- भारतीय सेना की कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर शुक्रवार को दिल्ली में सर्वदलीय बैठक आयोजित की गई
- सरकार ने बैठक में ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ी विस्तृत जानकारी साझा की
नई दिल्ली। पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर की गई भारतीय सेना की कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर शुक्रवार को दिल्ली में सर्वदलीय बैठक आयोजित की गई। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हो रही इस अहम बैठक में गृहमंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे सहित सभी प्रमुख दलों के नेता शामिल हुए। सरकार ने बैठक में ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ी विस्तृत जानकारी साझा की, जिसमें पाकिस्तान और पीओके के भीतर की गई एयर स्ट्राइक के परिणाम बताए गए। यह एयर स्ट्राइक 6-7 मई की रात को की गई थी, जिसमें 9 आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया गया और 100 से अधिक आतंकियों के मारे जाने की पुष्टि हुई।
प्रधानमंत्री नहीं पहुंचे, विपक्ष ने जताई नाराज़गी
बैठक से पहले कांग्रेस पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति की मांग की थी, लेकिन वे बैठक में नहीं पहुंचे। इस पर विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने नाराज़गी जताते हुए कहा, “प्रधानमंत्री की मौजूदगी जरूरी थी क्योंकि वही अंतिम निर्णय लेते हैं। केवल मंत्रियों द्वारा सूचना देना काफी नहीं है।”
एक सुर में बोले दल – ‘आतंक के खिलाफ एकजुट हैं’
बैठक में सभी दलों ने एकजुट होकर सरकार का समर्थन किया और कहा कि आतंकवाद के खिलाफ किसी भी कठोर कदम पर पूरा साथ देंगे। राहुल गांधी ने भी कहा, “देश की सुरक्षा को लेकर हर एक्शन पर हमारा समर्थन सरकार के साथ है।”
पिछली बैठक में सरकार ने मानी थी सुरक्षा में चूक
इससे पहले 24 अप्रैल को हुई सर्वदलीय बैठक में सरकार ने स्वीकार किया था कि पहलगाम आतंकी हमले में सुरक्षा में गंभीर चूक हुई थी। उस समय आईबी और गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने विपक्षी नेताओं को स्थिति की जानकारी दी थी। विपक्ष ने इस पर सख्त एक्शन की मांग करते हुए आतंकी ठिकानों पर सीधा हमला करने की बात कही थी।
खड़गे ने उठाए सवाल, लेकिन दिया समर्थन
खड़गे ने कहा, “अगर तीन स्तर की सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद हमला हुआ, तो यह इंटेलिजेंस की नाकामी और सुरक्षा का फेल्योर है। सरकार को तेज़ी से एक्शन लेना चाहिए था।” इसके बावजूद उन्होंने दोहराया कि सभी दल राष्ट्रीय सुरक्षा पर एकजुट हैं और किसी भी निर्णायक कदम में सरकार के साथ खड़े रहेंगे।