अजय सेठ बने IRDAI के नए अध्यक्ष, जानिए उनके कार्यकाल और भूमिका की पूरी जानकारी
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के वरिष्ठ अधिकारी एवं पूर्व आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ को भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDAI) का नया अध्यक्ष नियुक्त किया है। उनका कार्यकाल तीन वर्षों का होगा या फिर जब तक वे 65 वर्ष की आयु तक नहीं पहुंचते, या फिर अगले आदेश तक – जो भी पहले हो – तब तक यह नियुक्ति प्रभावी रहेगी। इस संबंध में सरकार ने गुरुवार को एक आधिकारिक अधिसूचना जारी कर दी।
चार महीने से खाली था अध्यक्ष पद
IRDAI के अध्यक्ष पद की नियुक्ति लंबे समय से लंबित थी। करीब चार महीने पहले यह पद खाली हुआ था। अब सरकार ने इस अहम पद पर अजय सेठ को नियुक्त कर बीमा क्षेत्र में स्थायित्व और दिशा तय करने की कोशिश की है।

कर्नाटक कैडर के वरिष्ठ IAS अधिकारी हैं अजय सेठ
अजय सेठ कर्नाटक कैडर के 1987 बैच के IAS अधिकारी हैं। वे हाल ही में, जून 2025 में आर्थिक मामलों के सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने वित्त मंत्रालय में कई महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाईं और भारत की आर्थिक नीतियों के निर्माण में सक्रिय योगदान दिया। आर्थिक मामलों के सचिव रहते हुए उन्होंने बजट निर्माण, पूंजी बाजार नीति, वैश्विक आर्थिक संबंध और बहुपक्षीय वित्तीय संस्थानों से जुड़े विषयों पर काम किया।
बीमा क्षेत्र में मिलेगी नई दिशा
IRDAI भारतीय बीमा क्षेत्र का नियामक निकाय है, जो देश में बीमा कंपनियों के संचालन, लाइसेंसिंग, उपभोक्ता हितों की सुरक्षा और उद्योग के विकास को नियंत्रित करता है। अजय सेठ की नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब बीमा क्षेत्र में कई नीतिगत सुधारों और विस्तार की संभावनाएं प्रबल हो रही हैं। सरकार बीमा क्षेत्र में निजी निवेश, उपभोक्ता पहुंच और डिजिटल विस्तार को बढ़ावा देने के प्रयास कर रही है।

मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने दी मंजूरी
सरकार की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक, मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति (ACC) ने अजय सेठ की नियुक्ति को अपनी मंजूरी दी है। यह नियुक्ति प्रक्रिया केंद्र सरकार के उच्चस्तरीय प्रशासनिक निर्णयों का हिस्सा है, जिसे प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में गठित नियुक्ति समिति अंतिम रूप देती है।
बीमा क्षेत्र को लेकर सरकार की योजना
हाल के वर्षों में केंद्र सरकार बीमा क्षेत्र को अधिक प्रतिस्पर्धी, पारदर्शी और ग्राहक-हितैषी बनाने की दिशा में सक्रिय रही है। बीमा अधिनियम में संशोधन, विदेशी निवेश की सीमा बढ़ाना, बीमा उत्पादों की सरलता, डिजिटल क्लेम प्रोसेसिंग जैसी पहलों से यह स्पष्ट संकेत मिलते हैं कि सरकार इस क्षेत्र को आर्थिक विकास का एक प्रमुख इंजन मानती है।
अब अजय सेठ जैसे अनुभवी अफसर की नियुक्ति से उम्मीद जताई जा रही है कि बीमा उद्योग में नवाचार, निगरानी व्यवस्था और ग्राहक सेवा में महत्वपूर्ण सुधार देखने को मिलेंगे।
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