अक्षय तृतीया 2025: अबूझ मुहूर्त में करें शुभ कार्य, जानें तिथि, महत्व और क्या करें क्या नहीं
भोपाल। अक्षय तृतीया हिंदू धर्म में एक अत्यंत शुभ और पावन पर्व माना जाता है। इसे ‘अक्खा तीज’ भी कहा जाता है और यह वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस दिन को अबूझ मुहूर्त यानी ऐसा दिन माना जाता है, जब बिना किसी ज्योतिषीय गणना के भी शुभ कार्य किए जा सकते हैं। विवाह, गृह प्रवेश, नया व्यापार शुरू करना या नया सोना-चांदी खरीदना जैसे कार्य इस दिन बिना पंचांग देखे भी किए जाते हैं।
📅 अक्षय तृतीया 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त
- तिथि प्रारंभ: 30 अप्रैल 2025, बुधवार, सुबह 04:17 बजे
- तिथि समाप्त: 1 मई 2025, गुरुवार, सुबह 02:49 बजे
- शुभ समय: पूरे दिन अबूझ मुहूर्त होने के कारण किसी भी समय शुभ कार्य किए जा सकते हैं। विशेष रूप से सूर्योदय से दोपहर तक का समय उत्तम माना जाता है।
✨ क्या है अक्षय तृतीया का महत्व?
“अक्षय” का अर्थ होता है – जो कभी क्षय (कम) न हो। मान्यता है कि इस दिन किए गए पुण्य कार्यों का फल अनंत काल तक बना रहता है और वह कभी समाप्त नहीं होता।
- भगवान विष्णु के अवतार परशुराम जी का जन्म भी इसी दिन हुआ था।
- त्रेता युग का प्रारंभ भी इसी दिन से हुआ माना जाता है।
- पौराणिक मान्यता है कि पांडवों को अक्षय पात्र इसी दिन मिला था, जिससे उनका अन्न कभी समाप्त नहीं होता था।
- गंगा अवतरण भी अक्षय तृतीया के दिन ही हुआ था।
💰 धन-सम्पत्ति के लिए क्यों खास है ये दिन?
- इस दिन सोना, चांदी या कीमती धातुओं की खरीदारी को बेहद शुभ माना जाता है।
- लोग इस दिन नए वाहन, जमीन या प्रॉपर्टी की बुकिंग करते हैं।
- निवेश के लिहाज़ से म्यूचुअल फंड, गोल्ड बॉन्ड या एफडी शुरू करना भी शुभ माना जाता है।
💍 विवाह के लिए क्यों सर्वोत्तम है अक्षय तृतीया?
यदि किसी कारणवश विवाह के लिए मुहूर्त निकालना कठिन हो रहा हो, तो अक्षय तृतीया पर विवाह किया जा सकता है। यह दिन स्वयं में ही शुभ माना जाता है और इस दिन मुहूर्त की आवश्यकता नहीं होती।
🪔 क्या करें इस दिन?
- प्रातः स्नान कर भगवान विष्णु और लक्ष्मी जी की पूजा करें।
- घर में शंख, तुलसी और दीपक जलाएं।
- गरीबों को जल, वस्त्र, फल, छाता और चप्पल दान करें।
- अपने सामर्थ्य के अनुसार सादा और सात्विक भोजन बनाएं और घर में प्रसाद बांटें।
- जल से भरे घड़े का दान करना अत्यंत पुण्यकारी माना गया है।
❌ क्या न करें?
- क्रोध और कटु वचन से बचें।
- इस दिन मांसाहार, मदिरा आदि से दूर रहें।
- पेड़ों को नुकसान न पहुंचाएं, जल की बर्बादी न करें।
- आलस्य और झूठ बोलने से भी परहेज करें।
🌿 अक्षय तृतीया से जुड़ी खास परंपराएं
- कई लोग इस दिन नई खेती की शुरुआत, धार्मिक यात्रा की योजना या शिवलिंग पर जलाभिषेक करते हैं।
- महिलाएं इस दिन अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं।
- कई घरों में कुंभ स्थापना, पितृ तर्पण और अनदान की भी परंपरा है।
अक्षय तृतीया का संदेश यही है कि जो भी अच्छे कर्म करें, वे सदा अक्षय रहेंगे। यह दिन आत्मिक शुद्धि, दान, धर्म और भक्ति से भरपूर रहने का सुअवसर है।
स्वदेश ज्योति के द्वारा
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