अहमदाबाद विमान हादसे के बाद 112 पायलटों ने ली छुट्टी, एयर इंडिया को DGCA के 4 नोटिस
नई दिल्ली। अहमदाबाद विमान हादसे के महज चार दिन बाद एअर इंडिया के 112 पायलटों ने एक साथ बीमारी की छुट्टी ले ली। यह जानकारी नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने गुरुवार को संसद में दी। उन्होंने बताया कि 16 जून को 61 सीनियर पायलट और 51 फ्लाइट ऑफिसरों ने चिकित्सा अवकाश के लिए आवेदन किया था।
मंत्री के इस बयान के बाद विमानन क्षेत्र में पायलटों के मानसिक स्वास्थ्य, एयरलाइनों की कार्यशैली और सुरक्षा उपायों को लेकर गंभीर बहस छिड़ गई है। वहीं, दूसरी ओर DGCA (डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन) ने एअर इंडिया को चार कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं, जिनमें क्रू के आराम, ड्यूटी नियमों और प्रशिक्षण से जुड़े गंभीर उल्लंघनों की बात कही गई है।
हादसे के बाद पायलटों में मानसिक दबाव, मंत्रालय ने जताई चिंता
राम मोहन नायडू ने संसद में स्पष्ट किया कि इस तरह के हादसों के बाद पायलटों के मानसिक स्वास्थ्य को गंभीरता से समझना और उसका समाधान करना बेहद आवश्यक है। उन्होंने बताया कि मंत्रालय ने सभी एयरलाइनों को सलाह दी है कि वे अपने पायलटों और अन्य क्रू सदस्यों के लिए ‘मेंटल हेल्थ सपोर्ट ग्रुप’ बनाएं, ताकि भविष्य में ऐसे हादसों के बाद कर्मचारियों को मनोवैज्ञानिक मदद मिल सके।

अहमदाबाद विमान हादसा: सरकार ने कहा, “जांच रिपोर्ट से ही सामने आएगी सच्चाई”
21 जुलाई को राज्यसभा में राम मोहन नायडू ने अहमदाबाद विमान हादसे को लेकर कहा था कि “सरकार किसी मीडिया रिपोर्ट या अटकलों के आधार पर कोई निष्कर्ष नहीं निकालेगी।” उन्होंने कहा कि Aircraft Accident Investigation Bureau (AAIB) इस हादसे की निष्पक्ष, पारदर्शी और पूरी तरह नियमानुसार जांच कर रही है।
उन्होंने यह भी कहा कि कुछ भारतीय और विदेशी मीडिया संस्थान अपनी-अपनी कहानियां और दृष्टिकोण पेश कर रहे हैं, परंतु सरकार केवल तथ्यों और जांच रिपोर्ट पर भरोसा करेगी। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि चाहे वह पायलट की भूमिका हो, एयरलाइन की, या बोइंग कंपनी की—सरकार किसी के भी पक्ष में नहीं है।
DGCA का बड़ा कदम: एअर इंडिया को चार कारण बताओ नोटिस
इसी बीच, DGCA ने 23 जुलाई को एअर इंडिया को चार कारण बताओ नोटिस भेजे हैं। ये नोटिस पिछले एक वर्ष में एयर इंडिया द्वारा दी गई स्वैच्छिक सूचनाओं के आधार पर जारी किए गए हैं। DGCA के अनुसार, इन नोटिसों में निम्न बिंदुओं पर स्पष्टीकरण मांगा गया है:
- केबिन क्रू की ड्यूटी और आराम के नियमों का उल्लंघन
- प्रशिक्षण नियमों (Training Rules) में लापरवाही
- ऑपरेशनल प्रोसीजर के पालन में चूक
- सुरक्षा मानकों से जुड़ी अन्य अनियमितताएं
एअर इंडिया के प्रवक्ता ने कहा कि उन्हें ये नोटिस पिछले एक साल में स्वैच्छिक रूप से दी गई सूचनाओं के आधार पर मिले हैं। एयरलाइन ने यह भी स्पष्ट किया कि “हम तय समय में DGCA को विस्तृत उत्तर देंगे। हमारी प्राथमिकता हमारे क्रू और यात्रियों की सुरक्षा है।”
एयरलाइन ने पहले ही दी थी DGCA को सूचना
सूत्रों के अनुसार, 20 और 21 जून को एअर इंडिया ने DGCA को कुछ संभावित उल्लंघनों की सूचना दी थी। इसी सूचना के आधार पर तीन कारण बताओ नोटिस 20 जून को जारी किए गए थे।
इनमें कम से कम चार उड़ानों में केबिन क्रू की ड्यूटी और विश्राम संबंधी नियमों के उल्लंघन की बात सामने आई है। इन घटनाओं में यह पाया गया कि क्रू मेंबर्स को निर्धारित समय से अधिक समय तक ड्यूटी पर लगाया गया, जिससे उनकी कार्यक्षमता और उड़ान की सुरक्षा पर खतरा उत्पन्न हुआ।

क्या कहती हैं एविएशन इंडस्ट्री से जुड़ी संस्थाएं?
विमानन क्षेत्र के विशेषज्ञों का मानना है कि भारत में पायलटों और केबिन क्रू पर लगातार बढ़ता कार्यभार, मानसिक दबाव और ड्यूटी टाइम के उल्लंघन जैसे मुद्दे लंबे समय से उठाए जा रहे हैं। अहमदाबाद हादसे के बाद 112 पायलटों द्वारा चिकित्सा अवकाश लेना इस ओर इशारा करता है कि एयरलाइनों को अब ‘क्रू वेलफेयर’ को प्राथमिकता देनी होगी।
आगे की राह: सुधार की ज़रूरत
एविएशन मंत्रालय द्वारा पायलटों के लिए सपोर्ट ग्रुप बनाने की सिफारिश स्वागत योग्य कदम है, परंतु इसे ज़मीनी स्तर पर क्रियान्वित करना उतना ही आवश्यक है। साथ ही, DGCA को एयरलाइनों के संचालन पर सख्त निगरानी बनाए रखने की ज़रूरत है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों।
अहमदाबाद विमान हादसे के बाद भारतीय एविएशन सेक्टर पर कई तरह के सवाल खड़े हो गए हैं। मानसिक स्वास्थ्य, ड्यूटी नियमों का पालन, और सुरक्षा प्राथमिकताओं जैसे मुद्दे अब हाशिए पर नहीं, बल्कि केंद्र में आ गए हैं। सरकार और विमानन कंपनियों को मिलकर पारदर्शिता, जवाबदेही और सुरक्षा को प्राथमिकता देनी होगी, तभी यात्रियों का भरोसा बना रहेगा।
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