नई दिल्ली, 30 अप्रैल 2025 — अक्षय तृतीया हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जिसे “आखातीज” या “वैशाख तीज” के नाम से भी जाना जाता है। यह पर्व विशेष रूप से मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा का दिन होता है। इस बार यह पर्व 30 अप्रैल 2025 को मनाया जाएगा, जो वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को पड़ रहा है। अक्षय तृतीया का महत्व सिर्फ धार्मिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि सामाजिक और पारिवारिक जीवन में भी अत्यधिक है।
🌼 अक्षय तृतीया का महत्व और पौराणिक मान्यता
अक्षय तृतीया का दिन अत्यधिक शुभ और मंगलकारी माना जाता है। इस दिन की विशेषता यह है कि इस दिन किए गए सभी कार्य कभी नष्ट नहीं होते। यही कारण है कि इसे सिद्धि तिथि कहा जाता है। इसे लेकर पौराणिक कथाएं भी बहुत रोचक हैं, जैसे त्रेता युग की शुरुआत इस दिन से मानी जाती है और इसी दिन परशुराम जी का जन्म भी हुआ था, जो भगवान विष्णु के अवतार माने जाते हैं।
इस दिन विशेष रूप से मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा करने से घर में धन-धान्य की कोई कमी नहीं होती और जीवन में समृद्धि का वास होता है।

💫 अक्षय तृतीया पर पूजा विधि
इस दिन की पूजा विधि बहुत ही सरल और प्रभावी है। पूजा से पहले स्नान करें, फिर पीले वस्त्र पहनें, और घर के सभी स्थानों को स्वच्छ करें। यहां जानें अक्षय तृतीया की पूजा विधि:
- स्नान और पवित्रता
- पूजा से पहले सूर्योदय से पूर्व स्नान करना अत्यधिक महत्व रखता है। यह शरीर और आत्मा को शुद्ध करता है।
- स्नान के बाद पीले वस्त्र पहनें, क्योंकि पीला रंग समृद्धि और खुशी का प्रतीक माना जाता है।
- घर की सफाई और शुद्धता
- पूरे घर में गंगाजल छिड़कें ताकि घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो सके।
- घर के पूजा स्थल को स्वच्छ और पवित्र रखें।
- मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा
- पूजा स्थल पर मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की मूर्तियों या चित्रों को स्थापित करें।
- गुलाब के फूल, मिठाई, दीपक और धूप अर्पित करें।
- भगवान विष्णु को कमल के फूल और तुलसी के पत्ते अर्पित करें।
- मंत्रों का जाप करें, जैसे:
- “ॐ श्रीं लक्ष्मी भगवती नमः”
- “ॐ विष्णवे नमः”
- दान और हवन
- इस दिन दान और हवन करना अत्यंत लाभकारी होता है। दान से पुण्य की प्राप्ति होती है और हवन से घर में सुख-शांति का वास होता है।
- गरीबों को अन्न, वस्त्र या धन दान करें और हवन करके घर की शांति बनाए रखें।
- सोने के आभूषण खरीदें
- अक्षय तृतीया के दिन सोने या चांदी के आभूषण खरीदने की परंपरा है, जो कि समृद्धि और आशीर्वाद का प्रतीक माना जाता है।

🌟 अक्षय तृतीया के दिन किए गए अन्य कार्य
अक्षय तृतीया का दिन सिर्फ धार्मिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि सामाजिक और पारिवारिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस दिन व्यापार में निवेश, नई शुरुआत, नई किताबों का खरीदना, और मुंडन या विवाह जैसे मंगल कार्य शुरू करना शुभ माना जाता है।
अक्षय तृतीया के दिन यदि आप साधना, भजन-कीर्तन, या मंत्रजाप करते हैं, तो यह आपके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकता है।
अक्षय तृतीया एक ऐसा दिन है जब धन, वैभव, और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है। यह दिन विशेष रूप से मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा करने, सोने के आभूषण खरीदने, दान करने और हवन करने के लिए उपयुक्त है। पूजा विधि को सही तरीके से अपनाकर इस दिन की पूरी महिमा का लाभ उठाएं और अपने जीवन को खुशहाल बनाएं