दिल्ली एयरपोर्ट पर एयर इंडिया विमान में आग, 160 यात्रियों वाली फ्लाइट रोकी गई
नई दिल्ली।
देश की राजधानी दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सोमवार को एक बड़ा हादसा टल गया। एयर इंडिया की एक इंटरनेशनल फ्लाइट के पिछले हिस्से में स्थित ऑक्सिलरी पावर यूनिट (APU) में अचानक आग लग गई। घटना उस समय हुई जब विमान गेट पर पार्क हो चुका था और यात्री उतर रहे थे। सौभाग्यवश किसी यात्री या क्रू सदस्य को कोई चोट नहीं पहुंची।
यह फ्लाइट AI-315 थी, जो हांगकांग से दिल्ली आई थी। दोपहर 12:12 बजे इसने दिल्ली एयरपोर्ट पर सुरक्षित लैंडिंग की थी। लेकिन जैसे ही विमान गेट पर खड़ा हुआ और यात्री उतरने लगे, वैसे ही APU से धुआं निकलता देखा गया और फिर उसमें आग लग गई। गनीमत रही कि यह हिस्सा विमान की पूंछ में होता है और विमान के भीतर किसी को नुकसान नहीं पहुंचा।

क्या होता है ऑक्सिलरी पावर यूनिट (APU)?
APU एक छोटा गैस टर्बाइन इंजन होता है, जो विमान की टेल यानी पिछली ओर स्थित होता है। इसका उपयोग मुख्य इंजन बंद होने की स्थिति में विमान के अहम सिस्टम जैसे एयर कंडीशनिंग, लाइटिंग और इलेक्ट्रिकल कंट्रोल्स को सक्रिय बनाए रखने के लिए किया जाता है। जब विमान टर्मिनल पर खड़ा होता है, तो APU ही सभी ऊर्जा संबंधी ज़रूरतों को पूरा करता है ताकि मुख्य इंजन का इस्तेमाल न करना पड़े और ईंधन की बचत हो।
APU का स्वत: बंद होना सुरक्षा प्रणाली का हिस्सा होता है। हादसे के समय यही हुआ, जिससे आग की तीव्रता अधिक नहीं बढ़ी और एक बड़ा खतरा टल गया। एयरपोर्ट फायर डिपार्टमेंट ने तुरंत मोर्चा संभालते हुए आग पर काबू पा लिया।
एयर इंडिया का आधिकारिक बयान
एयर इंडिया ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि, “हमारी फ्लाइट AI-315 जो हांगकांग से दिल्ली आ रही थी, उसमें APU से संबंधित एक मामूली आगजनी की घटना सामने आई है। सभी यात्री और क्रू मेंबर सुरक्षित हैं। विमान को फिलहाल संचालन से हटा लिया गया है और विस्तृत तकनीकी जांच की जा रही है। हमने इस संबंध में DGCA (डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन) को भी सूचना दे दी है।”
विमानन सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की घटनाएं दुर्लभ होती हैं, लेकिन इनमें सावधानी बरतना अत्यंत आवश्यक है। दिल्ली एयरपोर्ट के सुरक्षा कर्मियों और फायर यूनिट की तत्परता ने इस स्थिति को जल्द काबू में किया।

दूसरी फ्लाइट में भी तकनीकी खामी: दिल्ली-कोलकाता उड़ान रोकी गई
इसी दिन एयर इंडिया की एक और फ्लाइट में तकनीकी खराबी की वजह से उड़ान भरने से ठीक पहले विमान को रोक दिया गया। फ्लाइट AI-2403 दिल्ली से कोलकाता जाने वाली थी। इस विमान में कुल 160 यात्री सवार थे और यह रनवे पर उड़ान भरने की तैयारी कर रहा था।
लेकिन तभी पायलट को तकनीकी खराबी का संकेत मिला, जिसके बाद तुरंत कंट्रोल टॉवर को सूचना दी गई और विमान को रोक दिया गया। यात्रियों को सुरक्षित रूप से विमान से उतार लिया गया और उन्हें वैकल्पिक उड़ानों से भेजने की व्यवस्था की गई।
यात्रियों में मची हलचल, लेकिन बचाव कार्य रहा प्रभावी
विमान के रनवे से वापस लौटने की खबर से यात्रियों में हलचल जरूर मची, लेकिन एयर इंडिया के स्टाफ और एयरपोर्ट प्रबंधन ने बेहद संयम और कुशलता से हालात को संभाल लिया। किसी भी यात्री को कोई नुकसान नहीं हुआ और सभी को पूरी जानकारी दी गई।
इस घटना के बाद तकनीकी विशेषज्ञों और इंजीनियरों की टीम ने विमान की जांच की और बताया कि तकनीकी गड़बड़ी मामूली थी, लेकिन सावधानी के लिहाज से विमान को उड़ान से हटाना ज़रूरी था।
लगातार तकनीकी घटनाओं से उठे सवाल
दोनों घटनाओं ने एयर इंडिया के विमानों की तकनीकी विश्वसनीयता और रखरखाव व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह ध्यान देने योग्य है कि एयर इंडिया टाटा समूह के अधीन आने के बाद से लगातार अपने नेटवर्क, सेवाओं और संचालन में सुधार कर रही है, लेकिन हाल की घटनाएं यह संकेत देती हैं कि तकनीकी निगरानी और सुरक्षा उपायों को और मज़बूत करने की आवश्यकता है।
विमानन विशेषज्ञों का कहना है कि चाहे APU में आग की घटना हो या रनवे पर विमान की तकनीकी खराबी, दोनों ही मामले यात्रियों की सुरक्षा के लिए गंभीर हैं। DGCA और अन्य नियामक संस्थाओं को इस पर कड़ी निगरानी रखते हुए समय-समय पर ऑडिट और जांच करनी चाहिए।

यात्रियों की प्रतिक्रिया
हांगकांग से दिल्ली आए कुछ यात्रियों ने मीडिया से बातचीत में कहा कि विमान उतर चुका था और वे उतर ही रहे थे, इसलिए किसी को कोई घबराहट महसूस नहीं हुई। वहीं, दिल्ली-कोलकाता फ्लाइट के यात्रियों ने कहा कि पहले तो थोड़ी घबराहट हुई, लेकिन क्रू और ग्राउंड स्टाफ की सतर्कता से हालात संभल गए।
सतर्कता से टला बड़ा हादसा, लेकिन सुधार की दरकार
दिल्ली एयरपोर्ट पर एयर इंडिया की फ्लाइट में आग की घटना और दूसरी फ्लाइट में तकनीकी खराबी दोनों ही घटनाएं यह बताती हैं कि सतर्कता और त्वरित कार्रवाई के चलते बड़े हादसे को टालना संभव हुआ। लेकिन लगातार इस तरह की घटनाएं यह भी संकेत देती हैं कि विमान रखरखाव, निगरानी और सुरक्षा में और सुदृढ़ता लाने की आवश्यकता है।
यदि समय रहते सभी विभाग अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करें, तो यात्रियों का विश्वास कायम रखा जा सकता है।
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