले से शुरू होता है।
  • बालटाल मार्ग: 14 किलोमीटर लंबा, लेकिन कठिन और खड़ी चढ़ाई वाला मार्ग गांदरबल जिले से शुरू होता है।
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दोनों मार्गों से यात्रा गुरुवार, 3 जुलाई से औपचारिक रूप से शुरू हो जाएगी।

तीर्थयात्रा 38 दिनों तक चलेगी

अमरनाथ यात्रा का यह वार्षिक आयोजन 38 दिनों तक चलेगा और इसका समापन 9 अगस्त 2025 को होगा। यात्रा के लिए पंजीकरण प्रक्रिया पहले ही पूरी हो चुकी है, और अब तक 3.31 लाख से अधिक श्रद्धालु रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं।

सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

घाटी में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए कड़े सुरक्षा प्रबंध किए गए हैं। CRPF, BSF और जम्मू-कश्मीर पुलिस की तैनाती यात्रा मार्गों पर की गई है। ड्रोन और CCTV कैमरों से निगरानी की जा रही है ताकि किसी भी तरह की सुरक्षा चूक न हो।