कश्मीर के अखल जंगल में तीसरे दिन भी जारी मुठभेड़, दो आतंकी ढेर, दो की तलाश जारी
कुलगाम (जम्मू-कश्मीर)। जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले के अखल जंगल क्षेत्र में आतंकियों के खिलाफ चलाए जा रहे सघन सर्च ऑपरेशन का आज तीसरा दिन है। यह अभियान 1 अगस्त की रात शुरू हुआ था, जब सुरक्षा एजेंसियों को इनपुट मिला कि इस क्षेत्र में आतंकियों का एक समूह छिपा हुआ है। इसके बाद से सेना, सीआरपीएफ, जम्मू-कश्मीर पुलिस और स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) ने संयुक्त रूप से इलाके को घेर कर तलाशी अभियान शुरू किया।
शनिवार को ऑपरेशन के दौरान सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता मिली, जब दो आतंकियों को मुठभेड़ में ढेर कर दिया गया। मारे गए एक आतंकी की पहचान हारिस नजीर डार के रूप में हुई है, जो पुलवामा का रहने वाला था और लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा हुआ था। हारिस ‘सी’ श्रेणी का आतंकी था और 14 स्थानीय आतंकियों की उस सूची में शामिल था जिसे खुफिया एजेंसियों ने 26 अप्रैल को पहलगाम हमले के बाद सार्वजनिक किया था।

हारिस के पास से बरामद हुआ घातक हथियारों का जखीरा
एनकाउंटर स्थल से एके-47 राइफल, मैगजीन, ग्रेनेड और भारी मात्रा में गोला-बारूद बरामद किया गया है, जो यह दर्शाता है कि आतंकियों का उद्देश्य सुरक्षा बलों पर बड़ा हमला करना था। फिलहाल दूसरे मारे गए आतंकी की पहचान नहीं हो सकी है, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि उसकी पहचान प्रक्रिया चल रही है।
अभी भी दो आतंकी छिपे होने की आशंका, एक के घायल होने की खबर
रविवार को तीसरे दिन भी सर्च ऑपरेशन जारी है। सुरक्षा बलों को पुख्ता सूचना है कि जंगल में अब भी दो आतंकी छिपे हुए हैं, जिनमें से एक घायल हो सकता है। सूत्रों के अनुसार, ऑपरेशन के दौरान जंगल क्षेत्र में लगातार ड्रोन सर्विलांस, नाइट विजन कैमरे और सैटेलाइट आधारित ट्रैकिंग उपकरणों की मदद से हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। घना जंगल और कठिन भौगोलिक परिस्थितियां तलाशी में बाधा जरूर बन रही हैं, लेकिन सुरक्षा बलों का हौसला बुलंद है।

दो जवान घायल, श्रीनगर के बेस अस्पताल में भर्ती
इस अभियान में अब तक सेना के दो जवान घायल हो चुके हैं। शनिवार को एक जवान को गोली लगी थी जबकि रविवार को एक अन्य जवान घायल हुआ है। दोनों घायल जवानों को तत्काल श्रीनगर के 92 बेस मिलिट्री हॉस्पिटल में रेफर किया गया, जहां उनका इलाज जारी है। डॉक्टरों के अनुसार, दोनों जवान खतरे से बाहर हैं।
सुरक्षा बलों ने घेरे इलाके को पूरी तरह सील किया
अखल जंगल क्षेत्र को पूरी तरह से सील कर दिया गया है। नागरिकों की सुरक्षा के लिए आसपास के गांवों में भी निगरानी बढ़ा दी गई है। किसी भी संदिग्ध गतिविधि को देखते ही स्थानीय प्रशासन को सूचित करने के निर्देश जारी किए गए हैं। ग्रामीणों को अभी तक अपने घरों में ही रहने की सलाह दी गई है ताकि ऑपरेशन में किसी प्रकार की बाधा न आए।
हाईटेक तकनीक से हो रही आतंकियों की तलाश
इस ऑपरेशन की खास बात यह है कि इसमें आधुनिकतम तकनीकों का प्रयोग किया जा रहा है। सेना और सुरक्षा एजेंसियां ड्रोन, थर्मल इमेजिंग, ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार (GPR) और सैटेलाइट आधारित निगरानी उपकरणों से आतंकियों की हर हरकत पर नजर रख रही हैं। इस तकनीक के चलते मुठभेड़ में आतंकियों को छिपने के ज्यादा मौके नहीं मिल पा रहे हैं।
घटनास्थल पर आला अधिकारी कर रहे निगरानी
पूरे ऑपरेशन की निगरानी उच्च स्तरीय सुरक्षा अधिकारियों द्वारा की जा रही है। सेना की 34 राष्ट्रीय राइफल्स, जम्मू-कश्मीर पुलिस के SOG और सीआरपीएफ की टीमें तालमेल से अभियान चला रही हैं। सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि ऑपरेशन तब तक जारी रहेगा जब तक बचे हुए आतंकियों को भी ढूंढ कर खत्म नहीं किया जाता।
आतंक के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई
यह सर्च ऑपरेशन जम्मू-कश्मीर में चल रहे आतंक विरोधी अभियानों की एक महत्वपूर्ण कड़ी है। आतंकियों की पहचान और उनके ठिकानों की सटीक जानकारी मिलने से सुरक्षा बलों को निर्णायक कार्रवाई करने में सहायता मिल रही है। आतंक के खिलाफ यह अभियान न केवल घाटी में शांति स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि सुरक्षाबल अब हर चुनौती का मुकाबला करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
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