भारतीय सेना ने 15,000 फीट की ऊंचाई पर किया परीक्षण, चीनी और तुर्किये ड्रोनों को किया था निष्क्रिय
लद्दाख में सफल रहा आकाश एयर डिफेंस सिस्टम का परीक्षण
नई दिल्ली। स्वदेश में निर्मित अत्याधुनिक आकाश एयर डिफेंस सिस्टम का बुधवार को लद्दाख सेक्टर में सफल परीक्षण किया गया। यह परीक्षण 15 हजार फीट से भी अधिक ऊंचाई पर किया गया, जहां भारतीय वायु सेना ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर युद्ध जैसे हालात में इसका प्रदर्शन किया। परीक्षण के दौरान वायु सेना ने ऐसे परिदृश्य को दोहराया, जिसमें दुश्मन के विमान भारतीय वायुसीमा में घुसपैठ करते हैं और उन्हें कुछ ही मिनटों में मार गिराया जाना होता है।

ऑपरेशन सिंदूर में साबित किया दम
आकाश एयर डिफेंस सिस्टम ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अपने दमखम से सभी को प्रभावित किया था। इस ऑपरेशन में इसने चीन के लड़ाकू विमानों और तुर्किये के ड्रोनों को हवा में ही निष्क्रिय कर दिया। भारत की मिसाइलें जहां सटीक निशाने पर वार करती रहीं, वहीं आकाश सिस्टम ने दुश्मन के सभी हवाई हमलों को प्रभावशाली ढंग से विफल कर दिया।

एचक्यू-9 सिस्टम पर पड़ा भारी
विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि यह प्रणाली पाकिस्तान द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे चीनी एचक्यू-9 एयर डिफेंस सिस्टम पर भी भारी पड़ी थी। जहां चीनी सिस्टम भारत की मिसाइलों के सामने कमजोर साबित हुआ, वहीं आकाश ने दुश्मन की हर चाल को हवा में ही नष्ट कर दिया।
आकाश एयर डिफेंस सिस्टम की प्रमुख विशेषताएं
- मारक दूरी: 4.5 किमी से 25 किमी तक
- उंचाई कवरेज: 100 मीटर से 20 किलोमीटर
- पहचान क्षमता: दुश्मन के लड़ाकू विमानों को 30 किमी पहले ही ट्रैक कर सकता है
- लक्ष्य: फाइटर जेट्स, क्रूज मिसाइल, बैलिस्टिक मिसाइल, हवा से सतह पर मार करने वाली मिसाइलें
- ऑपरेशन: कमांड गाइडेंस सिस्टम आधारित
- संरचना: प्रत्येक बैटरी में चार लांचर, हर लांचर में तीन मिसाइलें
- ट्रैकिंग क्षमता: एक बैटरी 64 लक्ष्यों को ट्रैक कर 12 पर एक साथ हमला कर सकती है
सेना में हो रहा विस्तार
भारतीय सेना अब आकाश प्रणाली की तीसरी और चौथी रेजिमेंट के गठन की दिशा में भी आगे बढ़ रही है। इस प्रणाली की क्षमता को देखते हुए कई अन्य देशों ने इसे खरीदने की रुचि दिखाई है, हालांकि ब्राजील ने फिलहाल बातचीत को स्थगित कर दिया है।
आकाश एयर डिफेंस सिस्टम, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO), भारत डायनामिक्स लिमिटेड और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है। यह प्रणाली भारतीय थल सेना और वायु सेना दोनों के साथ परिचालन सेवा में है और सीमाओं पर भारत की सुरक्षा क्षमताओं को और अधिक मजबूत बनाती है।
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